किसान नेताओं ने देश भर में किया अनशन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

किसान नेताओं ने देश भर में किया अनशन

farmer-hunger-strike-nationwide
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर, कृषि सुधार कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया तथा सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए भूख हड़ताल की। । किसान नेता सुबह आठ बजे से अनशन पर चले गए जो शाम पांच बजे तक जारी रहा । यह अनशन राजधानी के गाजीपुर , टीकरी ,सिंघु बार्डर तथा कई अन्य स्थानों पर किया गया । जिला मुख्यालयों में भी किसानों ने अनशन तथा धरना प्रदर्शन किया । किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने पर अड़े हैं और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास किया । इस बीच हरियाणा के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों और विधायकों ने आज कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की और सरकार की ओर कृषि सुधार कानूनों में संशोधन करने के प्रस्तावों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया । उन्होंने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था जारी रखने को लेकर सरकार की सराहना की ।

बाद में सांसद धरमबीर और सुनीता दुग्गल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हरियाणा ने केन्द्र सरकार से बागवानी के क्षेत्र में अधिक से अधिक राशि आवंटित करने की मांग की ताकि राष्ट्रीय राजधानी की फलों और सब्जियों की आपूर्ति की जा सके । कोल्ड स्टोरेज , कोल्ड चेन और प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अधिक राशि जारी करने की मांग भी की गयी । अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के कुछ नेताओं ने कृषि मंत्री से मुलाकात की और कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त किया जाना चाहिये और फसलों का मूल्य खुले बाजार में तय किया जाना चाहिये । इससे किसानों को प्रतिस्पर्धा के कारण अधिक मूल्य मिल सकेगा । शेतकारी संगठन के नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि अनुबंध कृषि के तहत कम्पनियों और कृषक के बीच जमीन सम्बन्धी विवाद होने पर इसके निवारण के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया जाना चाहिये जिसमें किसानों , कम्पनी और सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिये तथा उसमें एक निश्चित समय सीमा में निर्णय करने का प्रावधान होना चाहिये । उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तीन कृषि सुधार कानूनों को बनाया है वह अच्छे हैं लेकिन कुछ सुधार किया जा सकता है । श्री तोमर ने किसानों से आंदोलन समाप्त कर बातचीत से समस्या का समाधान करने की अपील की है । उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बातचीत से समस्या का समाधान निकलेगा । सरकार के दरवाजा किसानों से बातचीत के लिए खुले है और कृषि सुधार के जो कानून बनाये गये हैं वे केवल किसानों के हित में है । किसान संगठन पिछले 19 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं । सरकार ने दिल्ली की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और दिल्ली की सभी सीमाओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है ।

कोई टिप्पणी नहीं: