- कोरोना संकट से भयावह संकट है भूख का, प्रशासन इस ओर भी ध्यान दें ,कलेक्टर को भेजा ज्ञापन
इंदौर । शहर की वामपंथी और समाजवादी दलों और श्रम संगठनों के पदाधिकारी इंदौर कलेक्टर से मुलाकात करने के लिए रेसीडेंसी कोठी पहुंचे । 1 घंटे का लंबा इंतजार करने के बावजूद कलेक्टर मनीष सिंह रेसीडेंसी कोठी नहीं पहुंचे । परिणाम स्वरूप पदाधिकारियों ने कोरोना संकट से परेशान छोटे दुकानदार ,व्यापारी, मजदूर और गरीब वर्ग की परेशानी से प्रशासन को अवगत कराते हुए लिखित ज्ञापन तथा मांगे कलेक्टर के मेल पर तथा व्हाट्सएप पर भेज दी है तथा उनसे आग्रह किया है कि वे मानवीयता अपनाते हुए गरीब ,मेहनतकश परिवारों के घर का चूल्हा ना बुझे ऐसी व्यवस्था करें । आज के प्रतिनिधि मंडल में सीपीआई, सीपीएम, एस यू सी आई और सोशलिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों तथा एचएमएस, सीटू तथा एटक के नेता शामिल थे। कलेक्टर को भेजे गए ज्ञापन में सुझाव दिया गया है कि जिस तरह से सब्जी दूध वालों को सुबह 4 घंटे की छूट दी गई है। उसी तरह से फुटकर और छोटे दुकानदारों को तथा फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले लोगों को भी सुबह और शाम 4- 4 घंटे की छूट दी जाए । सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक तथा शाम को 4:00 8:00 बजे तक थोक बाजारों को छोड़कर बाकी सभी दुकाने खोलने की छूट दी जाए। कोरोना से आम आदमी लड़ना चाहता है , लेकिन उसके पेट का रोजगार का भी ध्यान रखा जाएगा तभी एक अच्छा शहर बनेगा । ज्ञापन में सभी शासकीय अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था करने तथा निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी करते हुए मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ाने की पर भी रोक लगाने की मांग की गई । गत दिनों ऑक्सीजन के अभाव में कई अस्पतालों में मरीजों ने दम तोड़ दिया है । कुछ अस्पताल कोरोना को अपने मुनाफा कमाने का हथियार बना रहे हैं । प्राइवेट लैब में जांच के नाम पर लूट हो रही है ,इसे भी रोकने की मांग की गई । सभी दलों के नेताओं ने कलेक्टर को मैसेज व्हाट्सएप मैसेज करके मुलाकात का समय देने की मांग की है ।प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री अरुण चौहान ,रूद्र पाल यादव, सोहनलाल शिंदे, रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव, हरि ओम सूर्यवंशी, सीएल सरावत ,सोनू शर्मा, भागीरथ कछवाय, माता प्रसाद मौर्य आदि शामिल थे। इन दलों का कहना था कि हमारी पार्टी और हमारे संगठन मजदूरों के बीच में और गरीब लोगों के बीच में ही काम करते हैं और उनकी समस्याओं को हम ही समझ सकते हैं । इसलिए प्रशासन गरीब लोगों की समस्याओं से अवगत कराने की वामपंथी समाजवादी पार्टियों और उनसे जुड़े किसान- मजदूर संगठनों का मानना है कि बढ़ते कोरोना की समस्या का समाधान लॉकडाउन नहीं है बल्कि आम जनता को समझाइश से ही इस समस्या से लड़ा जा सकता है । प्रशासन ने केवल भाजपा नेताओं के कहने पर लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ा दी है ।अचानक हुए लाकडाउन से छोटे दुकानदार, फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले गरीब और मजदूर परेशान हैं। उनकी वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन को करना चाहिए । पुलिस और नगर निगम कर्मचारियों द्वारा आम गरीब और नागरिकों के साथ हिटलरी व्यवहार पर भी रोक लगाने की मांग करते हुए प्रशासन से मानवीयता बरतने तथा गरीबों को बेजा तरीके से परेशान करना बंद करने की मांग की गई ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें