काठमांडो, आठ दिसंबर, सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भीतर गुटबाजी और बाहर राजशाही के समर्थकों से चुनौतियों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मौजूदा राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक बुलायी। उन्होंने देश में कोविड-19 महामारी और संविधान विरोधी गतिविधियों से मुकाबले के लिए दलों से एकजुटता का आह्वान किया।ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास बालुवाटार में दिन में ग्यारह बजे बैठक शुरू हुई । बैठक को संबोधित करते हुए ओली ने कोविड-19 महामारी और देश में बढ़ रही असंवैधानिक और हिंसक गतिविधियों के खिलाफ राजनीतिक दलों से एकजुटता दिखाने का आह्वान किया।थापा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से मुकाबला करने, लोकतांत्रिक उपलब्धियों की रक्षा करने और असंवैधानिक तथा हिंसक गतिविधियों के खिलाफ सभी दलों से एकजुटता दिखाने का आग्रह किया। ’’ एनसीपी, मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस, जनता समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, राष्ट्रीय जन मोर्चा और नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में शिरकत की। यह बैठक ऐसे समय में आयोजित की गयी है जब राजशाही के समर्थन में कुछ संगठन राजधानी काठमांडू समेत देश के अलग-अलग भागों में रैलियां निकाल रहे हैं। ये संगठन देश में राजशाही और नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थन में और नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन तेज हो गया है।ओली को पार्टी के भीतर से भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
मंगलवार, 8 दिसंबर 2020
नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने बुलायी सर्वदलीय बैठक
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