जनता की मांग पर विधायक सुदेश राय ने वार्ड 7 मुरली नगर, नदी पर शुरू कराया 13 लाख रूपयें से पुल निर्माण का कार्य
- मुरली नगर,अवधपुरी, अम्बेडकर नगर,बड़ी ग्वालटोली क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों की थी मांग
सीहोर। शनिवार को विधायक सुदेश राय ने नगर पालिका सीएमओ संदीप श्रीवास्तव और पार्षद विजेंद्र परमार सहित क्षेत्रीय नागरिकों के साथ पुल निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। विधायक सुदेश राय के निर्देश पर नगर पालिका परिषद के द्वारा अवधपुरी अम्बेडकर नगर,बड़ी ग्वालटोली क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों की मांग पर वार्ड क्रमांक 7अंतर्गत आने वाले मुरली नगर के माध्य से निकले पुराने नाले पर पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। पार्षद विजेंद्र परमार ने बताया की लम्बे समय से दस कॉलोनियों मोहल्ले के नागरिक नाले पर पुल नहीं होने से परेशानियों का सामने कर रहे थे। गर्मी सर्दी में तो नाले में पानी कम होता है लेकिन बारिश में रास्ते हमेशा बंद हो जाता था बाढ़ के हालात भी बने रहते थे जिस कारण आवगामन पूरी तरह से बंद हो जाता था इस समस्या से नागरिकों की तरफ से विधायक सुदेश राय को अवगत कराया गया था उन्होने जनता की पीड़ा समझते हुए तत्काल नगर पालिका परिषद को पुल निर्माण को लेकर प्रस्ताव बनाने ने के निर्देश प्रदान किए। विधायक सुदेश राय के विशेष प्रयासों से पुल निर्माण शासन के द्वारा स्वीकृत किया गया है 13 लाख रूपये से 40 फीट चोड़े और तय सीमा तक लम्बे पुल का निर्माण किया जा रहा है। वर्षो पुरानी समस्या का हल कराने पर विधायक सुदेश राय एवं पार्षद विजेंद्र राय का क्षेत्र के सजन सिंह, गजराज सिंह, भगवान सिंह, अजय राय, महेश कुश्वाह, सुजीत चौहान, ब्रजेश राठौर, अर्जुन बारेला आदि नागरिकों ने आभार व्यक्त किया है।
विधायक को सौपा योग वैदांत सेवा समिति और महिला उत्थान मंडल ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन, कारागार में कब तक रहेंगे भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाने वाले संत - विधायक राय
विपदा के समय हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है कांग्रेस,कर रहे राशन वितरण
सीहोर/कोरोना काल मे लॉक डाउन के कारण गरीबो के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है ओर यह समय सभी सामर्थवान लोगो ओर संस्थाओ को आगे आकर पीड़ित मानवता की सेवा करनी चाहिए । ऐसे में जिला कांग्रेस कमेटी सीहोर परिवार द्वारा राशन की व्यवस्था कर उन जरूरतमंद परिवारों तक पहुचाने के सेवा कार्य कर रही है। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलवीर तोमर ने सभी सक्षम लोगो से अपील की है कि जो भी हम अपने आसपास जरूरतमंद लोगों के लिए अपने सामर्थनुसार जो भी मदद कर सके तो हमे करना चाहिए। इसी कड़ी में सीहोर जिला कांग्रेस परिवार द्वारा क्षेत्र के जरूरतमंद परिवारों के लिये पंद्रह दिन के राशन की व्यस्था के उन तक पहुचाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता कार्य कर रहें है। इसके पूर्व जिले भर के कोविड सेंटर्स सहित कई लोगो को जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा सेकड़ो भाप मशीने प्रदान की गई थी और कांग्रेसजनों द्वारा ओर भी कई सेवा कार्य किये जा रहे है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलवीर तोमर,हरीश राठोर,पुनीत राठौर, नईम नवाब, राजेन्द्र ठाकुर,सन्तोष गुप्ता,पवन राठौर, राजीव गुजराती, नितिन गुप्ता,राजा राम बड़े भाई, मजीद भाई,जसवीर सिंह खनूजा, शंकर खरे, मृदुल तोमर, प्रीतम चौरसिया, इरफान बेल्डर, भगत तोमर, ब्रजेश पटेल,नायाब खान, यश यादव,अमित यादव, धर्मेंद्र रैकवार, पूरन शाक्य,राजेश कौशल, ओम भाई आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।।मठवाले मंदिर पहुंचकर विधायक सुदेश राय ने की हनुमान जी, महाराज से कोरोना संक्रमितों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की प्रार्थना
23 मई को 18 प्लस टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित, प्रातः 8 बजे खुलेगी ऑनलाईन बुकिंग
18 प्लस के टीकाकरण के लिए 23 मई को विशेष सत्र का आयोजन प्रातः 9 बजे से किया जाएगा। टीकाकरण के लिए सुबह 8 बजे से ऑनलाईन बुकिंग प्रारंभ होगी। रविवार से 18 से 44 आयु वर्ग वालों का सीहोर शहरी क्षेत्र का टीकाकरण भोपाल नाका स्थित महिला पालीटेक्निक कॉलेज किया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एम.के.चंदेल ने जानकारी दी कि 23 मई को विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित किया जाएगा। जिसकी ऑनलाईन बुकिंग प्रातः 8 बजे ओपन होगी। सीहोर शहरी क्षेत्र सहित आष्टा, जावर, कोठरी, सिद्धिकगंज, बुदनी, रेहटी, शाहगंज, बकतरा, इछावर, नसरूल्लागंज, दोराहा, श्यामपुर, बिल्किसगंज, लाड़कुई, अहमदपुर., अमलाहा, भाउखेड़ी में आयोजित टीकाकरण केन्द्र के लिए 23 मई को सुबह बुकिंग की जा सकेंगी।
कोविड संक्रमितों का आक्सीजन लेवल बढ़ाने की जा रही फिजियोथैरेपी, स्पायरोमीटर से किया जा रहा उपचार, प्रोनिंग पोजिशन एक्सरसाईज भी कराई जा रही
कृषि वैज्ञानिकों ने मूंग फसल का निरीक्षण कर दी किसानों को सलाह
खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए जिले में तीसरी फसल के रूप में ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा निरंतर बड़ रहा हैं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उप संचालक ने जानकारी दी कि जिले के विकासखण्ड बुदनी एवं नसरूल्लागंज में ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई की जाती हैं। वर्ष 2018-19 में 36190 हेक्टर, 2019-20 में 39850 हेक्टर एवं 2020-21 में 41100 हेक्टर में मूंग की बोनी की गई। जिससे कृषकों को लगभग 200 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आमदानी हो रही हैं। इस वर्ष फसल पकने की स्थिति एवं मौसम की प्रतिकुलता के कारण विकासखण्ड नसरूल्लागंज में कहीं-कहीं पीला मोजेक का प्रकोप देखने को मिलाए जिसके निरीक्षण के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा ग्राम लाडकुई, टीकामोड, मरियाडो, खरसानिया, चांदाग्रहण एवं सतराना में मूंग की फसल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान तना मक्खी कीट एवं सफेद मक्खी का प्रकोप पाया गया हैए जिसके निदान हेतु थायोमेथाक्सान (12.6 प्रतिशत) + लेम्डासायलोथ्रिन (9.5 प्रतिशत) की 80 मिली मात्रा प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें या बीटासायफ्लूथ्रिन+ इमिडाक्लोप्रिड की 140 मिण्ली मात्रा प्रति एकड 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह कृषकों को दी गई। किसानों को सलाह दी गई कि फसल में कीटो का प्रकोप दिखाई देने पर उक्त कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें तथा निरंतर अपने प्रक्षेत्र का भ्रमण करते रहे हैं। वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में मूंग की कटाई प्रारंभ हो चुकी हैं। लगभग 10.15 दिनों में मूंग की कटाई पूर्ण रूप से हो जाएगी।
आपदा प्रबधंन के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री सक्सेना को नोडल अधिकारी बनाया
जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री ब्रिजेश सक्सेना-9893440488 को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारी श्री सक्सेना समय-समय पर आपदा प्रबंधन के संबंध में कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे।
जिले में कड़ाई से कराया जा रहा है कोरोना कर्फ्यू का पालन
आज 83 व्यक्ति रिकवर हुए, कुल रिकवर की संख्या 8941, जिले में 67 व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव मिले, वर्तमान में कोरोना एक्टिव-पॉजीटिव की संख्या 540
पिछले 24 घंटे के दौरान 67 व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव मिले। सीहोर शहरी क्षेत्र से 16 व्यक्ति पॉजीटिव मिले हैं। जो पारस विहार वाटिका, मंडी, जेल कॉलोनी, न्यू बस स्टेण्ड, एलआईसी कॉलोनी, जयंती कॉलोनी, शीतल विहार, कस्बा, शुगर फैक्ट्री चौराहा के निवासी हैं। नसरुल्लागंज क्षेत्र से 08 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जो लाड़कुई, मण्डी, श्यामपुरा, छिदगांव, बालागांव के निवासी हैं। इछावर क्षेत्र अन्तर्गत 06 व्यक्ति पॉजिटिव मिले हैं संक्रमित व्यक्ति मिले हैं जो गुराड़ी, बावडिया गोसाई, सिराड़ी, मोहनपुरलेंडी के निवासी है। श्यामपुर क्षेत्र से 07 व्यक्ति पॉजिटिव मिले हैं संक्रमित व्यक्ति झरखेड़ा, मोगराराम, अहमदुपर, हल्लूखेड़ी, गुड़भेला के निवासी है। बुधनी क्षेत्र से 09 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जो देहरी, वार्ड नंबर 04, 03, 12, 10, होलीपुरा, शाहगंज, उंचाखेड़ा, सगोनी, नानबेट के निवासी हैं। आष्टा क्षेत्र से 21 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जो कोठरी, नीलबड़, सिद्धिकगंज, पांगरी, खजूरिया, जावर, मीरजापुर, जताखेड़ा, बापचा, शांति नगर, वार्ड नंबर 22, गल्ला मंडी, अलीपुर, छापर, कुरावर रोड़ आष्टा, कोठियानाला, हकीमाबाद के निवासी हैं। सीएमएचओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक कुल कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 9596 है। वर्तमान में एक्टिव पॉजिटिव 540 हैं। आज 83 व्यक्ति रिकवर हुए। कुल रिकवर व्यक्तियों की संख्या 8941 हैं। कुल कोविड संक्रमित मृत व्यक्तियों की संख्या 115 है । आज 1605 सैम्पल लिए गए है। जांच के लिए सीहोर शहरी क्षेत्र से 269, श्यामपुर से 356, विकासखंड नसरुल्लागंज से 272, आष्टा से 296 एवं बुदनी विकासखंड से 226 तथा इछावर से 186 सेंपल लिये गए हैं। अभी तक कुल जांच के लिए भेजे गए सेंपल 124086 हैं जिनमें से 112814 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। आज 1890 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुल 1605 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 71 है। जिले मे जो व्यक्ति होम क्वारन्टाईन में हैं उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। जिसका संपर्क नंबर- 07562-1075 है। जिला स्तर पर जिला कोविड कमाण्ड कंट्रोल सेंटर का मोबाइल नंबंर 9425400273, 7987652577, 9425400453 पर कॉल सेंटर पर संपर्क किया जा सकता है। राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर कॉल करके भी टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104 नंबर पर ई-परामर्श सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। होम क्वारन्टाईन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाईन नंबंर 18002330175 जारी किया गया है। होम क्वारन्टाईन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोशनल वेलनेस अथवा साइकॉलाजीकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्श मानसिक सेवा प्रदाताओं से नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के आदेश जारी, कलेक्टर ने पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिलाए जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में राज्य में कार्यरत समस्त नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, आऊटसोर्स, अन्य शासकीय सेवक और सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई घोषणा के अमल के लिये वित्त विभाग द्वारा प्रारूप तैयार कर योजना का आदेश जारी कर दिया है। कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जाना सुनिश्चित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का उद्देश्य ऐसे शासकीय सेवक, सेवायुक्तों की कोविड-19 के उपचार के दौरान या कोविड-19 से स्वस्थ होने के पश्चात संक्रमित होने के साठ दिवस में बीमारी के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाना है।
