नयी दिल्ली, आठ दिसम्बर, केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। वहीं, शहर में अधिकतर बाजार खुले हुए हैं। टीकरी बॉर्डर जहां पिछले 13 दिनों से सैकड़ों किसान डटे हैं, वहां भी कड़ी सुरक्षा के बीच दुकानें खुली हैं। वहां, ‘जय किसान’, ‘हमारा भाईचारा जिंदाबाद, किसान एकता जिंदाबाद’, ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे सुने जा सकते हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिये दबाव बनाने के वास्ते महत्वपूर्ण सड़कों को अवरुद्ध करने और टोल प्लाजा पर कब्जा कर लेने चेतावनी दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये चांदनी चौक और सदर बाजार सहित शहर के बाजार वाले इलाकों में गश्त लगाई जा रही है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में परिवहन सेवाएं सामान्य हैं तथा बाजार भी खुले हैं और ‘भारत बंद’ का इन गतिविधियों पर कोई असर नहीं हुआ है। दिल्ली और गुड़गांव में सुबह 10 से दोपहर साढ़े 12 बजे के बीच कई स्थानों के लिए ‘ऐप’ आधारित कैब आने का समय (प्रतीक्षा समय) चार से पांच मिनट आ रहा था। बीकेयू के एक नेता ने अपने किसान भाइयों से कहा, ‘‘यह हमारे आंदोलन का आखिरी चरण है और अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिये हमारा अनुशासन में रहना जरूरी है।’’ इस बीच, पंजाब और हरियाणा से जरूरत के सामान के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली से और किसान सिंघू बॉर्डर पहुंचे और वहां पहले से मौजूद किसानों के साथ एकजुटता दिखाई। मोहाली से आए किसान राजेन्द्र सिंह कोहली ने कहा, ‘‘हम हर दिन की शुरुआत नई ऊर्जा और ताकत के साथ करते हैं। हर दिन यहां और किसान आ रहे हैं। हमें यह लड़ाई जीतनी है।’’ आजादपुर मंडी के एपीएमसी अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि मंडी लगभग बंद है। खान ने कहा, ‘‘कई थोक व्यापारी संघों ने ‘भारत बंद’ का समर्थन दिया है। सब्जियों और फलों से लदे कुछ ट्रक आए, लेकिन वहां कोई काम नहीं किया जा रहा है।’’ गाजीपुर मंडी के एपीएमसी अध्यक्ष एस. पी. गुप्ता ने बताया कि बाजार खुला है लेकिन कई व्यापारियों ने हड़ताल के समर्थन में अपनी दुकानें बंद कर दीं। व्यापार बहुत कम है क्योंकि वहां कोई ग्राहक नहीं है।
दिल्ली के सरोजनी नगर बाजार के दुकानदारों ने भी हाथों में काला ‘रिबन’ बांध किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि ‘भारत बंद’ किसानों की ताकत दिखाने का एक जरिया है और उनकी जायज मांगों को देशभर के लोगों का समर्थन मिला है। मौला ने कहा, ‘‘हम तीनों कानूनों की पूरी तरह वापसी की अपनी मांग पर अडिग हैं और मामूली संशोधनों पर राजी नहीं होंगे। इन कानूनों की प्रकृति ऐसी है कि संशोधनों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हमने बंद बुलाया है और अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो, हम अपने आंदोलन को अगले स्तर पर ले जाने को तैयार हैं।’’ ‘भारत बंद’ के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के पूरे इंतजाम किए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय राजधानी में, खासकर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को सड़कों पर आवाजाही के दौरान कोई परेशानी नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, डीसीपी (यातायात पश्चिम रेंज) ने ट्वीट किया, ‘‘ टीकरी, झाड़ौदा बॉर्डर , ढांसा यातायात के लिए पूरी तरह बंद हैं। बाडूसराय बॉर्डर केवल कार और दो-पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिए खुला है।’’ पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हरियाणा जाने के लिए दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी ,एनएच-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने सोमवार को किसानों से शांति बनाये रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं उलझने की अपील की। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा। हम नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम कुछ भी नहीं चाहते।’’
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें