चुहड़ी. चुहड़ी पल्ली के निवासी ग्रेगरी भाजू. वे पेशे से एक किसान थे.उनकी धर्मपरायण धर्मपत्नी फिलोमीना ग्रेगरी का निधन हो गया है.काफी दिनों से मधुमेह से पीड़ित थीं. वे कुछ दिनों से कोमा में थीं.वे कल रविवार को शाम 04:15 बजे अंतिम सांस ली.वे 85 साल की थीं. दोनों के आठ बच्चे हैं. पेशे से अधिवक्ता और रिश्ते से नतिनी प्रियंका वाल्टर ने कहा कि मेरी नानी फिलोमीना ग्रेगरी चुहड़ी पल्ली द्वारा संचालित महिला संघ की अध्यक्ष थीं.इसके अलावे प्राचीन घरेलू चिकित्सा की जानकार हस्ती थीं.इसमें विस्तृत ज्ञान रहने के कारण दूर दूर के लोग जानकारी व दवा लेने आते थे.उनकी कृति जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि उनकी बड़ी बेटी "नतालिया ग्रेगरी" धर्मसमाज में गयी थीं.एक अप्रत्याशित दुर्घटना ने नतालिया को धर्मसमाज छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया.अब वह कोलकाता में एक स्कूल चला रही हैं. आगे उन्होंने कहा कि अभी तक दफन का समय निर्धारित नहीं किया गया है. कुछ रिश्तेदारों बाहर में हैं उनके आने की इंतजारी हो रही है.
धार्मिक रीति से दफन कार्य संपन्न
बेतिया धर्मप्रांत की चुहड़ी पल्ली के FATHER Tobias Toppo ने Mass offer किया.उनके साथ फादर मनोज भी थे.Timthi के नाम दूसरा पत्र का पहला पाठ उनके पोते आकाश सेंसिल ने पढ़ा. इस अवसर पर फादर तोबियास टोप्पो ने कहा जिस तरह मां बच्चों को खाने के टेबल पर एक साथ देख कर प्रफुल्लित हो जाती है वैसे ही स्वर्गीय Philomina GREGORY ने भी पूरे समाज को अपने कार्यों को करते हुए एक मां की भूमिका निभाई थी.आगे कहा कि मार्ग सत्य और जीवन मैं हूं मुझसे हो कर गए बिना कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता.अतः स्वर्गीय PHILOMENA उसी परम पिता के पास एक अनंत यात्रा के लिए जा रही हैं. सृष्टि का नियम है जो आया है, उसे जाना ही है जो मिट्टी से आया है वह मिट्टी में ही जाएगा. इस दारूण समय में विशेष रुप से रिश्तेदार डेनिश लॉरेंस के परिवार से काफी सहयोग मिला. प्रियंका वाल्टर ने उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद दिया. साथ में शीला राकेश और उनके परिवार का भी सहयोग हर कदम पर रहा.इसके साथ में बेतिया के संत माइकल स्कूल के के प्रिंसिपल EMMANUEL SHARMA की भी उपस्थिति रही जो कि करीबी रिश्तेदारों में से एक है. आज बुधवार को दिवंगत PHILOMENA GREGORY के CHUHARI गांव के आवास में फ़ादर मनोज के द्वारा पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाया गया.चुहड़ी चर्च के गायन मंडली द्वारा पूजन समारोह को सार्थक रूप प्रदान किया गया.इस अवसर पर पहला पाठ उनकी पोती प्रियदर्शनी सेंसिल द्वारा तिमाथियों के नाम पत्र पढ़ा गया.पुरोहित मनोज द्वारा योहन के सुसमाचार से उपदेश दिया गया. फादर ने कहा जिस तरह धान के बीज का जमीन में बीजारोपण करने के बाद ही फसल की प्राप्ति होती है. उसी तरह मनुष्य को अपने कर्मों से ही जीवन में फलदाई परिणाम प्राप्त होते हैं. अतः मनुष्य को भी संपूर्ण जीवन उस धान के बीच के जैसे ही संघर्ष करना ही होता है. मिस्सा बलिदान में परिवार के सदस्यों के अलावा गांव के लोगों की सहभागिता एवं उपस्थिति रही. इसमें स्वर्गीय Philomena Gregory की आत्मा शांति के लिए विशेष रुप से निवेदन चढ़ाए गए.अंत में परिवार वालों की तरफ से सभी आगंतुकों का एवं फादर का विशेष धन्यवाद दिया गया. Missa बलिदान के पश्चात पुनः परिवार के सभी सदस्य कब्रिस्तान गए और मोमबत्ती- अगरबत्ती चढ़ाकर ,पूरे परिवार सहित दिवंगत की आत्मा शांति के लिए माला विनती एवं प्रार्थनाएं की.
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