- बिना संगठन के शक्ति नहीं और बिना शक्ति के समस्याओं का हल संभव नहीं है
- बालिकाओ का रहा प्रथम सत्र में मंच पर दबदबा,समाज ने किया बेटियो का सम्मान ,
श्योपुर. बीज बन्स को बचाने के लिए कुपोषण के दंश से मां बच्चे की मुक्ति जरूरी.पानी,शिक्षा,महिला सशक्तिकरण व जमीन की समस्याओं पर जोरदार चर्चा.नशामुक्ति पर रहा विशेष जोर.15 फरवरी को गांधी आश्रम में फिर जुटेंगे जिलेभर के सहरिया मुखिया.बनेगी समस्याओं के लिए समाधान की कार्ययोजना. जिले के दूरस्थ अंचल में स्थित बड़ौदा तहसील के ग्राम बागल्दा में एकता परिषद के तत्वावधान में सहरिया समाज की महापंचायत आयोजित की गई.जिसमें 32 ग्रामों के 300 के ऊपर मुखिया, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में महिलाएं ने की भागीदारी.अध्यक्षता बागल्दा के घनश्याम आदिवासी पूर्व जनपद ने की. पंचायत को दिशा देते हुए महात्मा गांधी सेवा आश्रम के प्रबंधक जयसिंह जादौन ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते काफी दिनों से पंचायत का सिलसिला बंद था जिस कारण से न तो हमारी समस्याओं का निराकरण हो पा रहा था नहीं. सामाजिक बुराइयों पर चर्चा हो पा रही थी इसी उद्देश्य से इस पंचायत का आयोजन किया गया है आप यहां अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करें ताकि प्रशासन के स्तर पर उनका निराकरण करवाया जा सके हमे बनाधिकार,आवासीय भूमि,ब पट्टा है कब्जा नही,सीमांकन, कब्जा है पट्टा नही, आदि समस्याओं पर विशेष ध्यान देना है क्योंकि जमीन ही जड़ है. ज्योति रजक ने कहा कि अगर हमारे बीज बन्स को बचाना है तो हमे कुपोषण के दंश से मुक्ति पाना होगा तथा हमे खानपान में बदलाव लाना होगा देशी एवं मोटे अनाज को भोजन में प्राथमिकता देना होगी. महाबीर जी सुपरवाइजर ने कहा कि समाज की पढ़ने बाली बालिकाओ को हमे समाज मे सम्मान देना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए.जिस पर समाज ने बेटियो को मंच पर स्थान देकर सम्मानित किया और गांधी आश्रम संस्था द्बारा किया जारहा प्रयास की सराहना की तथा सबने बेटियों को पढ़ाने की शपथ ली. पंचायत की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए बागल्दा की साबो बाई ने बताया कि ग्राम वासियों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है यहां के सभी हेंडपंप ज़बाब दे चुके हैं निजी बोर मालिकों से निवेदन कर ने पर उनकी मर्जी से पानी मिल पाता है.
84 पंचायत के अध्यक्ष रामनाथ चौहान का कहना था कि हम काफी समय से समाज में व्याप्त बुराई शराब के विरुद्ध शंखनाद कर रहे हैं और आगे इसके लिए समाज को साथ लेकर प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जायेंगे जिसका सबको पालन करना होगा. समाज के वरिष्ठ सरवन लाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि समाज में परिवर्तन नहीं आया है हममें बदलाव तो आया है पर उसकी गति धीमी है उसमें तेजी लानी होगी हमें शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा. लहरौनी के पूर्व सरपंच लक्खू का कहना था कि समाज में संगठन जरुरी है इसी के चलते हमारे गांव में सैंकड़ों बीघा जमीन मय 14 बोर के हमें मिल पाई हीरापुर के सियाराम ने बताया कि शराब बंदी के लिए पहले भी प्रयास हुए हैं पर प्रशासन की मदद के बिना यह संभव नहीं है. समाज के वरिष्ठ छोटेलाल सेमरिया ने कहा कि एकता परिषद हमारे समाज की समस्याओं को दूर करने में शुरू से ही प्रयासरत है प्रशासन उनकी बात सुनता और मानता है अतः हमें उनकी मदद लेना है शराब हम नहीं बनाते हैं पर जो बनाते हैं उनकी जानकारी हमें दीजिए. समाज के मुखिया प्रेम आदिवासी का कहना था कि हमें संगठित होने की आवश्यकता है बिना संगठन के शक्ति नहीं और बिना शक्ति के समस्याओं का हल संभव नहीं है. बारा भैरू की किरन्ता बाई का कहना था कि हमें शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है उसमें भी बालिका शिक्षा बहुत जरूरी है उसके बिना समाज आगे नही जा सकता. हनुमान खेड़ा के ब्रजेश का मानना था कि समाज को नई दिशा देने के लिए युवाओं को आगे आना होगा हमें आज संविधान के द्वारा अधिकार तो मिले हैं पर उन्हें पाने के लिए शिक्षा जरूरी है. एकता परिषद के जिलाध्यक्ष गंगा राम का कहना था कि हमें अपनी जमीनों पर ध्यान देना है यदि किसी के कब्जे में है तो उसे छुड़ाना है इस कार्य में एकता परिषद आपके साथ है. अंत में बागल्दा के श्री रामकुमार सहरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया.श्योपुर के समाजसेवी कैलाश पाराशर ने कहा कि नशा नाश की जड़ है इससे आर्थिक,शारारिक व मानसिक क्षति होती है उन्होंने शिक्षा , महिला सशक्तिकरण व स्वास्थ्य सुरक्षा पर जोर दिया उन्होंने कुपोषित बच्चों को एनआर सी में भर्ती कराने की बात भी कही. कार्यक्रम में मुख्य रूप से सरपंंच बगलदा, महात्मा गांधी सेवा आश्रम के ब्लाक समन्वयक ज्योति रजक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बालिका शिक्षा के सुपरवाइजर महावीर मीणा सहित अनेक कार्यकर्ता एबम ग्रामीण जन उपस्थित थे.पंचायत का संचालन जयसिंह जादोंन ने किया.
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