मुम्बई से ‘फिल्म सिटी’ को हटाना आसान नहीं : राउत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 2 दिसंबर 2020

मुम्बई से ‘फिल्म सिटी’ को हटाना आसान नहीं : राउत

not-easy-to-remove-film-city-sanjay-raut
मुम्बई, दो दिसम्बर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि मुम्बई की ‘फिल्म सिटी’ को कहीं और स्थापित करना आसान नहीं, हालांकि ऐसा करने की कोशिश की गई है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुधवार को बॉलीवुड फिल्मकारों और उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने का कार्यक्रम है ताकि उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित फिल्म सिटी पर चर्चा की जा सके। इससे पहले, आदित्यनाथ ने एक फिल्म सिटी स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना भी जारी की थी और फिल्म जगत के लोगों को उत्तर प्रदेश का रुख करने का प्रस्ताव दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतम बौद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-21 में एक फिल्म सिटी स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी है। इस पूरे घटनाक्रम पर राउत ने पूछा, ‘‘ नोएडा फिल्म सिटी की मौजूदा स्थिति क्या? क्या आप मुम्बई की फिल्म सिटी लखनऊ और पटना में स्थापति कर सकते हैं?’’ शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ पहले भी ऐसी कोशिशें की गई हैं। मुम्बई फिल्म सिटी जैसा कुछ भी कहीं भी स्थापित करना आसान नहीं है। मम्बई का एक शानदार फिल्म इतिहास है।’’ राउत ने कहा कि दक्षिण और बंगाल में भी फिल्म उद्योग हैं। दक्षिणी सुपरस्टार रजनीकांत, नागार्जुन, चिरंजीवी ने भी हिंदी फिल्मों में काम किया है। राज्यसभा सांसद ने पूछा, ‘‘ क्या योगी जी उन राज्यों का भी रुख करेंगे या सिर्फ मुम्बई को निशाना बनाया जा रहा है?’’ शिवसेना के अपनी मूल विचारधारा भूल जाने के भाजपा के दावे पर उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना के हिन्दुत्व की बजाय, बेरोजगारी, गिरती जीडीपी और अर्थव्यवस्था पर चर्चा करें।’’ राउत ने साथ ही यह भी कहा कि केन्द्र को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा हल करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जो पिछले एक सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: