मुजफ्फरपुर. सुनील कुमार पुलिस सेवा से बिहार की राजनीति में आए हैं.वे 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं.उनकी गिनती तेज तर्रार आइपीएस अधिकारियों में होती रही है. वह बिहार के एडीजी के पद से 31 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए.इसके बाद 29 अगस्त, 2020 को जदयू में शामिल हो गए. बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में जदयू ने सुनील कुमार को गोपालगंज जिले के भोरे सुरक्षित सीट से जदयू प्रत्याशी बनाया. चुनाव में जीत दर्ज की.और अब बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री हैं. कुमार मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के ही रहने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश ने सुनील को बिहार के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बनाया है.अभी तक विभाग पर पकड़ नहीं बना पाये हैं.
बिहार में बहार है हर जिले में शराब बेचने का समाचार है
बिहार में बहार है हर जिले में शराब बेचने का समाचार है.बिहार पुलिस में पुलिस अधीक्षक (मध निषेध) राकेश कुमार सिन्हा ने 6 जनवरी 2021 को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक (रेलवे) से कहा था कि वह मध निषेध विभाग के अधिकारियों की चल और अचल संपत्ति की जांच करें.वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून में संशोधन करने की अपील की थी, क्योंकि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. सरकार खाकी और खादी का असर नहीं पड़ा.अब तो होम मेड शराब से जहरीली परिणाम सामने आने लगा है.उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री के कार्यभार ग्रहण के तुरंत बाद ही तीन जिले में शराब पीने से मौत हुई है.सबसे पहले कैमूर से खबर आयी.जहरीली शराब पीने तीन लोगों की मौत हो गयी.इसके बाद गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत होने की बात कही गई थी, जबकि दो लोगों के आंखों की जाने की खबर मिली थी.अब मुजफ्फरपुर में जहरीली देशी शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गयी है.
फिल्मी स्टाइल में मुजफ्फरपुर जिले के अधिकारी व पुलिसकर्मी
फिल्मी स्टाइल में कार्यरत है मुजफ्फरपुर जिले के अधिकारी व पुलिसकर्मी. कटरा थाना क्षेत्र में जहरीली देशी शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गयी है.मामला के 36 घंटे बाद कटरा डीएम प्रशासन की टीम के साथ पहुंचे.यहां पर पहुंचने के बाद स्थानीय लोगों से मामले की पूरी जानकारी ली. मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के दरगाह टोला में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गई है. परिजनों ने शराब पीने की पुष्टि की है. मरने वालों में 4 लोग दलित परिवार से हैं.जाहिर है बिहार में शराबबंदी है. बावजूद इसके वहां पर स्थानीय स्तर पर धड़ल्ले से शराब बनाई जा रही है. आरोप है कि इसी वजह से लोगों की जानें जा रही हैं. मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है.
परिजन कहते हैं कि शराब से मौत पर पुलिस है मानती ही नहीं
इस मामले में एसएसपी ने कहा कि कोई बीमार नहीं मिला, लेकिन यदि अफवाह में सच्चाई हुई तो जहरीली शराब से मौत व बीमार व्यक्तियों की संख्या बढ़ जाएगी.इसके मद्देनजर इलाके में सघन छापेमारी कर शराब बिक्री व निर्माण के अड्डों की तलाश की जा रही है.डॉग स्क्वैड के साथ पुलिस टीम काम कर रही है.विनोद मांझी के शव का शुक्रवार को एसकेएमसीएच में पोस्टमार्टम भी कराया गया.प्रारंभिक जांच में उसकी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है. इसी टोले में गुरुवार को एक दंपती के दाह संस्कार के बाद जहरीली शराब से मौत की बात सुर्खियों में आने पर रात में एसएसपी स्वयं अपनी टीम के साथ जांच करने गांव पहुंचे थे.लेकिन, पुलिस टीम शराब से मौत की बात पुष्ट नहीं कर सकी.हालांकि शुक्रवार को जहरीली शराब के बिन्दु पर भी पुलिस ने जांच शुरू की.गांव के चौकीदारी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.इसमें चार लोगों की मौत की चर्चा की गई है.शुक्रवार को विनोद मांझी के अलावा अजय मांझी व सोनल कुमार की भी मौत की भी चर्चा इलाके में होती रही.पर, पुलिस सिर्फ विनोद का शव ही बरामद कर सकी है.अन्य दो के आनन-फानन में दाह संस्कार कर दिये जाने की बात इलाके में तैरती रही. ग्रामीणों की मानें तो जिन पांचों मृतकों के नाम गिनाये जा रहे हैं, वे सभी एक ही जगह अपना धंधा करते थे. आधा दर्जन अन्य ग्रामीण के भी बीमार होने और चोरी-छिपे इलाज कराये जाने की चर्चा चल रही है.इधर, विनोद के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने से एफआईआर में कई की अड़चनें आ रही हैं.देर शाम एसएसपी जयंतकांत फिर कटरा जाकर छानबीन किये.फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी या कार्रवाई नहीं हो सकी है.
