अतरी। कुछ माह पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी की बेटी लौंगिया देवी घर के आंगन में गिर गई थीं। उन्हें काफी चोटें आई थीं। उपचार कराने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया था। उस समय मरीज का समुचित जांच नहीं की गयी।यहां लापरवाही दिख रही है।अब अंदेशा लगाया है कि उसी घटना के कारण दोबारा तबीयत बिगड़ गई। इस बार मस्तिष्क रोग चिकित्सक उनकी जांच कर रहे हैं। सिर में चोट लगने की आशंका है। माउंटेन मैन दशरथ मांझी की बेटी लौंगी देवी का शुक्रवार को निधन हो गया। मूलरूप से गया जिले के रहने वाले दशरथ मांझी ने 22 सालों तक एक हथौड़ी और छेनी की बदौलत पहाड़ चीरकर 360 फुट लंबा, 25 फुट गहरा और 30 फुट चौड़ा रास्ता बना लिया। यह काम उन्होंने 1960 में शुरू किया था, जो 1982 में पूरा हुआ। इसके बाद से उन्हें पर्वत पुरुष का खिताब मिला। यह दृढ़ निश्चय उन्होंने पत्नी फल्गुनी की मौत से आहत होकर लिया। फल्गुनी उनके लिए खेत में खाना लेकर जा रही थीं और पहाड़ चढऩे के दौरान चट्टान से टकरा गईं। अगर उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी। बस यही बात दशरथ मांझी के दिल-दिमाग में बैठ गई और उन्होंने अकेले ही पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाना शुरू कर दिया। पर्वत पुरुष के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी की बेटी लौंगिया देवी की शुक्रवार शाम अचानक तबीयत बिगड़ गई।शुक्रवार की शाम में जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि लौंगिया देवी की हालत बिगड़ गई है। इसके बाद सिविल सर्जन की अगुवाई में एक टीम को एंबुलेंस के साथ उनके घर भेजा गया। टीम उन्हें जेपीएन अस्पताल लेकर गई, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर कर दिया। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन सह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक को कहा कि लौंगिया देवी के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन वहन करेगा। उनके इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं की जाए। पहाड़ को चीरकर रास्ता बनाने वाले पर्वत पुरुष (Mountain Man) के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के इकलौती पुत्री लौंगीया देवी के देहांत शुक्रवार को सुबह 7 बजे गेहलौर गांव के टोला दशरथ नगर में हो गई। गेहलौर पंचायत के मुखिया पुत्र राणा रंजीत सिंह ने बताया कि 20 दिन से उनकी तबीयत खराब थी सांस लेने में उनको दिक्कत होती थी। जिसके बाद प्रशासन के द्वारा इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया में भर्ती कराया गया था। कुछ दिन के बाद उनको बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच में रेफर किया गया था, लेकिन उनके परिवार लोग अपने गांव ले आए थे और बोले कि हम लोग उनको घर पर ही सेवा करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को सुबह तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इलाज के लिए लेकर जाने की तैयारी कर रहे थे तबतक इनकी देहांत हो गई। इनके 3 पुत्र एवं एक पुत्री है सभी की शादी हो चुकी है। दो पुत्र सुबोध मांझी एंव गया मांझी भट्ठा पर काम करते हैं। एक पुत्र बिंदा मांझी अपनी मां की सेवा के लिए दशरथ नगर में मां के साथ रह रहा था। लौंगिया देवी की ससुराल मानपुर प्रखंड के बदरा गांव में था लेकिन वह अपने मायके में ही पूरे परिवार के साथ रहती थी। बिंदा मांझी अपनी मां के दाह संस्कार गेहलौर गांव में करेगा दाह संस्कार की सारी जिम्मेवारी गेहलौर पंचायत के मुखिया रामप्रवेश सिंह के द्वारा किया जा रहा है।
शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020
बिहार : दशरथ मांझी की इकलौती बेटी लौंगिया देवी का निधन
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