स्वास्थ्य मंत्री रविवार को विदिशा आएंगे
प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी रविवार 29 नवम्बर को विदिशा आएंगे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार रविवार की प्रातः 11.30 बजे सांची से विदिशा के लिए प्रस्थान कर प्रातः 11.45 बजे विदिशा आएंगे और स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी सायं पांच बजे विदिशा से भोपाल के लिए रवाना होंगे।
प्रभारी सचिव ने संक्रमितों से संवाद किया
मोबाइल पर चर्चा
प्रभारी सचिव श्री उमाकांत उमराव ने मेडीकल कालेज के डिस्ट्रिक्ट कोविड कमाण्ड कंट्रोल सेन्टर में पहुंचकर क्रियान्वित व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां मौजूद चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ से रू-ब-रू होकर जानकारियां प्राप्त की। स्टाप के द्वारा दी जाने वाली जानकारी का मौके पर क्रास बेरिफिकेशन मौके पर उनके द्वारा किया गया है। प्रभारी सचिव श्री उमाकांत उमराव जी ने कोविड 19 से संक्रमित कृष्णा कालोनी में निवासरत होम आइसोलेट मरीज एवं उनकी बहन से दर्ज मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की और मौके पर दोनो का मनोबल बढाते हुए कहा कि आप दवाओं का नियमित सेवन करें साथ ही जो-जो जानकारी दी जा रही है उसका पालन करें। खान-पान के रूप में क्या-क्या चीजे हर रोज लेते है के संबंध में भी उन्होंने पूछताछ की हैं। यहां कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने स्वंय अपने हाथ में मोबाइल लेकर प्रभारी सचिव की बात कृष्णा कालोनी के मरीज से कराई और चिकित्सकों द्वारा कब-कब सम्पर्क किया जाता है कि क्रास मानिटरिंग की है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह, मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे, मेडीकल कॉलेज के एमडी डॉ प्रशांत वडगवालकर, एसडीएम श्री गोपाल सिंह वर्मा भी मौजूद रहें।
कंटेनमेट क्षेत्र का भ्रमण
प्रभारी सचिव श्री उमाकांत उमराव ने विदिशा शहर में अरिहन्त बिहार क्षेत्र में सर्वाधिक कोविड 19 के संक्रमित व्यक्ति अब तक की अवधि में पाए गए है। उक्त कंटेनमेंट क्षेत्र का भ्रमण कर जायजा लिया यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से संवाद कर निरीक्षण के उद्वेश्यों को रेखांकित किया है।
खुशनुमा माहौल मरीजो को दें-प्रभारी सचिव
खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी
लिखित सूचना आयोजन के दो दिन पूर्व देनी होगी
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आज विदिशा नगर में संचालित वैवाहिक स्थलों के स्वामित्वो के साथ-साथ कैटरिंग, बैण्ड, डीजे, टेन्ट की बैठके आहूत कर उन्हें कोरोना वायरस कोविड 19 की नवीनतम गाइड लाइन से अवगत कराते हुए पालन कराए जाने पर जोर दिया है। कलेक्टर डॉ जैन ने पूर्व उल्लेखितों से कहा है कि विदिशा शहर में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देते हुए उनका क्रियान्वयन संबंधितों को करना अति आवश्यक है। उन्होंने पूर्व उल्लेखितों के स्वामित्वों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि आयोजन तिथि के लिए बुक किए जाने वाले वैवाहिक गार्डन, केटरिंग, बेण्ड, डीजे, टेन्ट इन सभी को बुकिंग की सूचना संबंधित थाने के साथ-साथ क्षेत्र के एसडीएम को दो दिन पूर्व लिखित देनी होगी जिसमें आयोजककर्ता का नाम, पता, मोबाइल नम्बर भी अंकित करना होगा। साथ ही कोविड 19 के संबंध में जारी नवीनतम आदेश सह निर्देशो का अक्षरशः पालन कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। लिखित सूचना पूर्व में नही देने वालो के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।
आरटीपीसीआर एवं रेट, दोनो से परीक्षण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि विदिशा जिले में कोरोना वायरस कोविड 19 से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हेतु आरटीपीसीआर एवं रेंट दोनो विधियों से सेम्पलो का परीक्षण किया जा रहा है। आरटीपीसीआर की सेम्पलों का रिजल्ट दूसरे दिन प्राप्त होता है इस अवधि में संक्रमित व्यक्ति इधर-उधर घूमने के कारण कोविड का संक्रमण को विस्तारित करते है। अतः संक्रमण को रोकने के लिए जिन व्यक्तियों के द्वारा सेम्पल दिया जा रहा है उन सभी को चौबीस घंटे घर में ही रहने की सलाह पूर्व में ही दी गई है। किन्तु उसका पालन सभी के द्वारा अक्षरशः नही किया जा रहा है। इस दौरान अनेक सेम्पलकर्ताओं के द्वारा भ्रमक पता दर्ज कराया गया है जिस कारण से पॉजिटिव आने पर संबंधित क्षेत्र में अमूक पॉजिटिव व्यक्ति की जानकारी प्राप्त नही होने के कारण एवं मोबाइल नम्बर अक्रियाशील हो जाने के कारण टै्रस करने में विलम्बता होती है इस अवधि में पॉजिटिव व्यक्ति अन्य के सम्पर्क में आने के कारण उन्हें भी संक्रमित कर देते है। त्वरित जानकारी प्राप्ति के उद्वेश्य से जिले में आरएटी (रेट) विधि से सेम्पलों का परीक्षण किया जा रहा है ताकि संक्रमण व्यक्ति की पहचान त्वरित हो सकें और उन्हें कोविड सेन्टर अथवा होमआइसोलेट के माध्यम से इलाज की सुविधा शीघ्र प्रारंभ की जा सकें। पारदर्शिता के लिए अब आधार कार्ड नम्बर की जानकारी भी सेम्पलकर्ता की ली जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि जिले में किन्चित अफवाहे फैलाई जा रही है कि आरटीपीसीआर विधि से सेम्पलों का परीक्षण नही किया जा रहा है कदापि निराधार व भ्रमक है। ततसंबंध में उन्होंने जिले के सभी जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों, स्वंयसेवी संस्थाओं एवं प्रचार-प्रसार के कृत को सम्पादित करने वाले मीडियोकर्मियों सहित अन्य फोरम से अपील की है कि भ्रमक स्थिति फैलाने वालो की सूचनाएं अविलम्ब दें ताकि उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा सकें। उन्होंने पुनः दोहराया है कि जिले में आरटीपीसीआर विधि से सेम्पलों का परीक्षण सतत जारी है।
’आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लिए निर्देश जारी’
आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड प्राप्त करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में बताया गया है कि आयुष्मान भारत निरामय योजना में गोल्डन कार्डधारक परिवार कोविड-19 सहित अन्य गंभीर रोगों का निःशुल्क उपचार करा रहे हैं। कार्ड नहीं होने पर नागरिक नहीं घबराएं कॉमन सर्विस सेंटर या कियोस्क सेवा केन्द्र पहुँचकर पात्रता की जाँच कराएं। 30 रूपए की फीस जमाकर गोल्डन कार्ड बनवाएं जा सकते है। गोल्डन कार्ड बनाने के लिए पारिवारिक समग्र आईडी/मतदाता पहचान पत्र या अन्य कोई सरकारी फोटो पहचान पत्र साथ में अवश्य लेकर लोक सेवा केन्द्र जाना होगा। नागरिक अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 14555/18002332085 पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट ंलनेउंदइींतंजण्उचण्हवअण्पदध् पर लॉग इन करने के अलावा लोक सेवा केन्द्र या जन सेवा केन्द्र पर संपर्क कर सकते हैं।
’ईपीएफ पेंशनर वर्ष में कभी भी जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे’
ईपीएफ पेंशनधारी कोविड-19 के दृष्टिगत अब आगामी आदेश तक अपने जीवन प्रमाण पत्र वर्ष में कभी भी संबंधित कार्यालयों में जमा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष नवंबर एवं दिसंबर माह के दौरान ईपीएफ पेंशनर जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने हेतु भविष्य निधि कार्यालय आते हैं ताकि पेंशनरों को देय मासिक पेंशन निरंतर प्राप्त होती रहें। कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा सभी पेंशनभोगी सुरक्षा के लिए पेंशनरों को नवम्बर-दिसम्बर माहों में कतारों से बचाने के लिए ईपीएफओ ऑफिस द्वारा