नागपुर, सात दिसंबर, जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय (डीजीजीआई) नागपुर ने 25.22 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) सहित 290.70 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया है। एक अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। डीजीजीआई ने एक विज्ञप्ति में बताया कि एक निजी कंपनी की तलाशी के बाद इसका पता लगा। इस संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार, मुंबई स्थित एक कंपनी मेसर्स एम एंड एम एडवाइजर्स एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों की तलाशी ली गयी। तलाशी में मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि कंपनी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर प्रसारण के लिये फिल्म निर्माण घरों के लाइसेंसिंग अधिकारों में लगी हुई थी। बयान में कहा गया, ‘‘वे शीर्ष बैनरों द्वारा निर्मित फिल्मों के अधिकारों को खरीद रहे थे और इन अधिकारों को अनुबंध प्रणाली के तहत हस्तांतरित कर राइट्स असाइन्जर्स को दे रहे थे, जो इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे थे। हमने पाया है कि 290.70 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन और 25.22 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी राइट्स असाइनर्स को दिये गये।’’ एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी के एक निदेशक को पांच दिसंबर को गिरफ्तार किया गया।
सोमवार, 7 दिसंबर 2020
जीएसटी जांचकर्ताओं ने 290 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया
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