नयी दिल्ली, 13 अप्रैल, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि चिकित्सकों को वायरस-रोधी दवा ‘रेमडेसिविर’ का ‘विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत’ उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही, जोर देते हुए कहा कि इसे अस्पतालों में कोविड-19 के सिर्फ गंभीर रोगियों को ही दिया जाए और यह घर पर उपयोग के लिए नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी. के. पॉल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ उन्हीं मरीजों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने और बाहर से ऑक्सीजन देने की जरूरत है। यह एक पूर्व शर्त है। घर पर और हल्के लक्षणों वाले संक्रमण के मामलों में इसके उपयोग का कोई सवाल ही नहीं है तथा इसे दवा दुकान से नहीं खरीदना है।’’ कोविड-19 के लिए क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में अनुसंधानात्मक उपचार के तौर पर इसे कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रोगियों पर उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया गया है। पॉल ने कहा कि कुछ क्षेत्रों से रेमडेसिविर की कमी पड़ने की खबरें आने के मद्देनजर इसके निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है और यह दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के लिए दवा दुकान के बाहर कतार में खड़े होना गलत संदेश दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चिकित्सकों से अस्पताल में भर्ती रोगियों पर रेमडेसिविर का तर्कसंगत, सही और विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने की अपील करता हूं। ’’ कोविड-19 के मामलों में देश में वृद्धि होने से इस दवा की मांग काफी बढ़ गई है, ऐसे में भारत ने रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
मंगलवार, 13 अप्रैल 2021
रेमडेसिविर घर के लिए नहीं है, गंभीर रोगियों के लिए है : सरकार
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