गांधीनगर, 18 मई, अरब सागर में उठा अत्यंत तीव्र (एक्स्ट्रीम्ली सिवीयर) श्रेणी का तूफ़ान 'ताउते' गुजरात तट से टकराने और व्यापक तबाही मचाने के बाद निरंतर कमज़ोर होता जा रहा है पर इससे ख़तरा अभी भी बना हुआ है। अब तक मिले आधिकारिक आंकडों के अनुसार तूफ़ान के चलते एक बच्चे और एक महिला समेत कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है। अनाधिकारिक सूचनाओं के अनुसार यह संख्या कम से कम 10 है। तूफ़ान से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अमरेली, गिर सोमनाथ, भावनगर, जूनागढ़, बोटाद और पोरबंदर के नाम शामिल हैं। इसके असर से तटवर्ती हिस्सों में बड़े पैमाने पर पेड़, कच्चे, पक्के मकान और बिजली के खम्भे धराशायी हुए हैं। पेड़ गिरने के हज़ारों मामले सामने आए हैं और इनके चलते तटीय इलाक़ों में सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तीन हज़ार सात सौ से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। मौसम विभाग के अनुसार दोपहर बाद ढाई बजे तक यह यह अहमदाबाद से 105 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व में स्थित था। इसके शाम तक अहमदाबाद से गुज़रने और देर रात तक राज्य को प्रभावित करते रहने का अनुमान है। यह कमज़ोर होकर बाद में पड़ोसी राजस्थान की ओर रूख करेगा। इसके असर से कल से आज सुबह तक 17 जिलो के 70 से अधिक तालुक़ा में बरसात हुई थी जिसमें से सर्वाधिक 9 इंच (180 मिमी) अमरेली के बगसरा में थी। सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक कुल 33 में से 32 जिलो के 176 तालुक़ा में बरसात हुई है जिसमें सर्वाधिक 135 मिमी भावनगर में है। वर्षा के कारण कई नदियों, जलाशयों और बांधो में जलस्तर बढ़ा है। शहरों और अन्य स्थानों पर निचले इलाक़ों में जलभराव भी हुआ है। तूफ़ान के चलते हवाओं की गति अब कम होकर 70 से 90 किमी प्रति घंटा हो गयी है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पत्रकारों को बताया कि तूफ़ान जब कल रात केंद्रशासित क्षेत्र दीव के निकट गुजरात तट से टकराया था तब इसके हवाओं की गति 160 किमी प्रति घंटा थी। अब तक तीन लोगों के तूफ़ान जनित घटनाओं से मौत की पुष्टि हुई है इनमे से वलसाड ज़िले के वापी का एक व्यक्ति, राजकोट ज़िले के जेतपुर में तीन साल का एक बालक और भावनगर के गरियाधार की 80 साल की एक महिला शामिल हैं। इनकी मौत दीवार आदि गिरने से हुई है। इस बीच, अनाधिकारिक सूचना के अनुसार अमरेली के राजुला में मकान गिरने से एक बच्ची तथा सूरत में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। आनंद ज़िले के खंभात के मोचीवाड़ में करंट लगने से एक बच्ची, अहमदाबाद के सानंद में बिजली का तार टूट कर गिरने से दो और गिर सोमनाथ ज़िले के उना तालुक़ा के अंजार गांव में पेड़ गिरने से दो लोगों की मौत हुई है। श्री रूपाणी ने बताया कि पेड़ आदि गिरने से 196 रास्ते बंद थे। तूफ़ान निरंतर कमज़ोर हो रहा है पर कल सुबह तक इससे पूरी तरह सतर्क रहने की ज़रूरत है। सरकार तूफ़ान सम्बंधी बचाव कार्य की निरंतर निगरानी कर रही है। नुक़सान के आंकलन के लिए सर्वे भी किया जा रहा है। बताया जाता है कि देर शाम तक यह और कमज़ोर होकर तीव्र दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा। इस बीच, राज्य के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 123 विद्युत सब स्टेशन बंद हैं। 3748 गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी जिनमे से 1115 में इसे ठीक कर लिया गया। 122 कोविड अस्पतालों में भी बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी जिनमे से 66 में अभी भी यह प्रभावित है। 9 हज़ार किमी बिजली लाइन क्षतिग्रस्त है। तूफ़ान कल रात भावनगर और गिर सोमनाथ जिलों। के बीच गुज़रात तट से टकराया था। इससे पहले एहतियाती तौर पर दो लाख लोगों को 840 तटीय गांव से 2000 से अधिक सुरक्षित आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया था। 19 हज़ार से अधिक मछुआरा नौकाओं को समुद्र से वापस बुला लिया गया था। तूफ़ान से आम, केले, पपीता, गन्ना और अन्य तरह की फ़सलों को भी ख़ासा नुक़सान हुआ है। कुछ स्थानों पर तट पर बंधी नौकाओं के बहने की भी सूचना है। क़रीब आधा दर्जन पेट्रोल पम्प और बड़ी संख्या में वाहनों को भी तूफ़ान जनित कारणों से नुक़सान पहुंचा है। गिर सोमनाथ ज़िले के वेरावल में तट रक्षक दल और मरीन पुलिस ने एक नौका का बचाव कर इसमें सवार तीन मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया। तटीय इलाक़ों में तूफ़ान का ज़ोर कुछ कम होने से कई बंदरगाहों पर लगे चेतावनी सिग्नल की तीव्रता कम कर दी गयी है।
तूफ़ान से मध्य गुजरात के वडोदरा समेत कई जिलों, अहमदाबाद और अन्य स्थानों पर तेज़ हवाओं के साथ वर्षा हुई है। इसके चलते आज गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय की एक ऑनलाइन परीक्षा को स्थगित भी कर दिया गया है। राज्य ने आपदा नियंत्रण सम्बंधी कार्यों की निगरानी कर रहे राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 50 से अधिक टीमें तैनात की गयी हैं। 17 जिलों के 840 गावों से दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों यानी तैयार किए गए दो हज़ार से अधिक आश्रय स्थलों पर स्थानांतरित किया जा चुका है। इनमे से सवा लाख पांच जिलों भावनगर, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, अमरेली और जूनागढ़ के हैं। इस दौरान कोरोना सम्बंधी सभी मानकों का पालन किया गया। तूफ़ान के सम्भावित असर वाले जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सम्भावित इलाक़ों में बिजली आपूर्ति पर असर की आशंका के मद्देनज़र ज़रूरी पावर बैक अप की व्यवस्था की गयी है। 161 आईसीयू एम्बुलेंस और मरीज़ों को निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 नम्बर की 607 एम्बुलेंस भी तैनात कर दी गयी हैं। ऑक्सिजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए सड़कों पर ग्रीन कॉरिडर तैयार किए गए हैं। समुद्र में उथल पुथल के चलते मछुआरों को इसमें जाने की अनुमति नहीं दी गयी है। 19811 मछुआरा नौकाओं को वापस बुलाया गया है, समुद्र में अब एक भी नौका नहीं है। गुजरात के वेरावल, पीपवाव, जाफ़राबाद आदि बंदरगाहों पर भी अति गम्भीर श्रेणी नम्बर का 10 नम्बर का चेतावनी सिग्नल लगा दिया गया है। पोरबंदर, सिक्का, नवलखी, बेडी, न्यू कांडला, मांडवी और जखौ बंदरगाहों पर आठ नम्बर का सिग्नल है। एहतियाती तौर पर 11 हज़ार से अधिक होर्डिंग्स और 668 अस्थायी संरचनाओं को हटा लिया गया है। चौबीसों घंटे काम कर रहे एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के ज़रिए पूरी स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। एहतियाती तौर पर अहमदाबाद , सूरत और वडोदरा के हवाई अड्डों को भी बंद रखा गया है। तूफ़ान प्रभावित क्षेत्र में ही गिर का वन है जो एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। वन विभाग ने शेरों और अन्य वन्य जीवों के बचाव के लिए भी उपाय किए हैं।
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