- · वरिष्ठ लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने संपादित की है यह किताब, राजकमल प्रकाशन ने किया है प्रकाशित
- · जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व, विचारों और नीतियों के बारे में देती है मुकम्मल दृष्टि
नई दिल्ली: .राष्ट्र और राष्ट्रवाद को लेकर देश में लगातार चल रही बहसों के बीच राजकमल प्रकाशन ने 'कौन हैं भारत माता' पुस्तक प्रकाशित की हैl स्वाधीनता आंदोलन के नायक और भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की बौद्धिक विरासत से रू-ब-रू कराने वाली इस पुस्तक का संपादन वरिष्ठ लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने किया हैl इसका प्रकाशन ऐसे समय हुआ है जब देश में नेहरू के व्यक्तित्व और योगदान को धूमिल करने और नकारने के प्रयास किये जा रहे हैंl इसका जिक्र करते हुए प्रो. अग्रवाल ने कहा, जवाहरलाल नेहरू को जानने-समझने की कोशिश मैं पिछले कोई पंद्गह-सोलह बरसों से करता रहा हूँ। इस कोशिश के एक पड़ाव तक पहुँच जाने का ही नतीजा है यह पुस्तक. मूलतः यह अंग्रेजी में ‘हू इज भारत माता’ नाम से छपी थी, जिसे विद्वानों और आम पाठकों ने हाथों-हाथ लिया उससे ज़ाहिर हुआ कि नेहरू के विरुद्ध सारे कुप्रचार के बावजूद, बल्कि किसी हद तक उसके कारण भी, लोगों में नेहरू को जानने समझने की इच्छा बढ़ी ही है। तमाम दोस्तों का आग्रह रहा कि यह पुस्तक अन्य भषाओं में जल्दी से जल्दी सुलभ होनी चाहिए। इसी का नतीजा है यह हिंदी अनुवाद. कन्नड़ अनुवाद पहले ही आ चुका है। राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा, 'कौन हैं भारत माता' जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व, विचारों और नीतियों को समझने का मुकम्मल अवसर देती हैl इसमें नेहरू का चुनिंदा लेखन तो है ही, नेहरू के बारे में महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार पटेल और मौलाना आजाद समेत अनेक देशी-विदेशी विभूतियों के आलेख भी हैंl उन्होंने कहा, यह किताब नेहरू के जरिये लोकतांत्रिक, समावेशी और वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न भारत के विचार को रेखांकित करती हैl इसमें विद्वान संपादक ने जो प्रस्तावना लिखी है, उसे विख्यात इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने पिछले अनेक वर्षों में नेहरू पर लिखा गया सर्वश्रेष्ठ निबंध करार दिया हैl यह पुस्तक. 17 फरवरी से पाठकों के लिए बाजार में उपलब्ध होगीl
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