पटना। गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के बैनर तले प्रगति भवन, पटना में एक दिवसीय मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन प्रशिक्षण आयोजित किया गया।इसमें पटना और भोजपुर जिले की ग्रामीण वंचित किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान देखभाल और कचरे के सुरक्षित निपटान के बारे में जानकारी दी गयी। उल्लेखनीय है कि मासिक धर्म भारत में अब भी एक वर्जना है और समाज में लोग इस विषय पर बात करने में असहज महसूस करते हैं। इसके साथ-साथ मासिक धर्म प्रक्रिया पर जानकारी तथा मासिक धर्म प्रबंधन के लिए उचित जरूरतों का अभाव भी है। समाज में इस विषय पर व्याप्त वर्जना लड़कियों तथा महिलाओं को अपनी जरूरतों की मांग करने से रोकता है तथा खराब मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन की समस्या को व्यापक रूप से नजरंदाज कर दिया जाता है अथवा गलत समझा जाता है । उत्तम मासिक धर्म स्वच्छता लड़कियों तथा महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा गरिमा के लिए आवश्यक है। किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता पर पर्याप्त जानकारी तथा कौशल से लैश करना तथा इसका प्रबंधन जानकारी युक्त बनाना, उनके स्वाभिमान को संबर्धित करने तथा शैक्षिक कार्य निष्पादन में सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद करता है। बिहार सरकार की नौकरी से सेवानिवृत सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा लकड़ा ने कहा कि यह समझना आवश्यक है कि मासिक धर्म क्या है तथा सकारात्मक प्रवृत्ति के साथ सरल प्रबंधन उपायों के जरिए प्रत्येक किशोरी तथा महिला के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है।
किशोरी – किशोरावस्था से तात्पर्य बाल्यवस्था तथा वयस्कावस्था के बीच के परिवर्तन काल से है। 10 से 19 वर्ष की आयु की लड़कियां किशोरी होती हैं।
रजोनिवृत्ति – पहला मासिक धर्म
रजोनिवृत्ति –: ‘ महिलाओं के जीवन का वह समय जब उनका मासिक धर्म रूक जाना है तथा अब वह शिशु को जन्म देने में समर्थ नहीं होंगी।
मासिक धर्म – ‘माहवारी’ महिलाओं की एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक माह गर्भाशय से रक्त तथा अन्य पदार्थ प्रवाहित होता है। मासिक धर्म गर्भावस्था को छोड़कर यौवन के आरंभ से रजोनिवृत्ति तक होता है।
मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम); मासिकधर्म स्वच्छता: (i), जोड़बंदी जागरूकता, सुरक्षित स्वच्छ सामग्रियों का एक साथ प्रयोग करते हुए सुरक्षा के साथ मासिक धर्म के प्रबंधन के बारे में जानकारी एवं विश्वास (ii) पर्याप्त पानी तथा धोने के लिए जगह तथा साबुन के साथ स्नान करना और (iii) प्रयोग किए गए मासिक धर्म अवशेषों का गोपनीय रूप से निपटान।
माहवारी शोषक : किशोरियों और महिलाओं द्वारा माहवारी के दौरान प्रयोग किया गया कपड़ा, नैपकिन, टावल तथा पैड शोषक हैं। यह सामग्री योनी से प्रवाहित हो रहे रक्तस्राव को सोखते हैं। अन्य माहवारी स्वच्छता उत्पादों में टैम्पोन्स तथा माहवारी कप शामिल हैं।
मासिक धर्म अपशिष्ट : इसमें प्रयोग किया हुआ कचड़ा, नैपकिन, तौलिया तथा पैड शामिल है जिसमें रक्त होता है; जैव नष्ट होने योग्य, कम्पोस्टेबल, जैविक सामग्री, एक पदार्थ या वस्तु जो बैक्टीरिया या अन्य जीवित जीवों से विघटित होने में सक्षम है और इस प्रकार प्रदूषण से बचाता है ।
मासिक धर्म का सुरक्षित तथा सकारात्मक प्रबंधन : जागरूक रहें, जानकारी मांगे तथा आत्मविश्वास के साथ अपनी जरूरतों को बताएं। इसमें शर्माने की कोई बात नहीं है। अपनी माता, आंटी, शिक्षक या स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री, आशा से बात करें। सुरक्षित तथा स्वच्छ शोषकों या अन्य माहवारी उत्पादों का प्रयोग करें। आप स्थानीय आशा से कम लागत वाले सैनिटरी नैपकिन प्राप्त कर सकती हैं।अच्छे से धोएं तथा नियमित रूप से स्नान करें।माहवारी शोषकों को सही रूप से फेंके क्योंकि ये संक्रमण उत्पन्न कर सकते हैं।
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