इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है कि। वह भाजपा को आवंटित ‘कमल’ फूल के चिह्न को रद्द कर दे। याचिका में तर्क दिया गया कि यह राष्ट्रीय फूल है और किसी पार्टी के चिह्न के रूप में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। याचिका में आरोप लगाया गया कि भाजपा चुनावी उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय फूल कमल का इस्तेमाल कर रही है और इस तरह से प्रतीक और नाम अधिनियम 1950 का उल्लंघन कर रही है। चुनाव आयोग को माडल कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन करने पर दल की मान्यता वापस लेने का अधिकार है। बीजेपी का चुनाव चिन्ह कमल राष्ट्रीय चिन्ह भी है। इसलिए उसे जब्त करने व दुरुपयोग करने पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने याची को अन्य किसी राजनीतिक दल को भी पक्षकार बनाने की छूट दी है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में यह मुद्दा नहीं उठाया गया है कि चुनाव चिन्ह केवल चुनाव के लिए आवंटित किया जाता है, अन्य कार्य के लिए नहीं तो चुनाव चिन्ह का अन्य उद्देश्य से इस्तेमाल करने की अनुमति क्यों दी जा रही है। याची अधिवक्ता ने कहा कि चुनाव चिन्ह का आवंटन चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को किया जाता है। याचिका पर अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी। कोर्ट में यह मुद्दा भी उठा है कि राजनीति दलों द्वारा चुनाव चिन्ह का लोगो के रूप में प्रचार के लिए छूट देना निर्दलीय प्रत्याशी के साथ भेदभाव पूर्ण होगा।
शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020
भाजपा के चुनाव चिन्ह पर याचिका दायर, संकट में कमल !!
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