रांची, 08 दिसंबर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के श्रमिकों का कल्याण और उनका सर्वांगीण विकास वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। श्री सोरेन ने मंगलवार को श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के श्रमिकों का कल्याण और उनका सर्वांगीण विकास वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। श्रमिकों के लिए रफ्तार से काम करने वाली टीम बनाएं। श्रमिक आजीवन मजदूर नहीं रहेंगे। झारखण्ड को श्रमिक प्रधान राज्य के रूप में पहचान मिली है, इससे उसे बाहर निकलना होगा। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जरूरतें बदल चुकीं हैं। इन जरूरतों के अनुसार नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना होगा। उन्हें प्रोत्साहित करने एवं अवसर देने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में यह नई पीढ़ी राज्य के सशक्त आधार बन कर उभरेंगे। री सोरेन ने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले बच्चों को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देना उचित होगा। बाजार में सर्वे कराएं। अगले पांच वर्ष में बाजार की मांग क्या होगी, उसके अनुसार प्रशिक्षण दें ताकि वे रोजगार, स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। विभाग राज्य में संचालित उद्योगों से वार्ता कर प्रशिक्षित बच्चों के समायोजन की दिशा में कार्य करे। वेल्डर, मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, ट्रांसफर्मर रिपेयरिंग, पलम्बरिंग समेत अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण बच्चों को दें। आधुनिक तकनीक से बच्चों का प्रशिक्षण सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा भी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है। विधायकों के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर श्रमिकों की लाभकारी योजना की जानकारी दें, जिससे जनप्रतिनिधि क्षेत्र के श्रमिकों को लाभान्वित कर सकें। बैठक में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो, श्रम निदेशक एवं विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार, 8 दिसंबर 2020
श्रमिकों का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता : हेमंत
Tags
# झारखण्ड
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
झारखण्ड
Labels:
झारखण्ड
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें