नयी दिल्ली, 21 अप्रैल, सात महिलाओं सहित भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में चल रही विश्व युवा चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई जो देश के लिए आयु वर्ग की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अभूतपूर्व उपलब्धि है। आठ खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने के अलावा तीन अन्य मुक्केबाजों ने कांस्य पदक भी जीते जिससे भारत ने कम से कम 11 पदक सुनिश्चित करके 2018 में हंगरी में 10 पदक जीतने के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ा। बुधवार को आराम के दिन के बाद गुरुवार को होने वाले फाइनल में महिलाओं में गीतिका (48 किग्रा), बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा), विन्का (60 किग्रा), अरूणधति चौधरी (69 किग्रा), पूनम (57 किग्रा), थोकचोम सनामाचा चानू (75 किग्रा) और अल्फिया पठान (+81 किग्रा) ने जगह बनाई। पुरुष वर्ग में सिर्फ सचिन (56 किग्रा) ने खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया जबकि तीन अन्य मुक्केबाजों ने कांस्य पदक जीते।
गीतिका ने इटली की एरिका प्रिसकियानदारो को 5-0 से हराया जबकि विन्का ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गाजदोवा को 4-1 से शिकस्त दी। फाइनल में गीतिका का सामना पोलैंड की नतालिया डोमीनिका से होगा जबकि विन्का कजाखस्तान की खुलदिज शयाखमेतोवा से भिड़ेंगी। अरूणधति को उज्बेकिस्तान की खादिचाबोनू अब्दुलाइवा को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से हराने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी। फाइनल में उनका सामना पोलैंड की बारबरा मारसिनकोवस्का से होगा। गत एशियाई युवा चैंपियन बेबीरोजिसाना ने भी इटली की एलेन अयारी को 5-0 से हराया। वह फाइनल में रूस की वालेरिया लिनकोवा के सामने होंगी। पूनम ने उज्बेकिस्तान की सितोरा तुर्दिबेकोवा को 5-0 से हराया और खिताब जीतने के लिए फ्रांस की स्थेलिन ग्रोसी को चुनौती देंगी। सनामाचा ने पोलैंड की दारिया परादा को 4-1 से हराया और फाइनल में उनका सामना कजाखस्तान की दाना दिदाय से होगा। अल्फिया ने कड़े मुकाबले में पोलैंड की ओलीविया तोबोरेक को 3-2 से हराया। फाइनल में उनका सामना मोलदोवा की दारिया कोजोरेज से होगा। शाम के सत्र में सचिन जीत दर्ज करने वाले एकमात्र भारतीय रहे। उन्होंने इटली के माइकल बालदासी को हराया। वह शुक्रवार को फाइनल में कजाखस्तान के येरबोलात सेबिर से भिड़ेंगे। एशियाई युवा चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अंकित नरवाल (64 किग्रा), विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। अंकित को कजाखस्तान के साबिरजान अकालिकोव और विश्वामित्र को भी कजाखस्तान के ही संजार ताशकेंबे के खिलाफ 1-4 के समान अंतर से हार झेलनी पड़ी। विशाल को पोलैंड के याकुब स्ट्राजेवस्की ने 5-0 से हराया।
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