- सरकार के अलोकतांत्रिक व अपारदर्शी रवैये के खिलाफ 21 मई को माले विधायक दल का उपवास.
- अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टरों की पुनः तैनाती: देर से उठाया गया कदम.
पटना, 19 मई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और विधायक दल के नेता महबूब आलम ने संयुक्त बयान जारी करके मुख्यमंत्री द्वारा विधायकों/पार्षदों से बिना किसी बातचीत और बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर लेने के फैसले की निंदा की है. कहा कि मुख्यमंत्री को न्यूनतम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का तो ख्याल करना चाहिए था. कहा कि राशि अधिग्रहित करने की प्रक्रिया पर सवाल उठना बहुत वाजिब है क्योंकि सरकार ने पिछले साल के कोविड लहर के समय भी विधायक मद से 50-50 लाख रुपए ले लिए थे, लेकिन आज तक उसका कोई हिसाब नहीं दिया गया. पारदर्शिता के इसी अभाव की वजह से सवाल उठ रहे हैं. बहरहाल, हमारी मांग है कि सरकार इस राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च करे और राशि आवंटन की पूरी प्रक्रिया में विधायकों/पार्षदों की सहभागिता व उनकी सलाह को सर्वोपरि माना जाए. आगे कहा कि हमारी पार्टी के विधायकों ने शेष बची 1 करोड़ की राशि भी स्वास्थ्य उपकरणों को खरीदने के लिए अनुशंसित कर दी है, लेकिन इसका क्रियान्वयन बेहद धीमा है. यहां तक कि फुलवारी विधायक की उस अनुशंसा को ही खारिज कर दिया गया जिसमें उन्होंने आॅक्सीजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की थी. यदि सरकार का रवैया इसी प्रकार का रहा तो वर्तमान लहर में शायद ही इसका उपयोग हो सके. इसलिए प्रशासन को फौरी कार्रवाई करनी चाहिए. इन मांगों के साथ माले के सभी विधायक आगामी 21 मई को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में एक दिवसीय उपवास पर रहेंगे. माले राज्य सचिव ने कहा कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को चालू रखने की मांग हम लगातार करते आए हैं, लेकिन विगत एक साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक भी यथोचित कदम नहीं उठाने वाली नीतीश सरकार ने इन्हीं अस्पतालों के डाॅक्टरों को उच्चस्तरीय अस्पतालों में तैनात कर दिया था. इसके कारण नीचे की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इस अदूरदर्शिता का ही नतीजा है कि आज कोविड का संक्रमण व्यापक हो चुका है और गांव के गांव उसकी चपेट में आ चुके हैं. एक महीने बाद सरकार ने इन डाॅक्टरों को अपनी जगहों पर वापस तैनात करने का निर्देश जारी किया है. जाहिर है कि इससे नीचे के स्वास्थ्य सिस्टम को कुछ मजबूती मिलेगी लेकिन डेडिकेटेड अस्पतालों में डाॅक्टरों व कर्मियों की व्यवस्था तत्काल करनी चाहिए.
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