एक प्रमुख नीतिगत बदलाव लाया गया है जिसके तहत ईपीएफ पेंशन अपनी सुविधाओं के अनुसार वर्ष के दौरान किसी भी समय डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जिन पेंशनरों ने जनवरी 2020 के बाद डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया है उन्हें एक साल पूरा होने तक जीवन प्रमाण पत्र जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है। जिन पेंशनरों को वर्ष 2020 में जारी किया गया है उन्हें संबंधित माह में अगले वर्ष डिजिटल जीवन प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। पेंशनर निकटतम अधिकृत कॉमन सर्विस सेंटर से डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं जिसके लिए केवल अपना मोबाइल नम्बर, बैंक पासबुक, पेंशन भुगतान आदेश संख्या और आधार नंबर ले जाना होगा। ऐप के माध्यम से अपने मोबाइल पर फिंगर प्रिंट स्केनर जोड़कर जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
’मध्यप्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश 2020’
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा प्रशासित वेट एवं अन्य पूर्व अधिनियमों के अन्तर्गत लंबित बकाया राशि के समाधान के लिये राज्य शासन के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश 2020, 26 सितम्बर 2020 से लागू किया गया है। इस योजना में 31 मार्च 2016 की अवधि तक के कर निर्धारण प्रकरणों में निकाली गई अतिरिक्त मांग की लंबित बकाया राशि के समाधान का प्रावधान रखा गया है। यह योजना 26 सितम्बर 2020 से 23 जनवरी 2021 तक की अवधि (120 दिवस) के लिये है। योजना के समुचित क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों द्वारा कर सलाहकारों, सीए, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ 145 से अधिक वेबिनारध्सेमिनार के माध्यम से समुचित संवाद स्थापित कर बकाया समाधान योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने का आग्रह किया गया है। इसी कड़ी में वेट के तहत पंजीयत रहे लगभग 3 लाख करदाताओं को बल्क एसएमएस के माध्यम से योजना का लाभ उठाने का अनुरोध किया गया। प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिये योजना का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया गया। समाधान योजना में 60 दिवस, 90 दिवस और 120 दिवस के भीतर आवेदन करने में पृथक-पृथक योजना के लाभ लिये जाने संबंधी प्रावधान किये गये हैं। योजना के 60 दिवस 24 नवम्बर 2020 को पूरे हो चुके हैं। योजना के इस प्रथम चरण में 16 हजार 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इन आवेदनों के साथ 115 करोड़ 30 लाख की राशि शासकीय कोष में जमा कराई गई है।
’टाइफाइड से बचाव’ ’दूषित पानी या संक्रमित भोज्य पदार्थ का उपयोग करने से बचें’
वर्तमान मौसम परिवर्तन की स्थितियों में सामान्य रूप से टाइफाइड और जलजनित बीमारियों से प्रभावित होने की आशंका आमजन के लिए बढ़ जाती है। टाइफाइड यानी मोतीझरा जिसे सामान्य भाषा में मियादी बुखार कहा जाता है, टाइफाइड सालमोनेला टाईफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया सामान्यतरू दूषित पानी या संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपता हैं। दूषित पानी या संक्रमित भोज्य पदार्थ का उपयोग करने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। तेज बुखार के साथ उल्टी, बदन दर्द, कमजोरी, सिरदर्द, पेटदर्द, भूख नहीं लगना आदि टाइफाइड के मुख्य लक्षण है। लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उचित जांच एवं उपचार कराना चाहिए। पेयजल छानकर एवं उबालकर उपयोग करें, बाहर का खाना खाने से बचें। ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों का उपयोग नहीं करें। फल या सब्जी को पानी से धोकर ही उपयोग करें। खाना खाने से पहले अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं। व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। किचन में भोज्य पदार्थ ढांक कर रखें। पानी पीने के लिए हेंडल वाले मग का उपयोग करें। बासी भोजन का प्रयोग नहीं करें, ताजा भोजन करें। दरवाजों के हैंडल, टेलीफोन एवं नल पर होने वाली गंदगी से बचें। नियमित तथा तेज बुखार के साथ उल्टी की शिकायत होने पर नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से संपर्क करें। सभी सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड की जॉच उपचार की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।
हिट एण्ड रन के एक प्रकरण में आर्थिक मदद जारी
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने सड़क दुर्घटना में मृतक के निकटतम परिजन को पन्द्रह हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी कर दी है। जारी आदेश में उल्लेख है कि कुरवाई के ग्राम अखाई निवासी जगदीश पुत्र रामदयाल की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाने पर मृतक की पत्नी श्रीमती रामकली बाई को 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता जारी कर दी गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा दिवस 5 दिसम्बर को मनाया जाएगा
आनन्द संस्थान मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा जारी निर्देशानुसार 5 दिसम्बर को अर्न्तराष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा दिवस के रुप में मनाया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने जिले के समस्त अधिकारियों, महाविद्यालयों के प्राचार्य और जिले के समस्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं आनंदक तथा आनंद क्लब एवं सामाजिक संस्थाओं को विभिन्न गतिविधियों तथा कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिये कहा है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वे अपने संस्थान, विभाग में कर्मचारियों एवं एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाईड, आनंदक, अन्य समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा 5 दिसम्बर को स्वैच्छिक सेवा दिवस के रुप में मनाएं। इस अर्न्तराष्ट्रीय स्वैच्छिक दिवस पर सब अपने-अपने स्थान पर एक साथ मिलकर गतिविधियाँ, कार्यक्रम कर सकते हैं। जिसमें रचनात्मक गतिविधियाँ, वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करना, अस्पतालों में मरीजों को फल-फूल देकर उनके जल्द स्वास्थ्य की कामना करना, सभी आनंदक मिलकर इस दिन को उत्सव के रुप में मनाना, स्वयं बनाकर या सार्वजनिक भोजनालय में भूखों को भोजन परोसने की गतिविधियां की जा सकती हैं। साथ ही सार्वजनिक स्थलों, जलस्त्रोतों, विद्यालय, अस्पताल, कॉलेजों, पार्क आदि पर स्वच्छता के कार्यक्रम, रक्तदान शिविर का आयोजन, स्वैच्छिक भाव से समाज को आनंद के प्रसार में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों का सम्मान भी किया जा सकता है। इन कार्यक्रमों तथा गतिविधियों में विद्यार्थी, गृहणी, व्यवसायी, वृद्ध स्वैच्छिक संस्थाओं के कार्यकर्ता, विभिन्न युवा वर्ग आदि शामिल हो सकते हैं। कलेक्टर डॉ जैन ने संबंधितों से कहा है कि अपने कार्यालय, संस्थान या स्थान पर राज्य स्वैच्छिक सेवा दिवस आयोजित कर स्वैच्छिक सेवा या मदद के भाव से जनमानस को समाज में प्रसारित प्रचारित करें। इसके साथ ही संपन्न कार्यक्रम की समस्त रिपोर्टिंग राज्य आनंद संस्थान की मेल आईडी या वाट्सएप नंबर पर प्रेषित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। इन कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजनों में कोविड-19 के नियमों का पालन पूर्णतः सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।
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