सिंहवाहिनी। सीताजी की जन्मस्थली है सीतामढ़ी। यहां पर सिंहवाहिनी नामक गांव है।यहां से एक बहुत ही दुखदायी मसले के बारे में पता चली है। यहां पर एक नाबालिग लड़की को बाइक से टक्कर मार देने की खबर है। बताया जाता है कि सिंहवाहिनी गांव के एक लड़के के द्वारा लंबे समय से 15 साल की रचना नामक लड़की के पीछा किया जा रहा था। 20 नवंबर को, उसने अपनी बाइक पर उसका पीछा किया और फिर उसे बाइक से टक्कर मारकर भाग गया। मुकदमा दायर किया गया है लेकिन लड़की ने अपनी आंतों को तोड़वा बैठी।उसका एक सर्जरी की गई और वह 6 दिन बाद होश में आई। हालाँकि उसे 10 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया था। उसके पिता ने सर्जरी के लिए भुगतान किया है, लेकिन उसके बाद के खर्च के लिए पैसे नहीं थे। लगभग 50,000 की जरूरत थी। क्या आप लोगों में से कोई मदद कर सकता है?इस अपील पर कोरोना वाट्सअप ग्रुप ने जरूरी राशि उपलब्ध करवाने के बाद 83 हजार 350 रु.अदाकर घर वापस आयी। श्रीमती रामकली हॉस्पिटल एण्ड रिचर्स सेंटर, सीतामढ़ी में भर्ती थीं।
सिंहवाहिनी। सीताजी की जन्मस्थली है सीतामढ़ी। यहां पर सिंहवाहिनी नामक गांव है।यहां से एक बहुत ही दुखदायी मसले के बारे में पता चली है। यहां पर एक नाबालिग लड़की को बाइक से टक्कर मार देने की खबर है। बताया जाता है कि सिंहवाहिनी गांव के एक लड़के के द्वारा लंबे समय से 15 साल की रचना नामक लड़की के पीछा किया जा रहा था। 20 नवंबर को, उसने अपनी बाइक पर उसका पीछा किया और फिर उसे बाइक से टक्कर मारकर भाग गया। मुकदमा दायर किया गया है लेकिन लड़की ने अपनी आंतों को तोड़वा बैठी।उसका एक सर्जरी की गई और वह 6 दिन बाद होश में आई। हालाँकि उसे 10 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया था। उसके पिता ने सर्जरी के लिए भुगतान किया है, लेकिन उसके बाद के खर्च के लिए पैसे नहीं थे। लगभग 50,000 की जरूरत थी। क्या आप लोगों में से कोई मदद कर सकता है?इस अपील पर कोरोना वाट्सअप ग्रुप ने जरूरी राशि उपलब्ध करवाने के बाद 83 हजार 350 रु.अदाकर घर वापस आयी। श्रीमती रामकली हॉस्पिटल एण्ड रिचर्स सेंटर, सीतामढ़ी में भर्ती थीं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें