- तीन दिनों के अन्दर सभी वार्ड को दो-दो हजार रुपया आबंटित करावें ऐसा नहीं होनेपर पंचायत होंगे जिम्मेवार।
अरुण कुमार ( बेगूसराय )बिहार सरकार ने सूबे के सभी मुखिया और पंचायत सचिवों को आगाह करते हुए कहा है कि 3 दिनों के अंदर वार्डों को पेयजल योजना के अनुरक्षण अनुदान की राशि भेजें।ऐसा नहीं करने पर ग्राम पंचायत को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र लिखा है।
मुखिया प्रत्येक वार्डों में प्रति महीने 2 हजार रुपया भेजेंगे।
सरकार के पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को अनुरक्षण अनुदान के रूप में ₹2000 प्रति माह की दर से दो किस्तों में 12-12 हजार रुपये की दर से ₹24000 देना है।यह राशि ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई जानी है।ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त आयोग में प्राप्त हुई राशि से यह अनुदान वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को अप्रैल एवं अक्टूबर में हस्तांतरित किया जाना था।लेकिन समीक्षा में जानकारी मिली है कि अनेक पंचायतों में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को अनुरक्षण अनुदान की राशि हस्तांतरित नहीं की गई है।जिसके फलस्वरूप वार्ड स्तर पर योजनाओं के रखरखाव में परेशानी हो रही है।
मुखिया होंगे जिम्मेदार अगर सही समय पर कार्य नही हुआ तो।
पंचायती राज विभाग ने सभी ग्राम पंचायत के मुखिया- सचिवों को निर्देश दिया है कि वह 3 दिन के अंदर अनुरक्षण अनुदान की पहली किस्त के रूप में ₹12000 हर एक वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को हस्तांतरित सुनिश्चित करें।यदि किसी भी वार्ड में पेयजल योजना का संचालन प्रभावित होता है तो उसके लिए संबंधित ग्राम पंचायत को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।पंचायती राज विभाग ने सभी पंचायत के मुखिया से यह अपेक्षा की है कि वे अपने अपने पंचायत के वार्ड में पेयजल आपूर्ति योजना के संचालन सुनिश्चित करावें।
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