पुड्डुचेरी 22 फरवरी, पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रहे जिसके कारण चार वर्ष नौ माह पुरानी कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन सरकार गिर गयी। श्री नारायणसामी ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने के बाद लगभग एक घंटे तक सदन को संबोधित किया और उसके बाद सभी सदस्यों के साथ बहिर्गमन कर गये। कांग्रेस के सदस्य मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार दिये जाने का विरोध कर रहे थे क्योंकि सदन में वर्तमान में मनोनीत सभी तीन सदस्य भारतीय जनता पार्टी के हैं। सत्ता पक्ष के सदन से बहिर्गमन के बाद विधानसभा अध्यक्ष वी. पर. शिवकोलोंथु ने घोषणा की कि श्री नारायणसामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव गिर गया है और सरकार ने बहुमत खो दिया है। इसके बाद सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। श्री नारायणसामी ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव गिरने के बाद उप राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन से मुलाकात की और अपने मंत्रिपरिषद के साथ इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के पांच विधायकों और द्रमुक के एक विधायक के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने तथा कांग्रेस के एक विधायक को पिछले वर्ष अयोग्य करार दिये जाने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत घटकर 12 रह गयी थी।
श्री नारायणसामी ने विश्वास मत पेश करने के बाद सदन को संबोधित करते हुए प्रदेश में उनकी सरकार गिराने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा में उन्होंने जो किया, वही अब पुड्डुचेरी में किया जा रहा है। पार्टी के विधायकों के इस्तीफे पर श्री नारायणसामी ने कहा कि उन्हें संगठन के प्रति वफादार होना चाहिए था लेकिन मजबूरी और खतरे के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की वेश्यावृत्ति’ करार दिया। बहुमत परीक्षण के दौरान सभी सदस्य (सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों) सदन में मौजूद थे। कांग्रेस-द्रमुक के छह सदस्यों के इस्तीफे के बाद विपक्ष के 14 के मुकाबले इसकी ताकत घटकर 12 हो गयी। विधानसभा में वर्तमान में 26 सदस्य हैं। यह अब उप राज्यपाल पर निर्भर है कि अगले तीन महीनों के लिए सरकार बनाने के लिए विपक्ष को आमंत्रित करें या केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करें। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को समाप्त हो रहा है। गौरतलब है कि उप राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को 22 फरवरी यानी सोमवार को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। विपक्ष के नेता एन. रंगासामी के साथ अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता ए. अनबाझगन और वी. सामीनाथन (भाजपा के मनोनीत सदस्य) ने 18 फरवरी को उप राज्यपाल से मुलाकात कर मांग की थी कि प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गयी है और अपनी वैधता खो दी है लिहाजा उसे बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जाये। कांग्रेस पार्टी के पांच विधायकों के इस्तीफे और एक को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद पार्टी के पास केवल नौ विधायक बच गये हैं और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन हासिल है। विपक्ष में एआईएनआरसी को सात, अन्नाद्रमुक को चार और भाजपा के तीन विधायक (मनोनीत सदस्य) हैं। पुड्डुचेरी में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं, जिनमें से 30 पर चुनाव होता है, जबकि तीन मनोनीत सदस्य होते हैं। वर्तमान में छह सीटें खाली हैं। कांग्रेस ने 2016 के विधानसभा चुनावों में 15 सीटें जीती थीं।
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