पटना। बिहार विधानसभा का तीसरे चरण का मतदान के पूर्व दिवस पर भ्रष्टाचार नहीं सहन करने का संदेश देने के सिलसिले में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक ओपी चौधरी के खिलाफ ईडी ने एक बड़ा एक्शन लिया है।इनके साथ तत्कालीन अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद समेत कुल पांच डॉक्टरों के खिलाफ अस्पताल के लिए दवा, केमिकल, चिकित्सा उपकरण व अन्य मशीनों की खरीद में करोड़ों में के घोटाले के मामले हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक की 3.14 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। धनशोधन निवारण कानून के तहत जारी अनंतिम आदेश के मुताबिक पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक की सम्पति जब्त की गई है।पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक के पटना, गाजियाबाद, पुणे और बेंगलुरु स्थित फ्लैट और साथ ही साथ प्लॉट, 3 गाड़ियां और बैंकों में जमा राशि भी जब्त की गई हैं।बताया कि जब्त संपत्ति का कुल मूल्य 3.14 करोड़ रुपये है। इस मामले में निदेशालय उनसे कई बार पहले भी पूछताछ कर चुका है। बताया जाता है कि करीब एक दशक पहले पीएमसीएच में दवा टेंडर में हुए घोटाले को लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश चौधरी समेत 15 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांच में पाया गया कि 2008-09 और 2009-10 के दौरान पीएमसीएच के अधिकारियों द्वारा दवाइयां, रसायन, उपकरण और मशीनें स्थानीय विक्रेताओं तथा कमीशन एजेंटों से खरीदे गए और इस संबंध में निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पटना टीम ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के बहुचर्चित दवा व उपकरण खरीद घोटाले के आरोपी डॉ. ओमप्रकाश चौधरी की तीन करोड़, 14 लाख, 221 रुपये की चल व अचल सम्पत्ति शुक्रवार को जब्त कर ली है। ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह तो जब्त की गई संपत्ति की कागजी कीमत है। दरअसल, जब्त सपत्ति की मौजूदा बाजार कीमत करीब 25 करोड़ से भी अधिक है।
डॉ. ओमप्रकाश चौधरी के खिलाफ यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए, 2002) के तहत की गई है। बता दें कि इस घोटाले में डॉ. चौधरी के अलावा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने कुल पांच लोगों को अभियुक्त बनाया था। ईडी सूत्रों ने बताया कि डॉ. चौधरी की पुणे, गाजियाबाद, बेंगलुरु और पटना में जमीन के कुल नौ प्लाट जब्त कर लिए हैं। इसकी खरीद की कीमत दो करोड़, 60 लाख, 4 हजार, 174 रुपये बताई जाती है। साथ ही डॉ. चौधरी के पास से चार वाहन भी जब्त किये गए हैं जिनकी कीमत 25 लाख, 86 हजार, 602 रुपये आंकी गई है। इसके अलावा डॉ. चौधरी व उनके परिजनों के नाम विभिन्न बैंकों में जमा 28 लाख, 09 हजार, 445 रुपये की नकदी भी जब्त की गई है। बता दें कि पीएमसीएच के तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश चौधरी और तत्कालीन अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद समेत कुल पांच डॉक्टरों के खिलाफ अस्पताल के लिए दवा, केमिकल, चिकित्सा उपकरण व अन्य मशीनों की खरीद में करोड़ों में के घोटाले के मामले हैं । यह मामला वर्ष 2009-10 का है। जाँच में पाया गया कि इस खरीद में कई स्तर पर घोटाला किया गया था। बाजार मूल्य से कई गुना अधिक भुगतान किया गया और दलालों के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं से करोड़ों का कमीशन भी वसूला गया । दवा घोटाला मामले में पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉ ओपी चौधरी की संपत्ति जब्त की जाएगी। ईडी ने गुरुवार को डॉ. ओपी चौधरी का बयान दर्ज किया। ईडी ने उन्हें पहले ही समन जारी किया था। बयान दर्ज करने की कार्रवाई सुबह 11 से शाम 7 बजे तक चली। ईडी सूत्रों के मुताबिक पीएमसीएच में हुए घोटाले में उनकी संलिप्तता और उनकी संपत्ति के संबंध में पूछताछ की गई। आठ घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उनके बयान दर्ज किए गए। माना जा रहा है कि ईडी की ओर से डॉ. ओपी चौधरी की संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जब्त किया जाएगा। मामला वर्ष 2008-09 व 2009-10 का है, जब पीएमसीएच में दवा खरीद के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ था। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस मामले की जांच 2013 में शुरू की थी। निगरानी द्वारा की गई चार्जशीट को आधार बनाकर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ईसीआईआर दर्ज किया था। इसमें पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ओपी चौधरी, उपाधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद, नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि और अशोक कुमार यादव समेत 15 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
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