तिरुवनंतपुरम, 17 दिसम्बर, केरल में लोकसभा चुनाव में पिछले साल अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद स्थानीय निकाय चुनाव में बड़े झटके का सामना करने के एक दिन बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) में दरार सामने आ गई है। जिला कांग्रेस कमेटी को भंग करने की मांग को लेकर यहां केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के कार्यालय में पोस्टर दिखाई दिए। साथ ही, कांग्रेस के समर्थकों द्वारा कोझीकोड जिले में पार्टी के राज्य नेतृत्व की आलोचना करते हुए बोर्ड लगाए गए। राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) हालांकि बृहस्पतिवार शाम अंतिम निर्णय की घोषणा कर सकता है, लेकिन अभी तक सामने आए रुझानों में 375 ग्राम पंचायत, 44 ब्लॉक पंचायत, 45 नगर निगम तथा जिला पंचायत चुनाव में यूडीएफ आगे चल रहा है। मतगणना बुधवार को शुरू हुई थी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. जे. कुरियन, वडकारा के सांसद के. मुरलीधरन और कासरगोड के सांसद राजमोहन उन्नीथन सहित वरिष्ठ नेताओं ने मुल्लापल्ली रामचंद्रन के नेतृत्व में पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन कमजोर था। राजमोहन उन्नीथन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह कहना सही नहीं है कि हमारी पार्टी राज्य में अपना आधार खो चुकी है। लेकिन ऐसा लगता है जब हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अपने मतदाता आधार का विस्तार कर रहे हैं, हम ऐसा करने में असमर्थ थे। हमारी हार का यही कारण लगता है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद के. सुधाकरन ने भी कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि लोकतंत्र को एक बार फिर पार्टी में स्थापित करने की जरूरत है। सुधाकरन ने कहा, ‘‘ हमें एक बार फिर पार्टी में लोकतंत्र स्थापित करने की जरूरत है। पार्टी को ऐसे नेताओं को लाना चाहिए, जो पार्टी कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के मन में विश्वास पैदा कर सकें। तब ही हम पार्टी को बचा सकते हैं।’’ यूडीएफ के एक प्रमुख सहयोगी ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ (आईयूएमएल) ने भी बुधवार को कहा था कि कांग्रेस और वाम मोर्चा को आत्मावलोकन की जरूरत है।
गुरुवार, 17 दिसंबर 2020
केरल में यूडीएफ में दरार आई सामने
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