मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिले के सभी प्रखंडों के सभी चयनित ग्रामों में 5 दिसंबर 2020 को विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। दुनिया भर में हर साल 5 दिसंबर को "विश्व मिट्टी दिवस" मनाया जाता है ,जिसका उद्देश्य किसानों को अपने खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है तथा रसायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का यथासंभव कम से कम प्रयोग विशेषज्ञों के परामर्श से करना है। रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेत की मिट्टी की जैव विविधता नष्ट हो रहे हैं उत्पादन में कमी आ रही है और धीरे-धीरे खेत बंजर होने लगे हैं । एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 33% खेती की भूमि इन कारणों से बंजर हो चुके हैं।इसके अतिरिक्त वायु और जल प्रदूषण की समस्याएं भी बड़ी बढ़ रही है । ऐसे में किसानों को जागरूक करना केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की प्राथमिकता में रही है और इस कारण से विश्व स्तर पर 5 दिसंबर को किसानों के बीच विश्व मृदा दिवस के रूप में रूप में कृषि विभाग द्वारा जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है। किसानों को यह बताया गया कि मिट्टी जांच के उपरांत ही अनुशंसा के आधार पर अपने खेतों में रसायनिक उर्वरकों का उपयोग करें और जहां तक संभव हो विभिन्न पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए जैविक खाद का प्रयोग करें साथ ही मिट्टी के पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए फसल अवशेषों को खेत में नहीं जलावें।यथासंभव तांत्रिक प्रबंधन करें अथवा बायो डीकंपोजर के माध्यम से फ़सल अवशेषों को खेत में सड़ा कर जैविक उर्वरक के रूप में बदलने का कार्य करें । इससे,आने वाली पीढ़ी को उर्वरा भूमि हम दे सकते हैं ना कि बंजर भूमि । विश्व मृदा दिवस के अवसर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी , कृषि समन्वयक , एटीएम, बीटीएम, बीएचओ और किसान सलाहकार की उपस्थित रहे । किसानों की उपस्थिति भी काफी उत्साहवर्धक रहीं। इसप्रकार किसानों के बीच भी अपने खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए जनचेतना उत्पन्न करने में विश्व मृदा दिवस सफल रहा।
शनिवार, 5 दिसंबर 2020
मधुबनी : चयनित ग्राम में विश्व मृदा दिवस का आयोजन
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