नई दिल्ली (आर्यावर्त संवाददाता) मैथिली साहित्य महासभा (ट्रस्ट) के चेयरमेन श्री संजय झा ' नागदह' ने सोसल मिडिया के माध्य से बताया की बिहार में खास कर मिथिला क्षेत्र में जो लोग जनगणना के समय में या अन्य समय में जब मातृभाषा लिखने और लिखाने की बात हो उस समय सभी मिथिलावासी को अपनी मातृभाषा 'मैथिली' ही लिखबाना चाहिए। ज्यादातर देखा गया है कि भाषा का कॉलम भरते समय लोग इसे खाली छोड़ देते है और अधिकारी कर्मचारी इसे खुद मातृभाषा के कॉलम को हिन्दी भर देते हैं। हिन्दी हमारी देश की भाषा है , हम इसे दिलोंजान से सम्मान करते हैं परन्तु जब बात मातृभाषा की हो तो निश्चित तौर पर मातृभाषा ही लिखबाना चाहिए। चाहे आप देश - विदेश के किसी भी हिस्से रह रहें हो। तब जब भाषाई आधार पर कोई बात होंता है इसी पंजीकरण से पता चल पाता है की कौन सी भाषा के कितने लोग भारत में हैं। और जब भाषा के आधार पर कुछ लाभ मिलना होता है तो राज्यों या देश में अधिक बोली जाने बाली भाषा को उसका फायदा होता है। आपकी साहित्य - संस्कृति को इसी साक्ष्य के आधार पर सरकार भी मजबूत करने का काम करती है। अतः सभी भाई, माता - बहनों से आग्रह किया है की अपनी भाषा के प्रति सचेत रहें।
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