दो युवकों की आंखों की रोशनी चली गई
गोपालगंज जिले के विजयीपुर में दो दिन पहले जहरीले शराब के सेवन से मरनेवालों की संख्या पांच हो गई है, वहीं दो युवकों की आंखों की रोशनी चली गई है. इन मौतों के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है और आनन फानन में विजयीपुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार को संस्पेंड कर दिया गया है.वहीं उनके साथ चौकीदार अमरेश यादव को भी निलंबित कर दिया गया है.फिलहाल संजीत कुमार को विजयीपुर को प्रभार दिया गया है.उक्त कार्रवाई एसपी ने की है.जहरीली सेवन से हुई मौत की घटना के बाद अब पुलिस और प्रशासन की टीम संयुक्त रूप से जिले में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. बताया जा रहा है कि विजयीपुर के मठिया गांव में दो घरों में छापेमारी की है। खुद डीएम एसपी के अलावा हथुआ एसडीएम सहित उत्पाद विभाग की टीम छापामारी कर रही है.जहरीली शराब के सेवन के बाद दो युवकों के आंख की रोशनी चली गई है। परिजनो ने दोनों युवकों को पीएचसी में भर्ती कराया गया है. विजयीपुर के मझवलिया गांव का रहने वाले है दोनों युवक.परिजनों का कहना है जहरीली शराब पीने से आंख की रोशनी गायब हुई है.बता दें कि दो दिन पहले विजयीपुर थाना क्षेत्र के चमखा पंचायत के मठिया मुसहर टोली गांव में जहरीला शराब पीने से झारखंड से आए दो मजदूरों की मौत हो गई थी. इसके अलावा तीन अन्य युवकों की भी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है, जिसमें बताया जा रहा है कि उनकी मौत भी जहरीली शराब पीने के कारण हुई है.हालांकि प्रशासन की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
बिहार पुलिस में पुलिस अधीक्षक ने पत्र लिखा
बिहार पुलिस में पुलिस अधीक्षक (मध निषेध) राकेश कुमार सिन्हा ने 6 जनवरी 2021 को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक (रेलवे) से कहा था कि वह मध निषेध विभाग के अधिकारियों की चल और अचल संपत्ति की जांच करें. राकेश कुमार सिन्हा ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी मद्य निषेध विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और पुलिस के शराब माफिया के साथ साठगांठ करके अवैध तरीके से शराब खरीद फरोख्त का धंधा चला रहे हैं. राकेश कुमार सिन्हा ने पत्र में लिखा, "बिहार के सभी थाना क्षेत्र में चोरी-छिपे उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक एवं आरक्षी को बढ़ावा देकर लोग शराब खरीद बिक्री का धंधा कर रहे हैं और इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होने के वजह से प्रशासन बिहार सरकार द्वारा प्रतिबंधित शराब खरीद बिक्री पर कानून का खुले रूप से मजाक उड़ा रहे हैं"उन्होंने आगे लिखा, "बिहार के उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक और आरक्षी के रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्तियों का जांच कराई जाए तो इन लोगों द्वारा गुमनाम कितनी संपत्ति अर्जित की गई है, इससे सरकारी महकमे में हलचल मच जाएगी".
भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने संशोधन करने की मांग
बिहार चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून में संशोधन करने की अपील की थी, क्योंकि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं. बीजेपी सांसद ने कहा था कि इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.
बिहार में शराब के भरमार
एक तरफ देसी दारू का ज़हर बिहार की मलिन बस्तियों में ग़रीब मज़दूरों पर क़हर बनकर बार-बार टूटता है. दूसरी तरफ शराब माफिया का अवैध कारोबार यहाँ विभागीय भ्रष्टाचार के सहारे फलता-फूलता है.बिहार में बंद है शराब, फिर भी रंग में है शराब. खुलेआम मिलती नहीं, लेकिन चहेतों को निराश भी नहीं करती.बिहार सरकार पूरी तरह अंकुश लगाने के हर प्रयास करती है, फिर भी लेने वालों को मिल ही जाती है.किसी को सुरूर देती है तो किसी की जेब मोटी होती है.अक्सर बरामदगी के कारण भी चर्चा में रहती है शराब.रोकथाम के स्थानीय प्रयास सफल न हो पाने के कारण अब सप्लाई की जड़ों पर चोट करनी शुरू कर दी गई है.अगर वाकई जड़ें पूरी तरह कट जाएंगी, तभी अंकुश लग सकेगा, नहीं तो यूं ही मिलती रहेगी शराब.
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