पटना : 17वीं बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने को लेकर लोजपा के अंदर बगावत शुरू है। लोजपा के प्रदेश महासचिव केशव सिंह ने चिराग पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे अपने एक PA की सलाह पर काम कर रहे हैं, सांसदों एवं अन्य नेताओं की कोई पूछ नहीं है। समर्पित कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। केशव सिंह ने कहा था कि चिराग पासवान इस बार के विधान सभा चुनाव में राजद-कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए अलग होकर लड़ने का फैसला लिया। इसके पीछे चिराग और उनके पीए का दिमाग था। पार्टी नेताओं से कोई राय नहीं ली गई थी। हालांकि, पार्टी विरोधी बयान देने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने केशव सिंह पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से बगावात करने के बाद केशव सिंह लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ केस दर्ज कराने पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें बेरंग लौटना पड़ा। क्योंकि, पुलिस ने केस लिखने से इनकार कर दिया। केशव सिंह पटना के शास्त्री नगर थाने में केस करने पहुंचे थे। लोजपा से निष्कासित केशव सिंह का आरोप है कि अमर आजाद नाम के एक व्यक्ति ने धमकी दिया है, जिसको चिराग पासवान का सह और संरक्षण मिला हुआ है। केशव सिंह द्वारा लिखित आवेदन में यह भी लिखा गया है कि अगर हमारे जान माल को जो भी नुकसान होगा तो उसकी पूरी जिम्मेदारी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और अमर आजाद की होगी। इसके अलावा केशव सिंह ने चिराग पासवान पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि चिराग पासवान के नक्सलियों से सम्बन्ध हैं और 2014 का चुनाव जीतने के लिए चिराग पासवान ने नक्सलियों से मुलाकात भी की थी। सरकार इसकी जांच कराए। अमर आजाद के खिलाफ FIR को लेकर केशव सिंह का कहना है कि हमने लोक जनशक्ति पार्टी में प्रजातंत्र की बात उठाई थी, इस पर हमें अमर आजाद ने धमकियां दी और हमें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
रविवार, 6 दिसंबर 2020
बिहार : चिराग के हैं नक्सलियों से संबंध : बर्खास्त लोजपा नेता
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