नयी दिल्ली, नौ दिसंबर, केंद्र और किसानों के बीच वार्ता बेनतीजा रहने के बाद बुधवार को हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार रात बुलाई गयी बैठक में कोई परिणाम नहीं निकला क्योंकि किसानों ने नए कृषि कानूनों में संशोधन की सरकार की मांग को खारिज कर दिया। किसानों का कहना है कि वे कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन को समाप्त करने के उद्देश्य से किसान नेताओं और सरकार के बीच बुधवार को होने वाली छठे दौर की बातचीत निरस्त हो गयी। कई किसान नेताओं ने वार्ता का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। आंदोलनकारी किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस वजह से दिल्ली की सीमाओं पर यातायात अवरुद्ध रहा। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को टिकरी, झाड़ोदा, ढांसा बार्डरों पर हर तरह का यातायात बंद होने की जानकारी दी। हालांकि झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है।उसने कहा कि हरियाणा जाने वाले लोग दौराला, कापसहेड़ा, बड़ूसराय, राजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, मंगेश बार्डर बंद हैं। एनएच-44 दोनों तरफ से बंद है। लामपुर, साफियाबाद, सबोली, एनएच-8/भोपरा/अप्सरा बॉर्डर/ पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से वैकल्पिक रास्ता लिया जा सकता है।’’ उसने यह भी कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से रास्ते बदल दिये गये हैं और लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड तथा एनएच-44 की ओर जाने से बचना चाहिए।
बुधवार, 9 दिसंबर 2020
किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर दिया
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