तिरुवनंतपुरम, सात दिसम्बर, राजीव गांधी जैवप्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीसीबी) के दूसरे परिसर का नामकरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिवंगत विचारक एम. एस. गोलवलकर के नाम पर करने के केन्द्र सरकार के फैसले पर जारी विवाद के बीच राजनीतिक दलों के बाद अब दो प्रगतिशील संगठनों ने इस कदम की निंदा की है। ‘ऑल इंडिया पीपल्स साइंस नेटवर्क’ (एआईपीएसएन) और ‘केरल शास्त्र साहित्य परिषद’ (केएसएसपी) ने केन्द्र में भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह राज्य के लोगों के हित के खिलाफ है। एआईपीएसएन ने एक बयान में कहा कि एक आधुनिक शोध संस्थान का नाम उस व्यक्ति के नाम रखना बेहद निंदनीय है, जो आधुनिक तकनीक को पश्चिमी तकनीक बताते हुए उसका विरोध करता था। एआईपीएसएन के महासचिव पी. राजामणिकम ने कहा, ‘‘ इसके अलावा, गोलवलकर के वंशज ‘स्टेम सेल तकनीक’ के जरिए 100 कौरवों के जन्म और ‘इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक’ के जरिए कर्ण के जन्म की बात कहते हुए हमेशा क्षद्म विज्ञान की वकालत करते रहे हैं। इस केन्द्र को अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी का एक क्षद्म विज्ञान केन्द्र ना बनने दें।’’ वहीं, केएसएसपी ने कहा कि आरजीसीबी के दूसरे परिसर का नामकरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिवंगत विचारक गोलवलकर के नाम पर रखने का फैसला ‘बेहद निंदनीय’ है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उसने एक बयान में कहा कि केन्द्र का यह कदम न केवल जीव वैज्ञानिकों के लिए नहीं बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी एक चुनौती है, जो व्यक्तियेां की गरिमा और मानवता के व्यापक परिप्रेक्ष्य में विश्वास करते हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गत शुक्रवार को आरजीसीबी के दूसरे परिसर का नाम ‘श्री गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर नेशनल सेंटर फॉर कंप्लेक्स डिजीज इन कैंसर वायरल इन्फेक्शन’ रखे जाने की घोषणा की थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस बारे में पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया है।
सोमवार, 7 दिसंबर 2020
आरजीसीबी का नाम गोलवलकर पर रखे जाने का किया विरोध
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