नयी दिल्ली 14 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण है और देश जल्द ही अंतरिक्ष संपदाओं के विनिर्माण का गढ़ बनेगा। प्रधानमंत्री ने आज अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों, स्टार्टअप और शिक्षा क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों में भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। श्री मोदी ने कहा कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार सिर्फ कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि परीक्षण सुविधाओं और लॉन्चपैड की उपलब्धता सहित हर चरण में प्रतिभागियों के लिए सहायता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तंत्र लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों के माध्यम से, सिर्फ भारत को एक प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष बाजार बनाने का ही प्रयास नहीं किया गया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि अंतरिक्ष कार्यक्रम का लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति को भी हासिल हो। उन्होंने प्रतिभागियों से समाज और देश के हित के लिए निडर होकर सोचने और काम करने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने संचार और नौपरिवहन में अंतरिक्ष क्षेत्र के महत्व पर बल देते हुए प्रतिभागियों को को भरोसा दिलाया कि वे अंतरिक्ष अनुसंधान के इस दौर में इसरो के साथ भागीदार के रूप में काम करेंगे । उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही देश अंतरिक्ष संपदाओं के विनिर्माण केन्द्र के रूप में सामने आएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी वर्ष जून में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने और अंतरिक्ष गतिविधियों में भारत के निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाने का ऐतिहासिक फैसला किया था। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन तथा प्रमाणीकरण केंद्र (इन-स्पेस) के निर्माण के साथ, सुधारों से निजी कंपनियों और स्टार्ट-अप्स के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद, कई उपक्रमों ने अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत इन-स्पेस के पास प्रस्ताव जमा किए हैं। प्रस्तावों में सैटेलाइट कन्स्टेलेशन, छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान, ग्राउंड स्टेशन, भू-स्थानिक सेवाएं, प्रणोदन प्रणालियां और उपयोगी उत्पाद सहित व्यापक गतीविधियां शामिल हैं।
सोमवार, 14 दिसंबर 2020
अंतरिक्ष संपदाओं के विनिर्माण का गढ़ बनेगा भारत : मोदी
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