मुजफ्फरपुर. आज किसान आंदोलन के समर्थन में मुजफ्फरपुर (बिहार) के शहीद खुद्दीराम बोस स्मारक स्थल प्रांगण में, विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से एक सत्याग्रह का आयोजन किया गया.एकता परिषद्, मुजफ्फरपुर की ओर से संयोजक रामलखेंद्र तथा अध्यक्ष शिवनाथ पासवान ने कार्यक्रम में शिरकत किया. साथी शिवनाथ पासवान ने सत्याग्रह को संबोधित करते हुए एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही. राजगोपाल जी का किसान आंदोलन संबंधी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया तथा किसान की बेहतरी के लिए गाँधीवादी तरीके से चलाये जाने वाले किसी भी संघर्ष के समर्थन की बात कही. किसान दिल्ली घेरकर बैठा है, आंदोलनकारी किसान अक्सर अपनी बाते रखते समय दिल्ली के लोगों को हो रही परेशनी के लिए माफी मांगते है, खुद अपने खेत, घर छोड़कर, तेज ठंड में सड़क पर संघर्ष कर रहे इन किसानों का दिल कितना बड़ा है, इन्हें अपनी चिंता नही है, बल्कि इस बात कि चिंता है कि इनकी वजह से आम भारतवासी को परेशानी ना हो. एम्बुलेंस के लिए रास्ता दे रहे, पर कुछ लोग इन्हीं किसानों के खिलाफ बातें कर रहे हैं, खैर इस देश का नागरिक सच जानता है कि अन्नदाता दुखी है, उसे हमारे साथ की जरूरत है, और हम हमारे अन्नदाता के साथ हर कदम पर है. अपनी बहुत जायज़ मांगो के साथ देश के किसान बीते 4 महीने से आन्दोलन कर रहे हैं, सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी, मजबूरन उन्हें दिल्ली घेरना पड़ा.
आखिर क्यों अन्नदाता, आंदोलन कर रहा है??
लॉकडाउन के समय हमारी केंद्र सरकार ने चोर दारवाज़े से 3 आध्यदेश लाये, जो अब कानून बन गए हैं. इन कानूनों में लिखा है अब व्यापारी जितना चाहे मॉल स्टॉक कर सकता है, इसका मतलब है कि वो बाजार और रेट पर भी नियंत्रण कर सकता है. दूसरा APMC मंडियां खत्म करने का हिडन एजेंडा कानूनों में है. किसान सिर्फ इतना चाहते हैं उन्हें उनकी फसल का सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम मूल्य मिल जाये, क्या इतना हक भी नहीं हमारे किसानों को?? वो चाहते हैं, ये किसान विरोधी तीनों कानून वापस हो जाएं. अभी जरूरत इस बात की है कि हमारी थाली में रोटी पहुंचाने वालों का हम साथ दें. इस सोमवार (7 दिसंबर, 2020) को आइये हम सब अपने अन्नदाता के समर्थन में 1 दिन उपवास रख अन्नत्याग करें, और ईश्वर से सरकार की सदबुद्धि के लिए प्रार्थना करें. हमें पता है, आप अपने अन्नदाता का साथ जरूर देंगे, 7 दिसम्बर दिन सोमवार सुबह 7 से शाम 7 बजे तक.
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