- #रसोईयो को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए,21 हजार रुपए मासिक मानदेय दे सरकार।
- #सभी मजदूरों को जाब कार्ड,बर्ष में दो सौ दिन रोजगार एवं पांच सौ रुपए दैनिक मजदूरी दिया जाय।
- #सभी परिवारों को राशन कार्ड एवं सभी गरीब परिवारों को 5 डिसमिल जमीन दे नीतीश सरकार।
- #26फरबरी को रसोईया संघ करेगा, विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन।
बासोपट्टी/मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) मध्य बिद्धालय के प्रांगण में भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं एवं रसोईया संघ के प्रखंड स्तरीय कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक हुआ। बैठक की अध्यक्षता भाकपा-(माले )मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह बासोपट्टी प्रखंड माले संयोजक नरेश पासवान ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि देश की खेती किसानी को अम्बानी अडाणी सरीखे कारपोरेट घरानों के हाथों नीलाम करने के उद्देश्य से तीन कृषि कानून कोरोना काल मे जोर जबरदस्ती से लाये गए हैं।पूरे देश में इन कानूनों के खिलाफ विराट ऐतिहासिक आंदोलन चल रहे हैं।सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के बदले आंदोलन पर दमन ढ़ा रही है,बिजली-पानी का सप्लाई बन्द कर रही है। किसानों के पक्ष में किसान एकजुटता आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह हरलाखी प्रखंड माले सचिव मदन चंद्र झा ने कहा कि सरकार ने सभी गरीब परिवारों को 5 डिसमिल जमीन देने का वायदा किया था। लेकिन 15 बर्षो से शासन कर रही नीतीश सरकार ने गरीबों का यह वायदा के साथ बिश्वासघात किया है। उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा के तहत सभी मजदूरों को जाब कार्ड, बर्ष में दो सौ दिन रोजगार एवं पांच सौ रुपए दैनिक मजदूरी के मांग पर माले आंदोलन करेगी। बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह बासोपट्टी प्रखंड माले संयोजक नरेश पासवान ने कहा कि रसोईया,आशा व आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को नीतीश सरकार न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है। इस सबाल को लेकर,26 फरबरी को रसोईया संघ की ओर से बिधान सभा के समक्ष प्रदर्शन होगा। प्रदर्शन के जरिए रसोईया को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने एवं 21हजार मासिक मानदेय देने की मांग किया जायेगा। बैठक को माले कार्यकर्ता श्याम यादव,शैनी मंडल, बबीता देवी व सोमनी देवी ने भी संबोधित किया।
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