रांची, 21 मार्च, झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा, राज्यसभा से पारित कृषि कानून पर विधानसभा में चर्चा किया जाना असंवैधानिक है। श्री मरांडी ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस-झामुमो किसानों को बरगला रही है। चुनाव में भी बड़े बड़े वादे कर किसानों को धोखा दिया गया है। झारखंड के किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस वर्ष 22 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान कृषि कानून पर आहूत चर्चा को लेकर कहा कि कांग्रेस हताशा में है। उसे अहसास हो चुका है कि देश की सत्ता में वे कभी नहीं लौटेंगे। यही कारण है कि कई मुद्दों पर बेवजह विरोध दर्ज करवाना, कृषि कानून पर चर्चा करना, यह लोकतंत्र में गलत परिपाटी शुरू कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री ने कहा है कि विपक्ष कानून में खामियां बताए सदन में चर्चा को तैयार हैं इसके बावजूद कांग्रेस बेवजह इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। 2019 में राहुल गांधी ने कहा था एपीएमसी हटाने की बात की थी। मोदी सरकार ने मंडी व्यवस्था को यथावत बने रहने दिया है। किसानों को कृषि कानून के तहत अतिरिक्त विकल्प दिया गया है। श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस एक तरफ अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार का वादा किया था, वहीं अब इस कानून पर राजनैतिक ड्रामा कर रही है। कांग्रेस के जमाने में स्वामीनाथन रिपोर्ट आई किन्तु यह रिपोर्ट धूल फांकता रहा। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जमीन पर उतारने का काम किया और कानून बनाने का कार्य किया। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरी विरोधी दल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नाम पर किसानों को भड़काने की कोशिश कर रही है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार कह चुके हैं एमएसपी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगा। यहां तक कि फसलों की एमएसपी और बढ़ा दी गयी है। कांग्रेस ने किसानों के लिए 55 वर्ष में कुछ नहीं किया बल्कि कर्जा माफी के नाम पर भारी घोटाला किया। किसानों को गुमराह कर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस झामुमो एक तरफ कृषि कानून पर असंवैधानिक तरीके से विधानसभा में चर्चा करने को आतुर है वहीं दूसरी ओर झारखंड में किसानों का बुरा हाल है। झारखंड के किसान अपना धान बिचौलियों को बेचने को मजबूर हैं। झारखंड की हेमन्त सरकार धान खरीद में फिसड्डी साबित हुई है। कांग्रेस झामुमो सिर्फ हल्ला करने वाली पार्टी बन गयी है।
रविवार, 21 मार्च 2021

झारखण्ड : कृषि कानून पर विधानसभा में चर्चा असंवैधानिक : बाबूलाल
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