नीतीश जी सात बार में चार बार एनडीए से सीएम
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद जदयू ने नीतीश कुमार को विधानमंडल के नेता चुन लिया है.इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि महागठबंधन को जनता ने समर्थन दिया. पूरा समर्थन जनता का उनके साथ था.सीटें भी लगभग जीत गए थे.इतना बड़ा धोखा लोकतंत्र में किसी के साथ नहीं हुआ होगा जितना बड़ा धोखा भाजपा ने वहां के लोगों के साथ किया है और महागठबंधन को बेईमानी से हराया है. सांसद मनोज कुमार ने कहा कि हार से दुःखी होना एक बात है!पर अपने ही नियमों व प्रक्रियाओं की अनदेखी करने वाले चुनाव आयोग और उसे सेवाएँ दे रहे नीतीश के चुने हुए प्रशासन के चापलूस व भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा जैसे तैसे कर जर्बदस्ती हरवा देने से पूरी तरह से असंतुष्ट व क्रुद्ध होना दूसरी बात है! राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा है कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि BJP 74 सीट लाती है लेकिन CM का चेहरा नहीं है.उनको खोजना भी नहीं है.पूर्व घोषित निर्णयानुसार नीतीश कुमार को ही एनडीए नेता मान लिया.हालांकि सीट के अनुसार तीसरी नम्बर जदयू दल के 43 सीट वाले को CM पद का उम्मीदवार चुन लिये. 4 सीट HAM और VIP की है.
एनडीए द्वारा मुख्यमंत्री चुनने के बाद नीतीश कुमार ने बयान जारी कर कहा कि मैं सीएम बनना नहीं चाहता था.मैं चाहता था बीजेपी से सीएम बने.बीजेपी नेताओं के आग्रह पर सीएम बना हूं. नीतीश कुमार कल लेंगे सीएम पद की शपथ.सोमवार को साढ़े चार बजे होगा शपथग्रहण.सुशील मोदी को भाजपा विधानमंडल का नेता चुना गया.कटिहार के विधायक तार किशोर प्रसाद को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है.वहीं बेतिया मझौलिया की विधायक रेणु देवी को भाजपा विधायक दल की उपनेता चुनी गयी हैं.डिप्टी सीएम सुशील मोदी को लेकर संस्पेंस बरकरार.सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा.13 साल तक डिप्टी सीएम रहा.आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता. कटिहार के विधायक तार किशोर प्रसाद को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर सुशील मोदी ने तार किशोर जी को भाजपा विधानमंडल का नेता सर्वसम्मति से चुने जाने पर कोटिशः बधाई ! वे चार बार से विधायक बनते जा रहे हैं.इस पर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाद में पता चल जाएगा.इसी तरह नीतीश कुमार ने भी कहा कि उप मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि समय आने पर बता दिया जाएगा.उप मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ,महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव आदि कई बार बैठक की. नीतीश कुमार सातवीं बार बनेंगे बिहार के मुख्यमंत्री, 7वीं बार शपथ लेकर रचेंगे इतिहास. सात बार में चार बार एनडीए से सीएम बने हैं.यह सब कल होगा.बिहार विधानसभा विधानसभा चुनाव-2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 125 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत के साथ जीत गई है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं बार शपथ लने वाले हैं। चुनाव में जीत के साथ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक और इतिहास रचने वाले हैं। नीतीश लगातार चौथी बार और कुल सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे। वे राज्य के 37वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। बिहार में आरजेडी को हटाकर सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले नीतीश कुमार ने सत्ता की बागडोर कभी अपने हाथ से फिसलने नहीं दी। नीतीश बहुमत के साथ भले ही 2005 में सीएम बने लेकिन इससे पहले साल 2000 में भी वो सीएम पद की शपथ ले चुके थे। हालांकि कुछ ही समय बाद बहुमत साबित न हो पाने का कारण उनकी सरकार गिर गई थी।
नीतीश मुख्यमंत्री बने तो वे सातवीं बार शपथ लेंगे:
– सबसे पहले वह 03 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने थे लेकिन बहुमत के अभाव में सात दिन में उनकी सरकार गिर गई.
– 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.
– 26 नवंबर 2010 में तीसरी बार उनकी ताजपोशी हुई.
– 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया लेकिन 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
– 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
– फिर आरजेडी का साथ छोड़ा तो बीजेपी के साथ 27 जुलाई 2017 को छठी बार ताजपोशी हुई.
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार यह घोषणा कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वे पहले ही राज्य के दूसरे सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहे हैं.नीतीश ने अलग अलग कार्यकालों में 14 वर्षों से भी अधिक समय तक राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है. ऐसा पहली बार है कि उन्होंने चुनाव से अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है.हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा रैलियां कीं मगर महागठबंधन अब भी बहुमत से दूर दिख रहा है. बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से NDA ने 125 सीटों पर जीत हासिल की है.महागठबंधन ने 110 सीट
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