- #जन संहार में शामिल सभी अभियुक्तों की अबिलंब गिरफ्तारी और स्पिडी ट्रायल के जरिए कठोर सजा दिलाया जाय।
- #घटना की जांच, न्यायालय के देख रेख में एस आई टी से कराया जाय।
- #घटना के मुख्य अभियुक्तों के मोबाइल कौल डिटेल से संरक्षकों को खोज निकाला जाय।
- #पिड़ीत परिवार द्वारा आरोपीत बेनीपट्टी व बिस्फी भाजपा विधायकों के मोबाइल कौल डिटेल की जांच कराई जाय।
- #बेनीपट्टी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को मुअत्तल किया जाय।
- #जन संहार में मृतकों के आश्रितों को बीस-बीस लाख रुपए मुआवजा दिया जाय।
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) उक्त सबालों को लेकर महागठबंधन में शामिल दलों का मधुबनी परिसदन में राजद नेता व पूर्व मंत्री श्याम रजक के नेतृत्व मे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 10 अप्रैल को मधुबनी जिला बंद की घोषणा किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद के जिला अध्यक्ष सह लौकहा बिधायक भारत भूषण मंडल, भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण, सीपीआई के जिला मंत्री मिथिलेश झा, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शीतलांबर झा ,राजद के पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व विधायक फैयाज अहमद के अलावें बड़ी संख्या में राजद के बरिय नेता उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि होली के दिन यानि 29 मार्च को बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में एक बजे दिन में भाजपा संरक्षित बजरंग दल व राबण सेना के अपराधियों ने सुनियोजित साज़िश के तहत एक तरफा फायरिंग कर और तलवार से काट कर नृशंस जन संहार किया था। इस जन संहार में अब तक 5 राजपूत परिवार के लोगों का मौत हो चुका है। घटना के प्रात ही यानि 30 मार्च को भाकपा-माले की जांच टीम घटनास्थल पर पहुंच कर पिड़ित परिवारों से मीला और घटना की जांच किया था। 31मार्च को भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने बेनीपट्टी, मधुबनी व दरभंगा में प्रतिवाद मार्च निकाला और मुख्यमंत्री एवं पुलिस प्रशासन का पुतला दहन किया था। माले द्वारा लिया गया पहलकदमी ने रंग लाया और आज ब्यापक दायरे में इस नृशंस जन संहार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरकर प्रतिवाद को मजबूत कर रहे है।
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