पात्र कर्मी - राज्य के समस्त नियमित वेतन मानदेय, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ/संविदा पर नियुक्त सेवायुक्त जिनका पारिश्रमिक आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय होता है, योजना के लिये पात्र होंगे। विभाग द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 में निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आउटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त, जिनका पारिश्रमिक, मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग एवं ऐसी संस्थाएँ जिनका शत-प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इसके लिये स्थापना अनुदान दिया जा रहा हो, में कार्यरत सेवायुक्त कर्मी हो। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार भी शामिल रहेंगे।
पात्रता की शर्तें - मृत सेवायुक्त के कोविड-19 पॉजिटिव होने के संबंध में चिकित्सकीय प्रयोगशाला की विधिमान्य रिपोर्ट (आरटीपीसीआर/आरएटी) होना चाहिये। मृत्यु की तिथि पर शासन में नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत होना आवश्यक है। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त पूर्णकालिक रूप से नियोजित कार्यरत होना चाहिये। अंशकालिक रूप से नियोजित/कार्यरत सेवायुक्त को इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी। वर्तमान में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत जिन परिवारों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने की पात्रता है, उन्हें इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
वित्तीय सहायता - योजना अंतर्गत अधिकतम 5 लाख रूपये तक विशेष अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा सकेगा। जिन सेवायुक्तों को उनके नियोक्ता द्वारा पूर्व से ही अनुग्रह राशि (एक्सरोशिया) एवं मृत्यु सह सेवानिवृत्ति उपादान या अन्य किसी नियम अधिनियम के तहत किसी भी प्रकार का अन्य उपादान का भुगतान किया जा रहा है तथा सेवायुक्तों को इन शीर्षो में भुगतान की गई कुल राशि 5 लाख रुपये से कम है तो 5 लाख रूपये एवं वास्तविक भुगतान हेतु आंकलित राशि के अन्तर की राशि का भुगतान इस योजना में किया जायेगा। जिन सेवायुक्तों को अनुग्रह राशि, उपादान राशि की पात्रता नहीं है, उनके पात्र दावेदार को 5 लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा। परिवार में एक से अधिक सेवायुक्तों के योजनांतर्गत पात्र होने की स्थिति में प्रत्येक सदस्य के निधन पर निर्धारित गणना अनुसार पृथक पृथक राशि देय होगी।
योजना की अवधि - मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना 1 मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी। यदि सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजिटिव था लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात कोविड-19 पॉजिटिव होने के 60 दिवस के भीतर हो जाती है तो इस स्थिति में भी पात्र दावेदार को विशेष अनुग्रह राशि की पात्रता होगी।
प्रकरण स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी - जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर को प्रेषित किया जायेगा। संबंधित जिले के कलेक्टर योजनांतर्गत सक्षम स्वीकृति जारी करने के लिये अधिकृत रहेंगे। कार्यालय प्रमुख की मृत्यु के प्रकरण में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने के लिये सक्षम प्राधिकारी होंगे। मंत्रालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में सामान्य प्रशासन विभाग, संबंधित विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी होंगे। राजभवन, विधानसभा, उच्च न्यायालय की स्थापना में कार्यरत सेवायुक्तों के प्रकरणों के लिये प्रमुख सचिव राजभवन, प्रमुख सचिव विधानसभा, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय सक्षम प्राधिकारी होंगे।
आहरण संवितरण अधिकारी - संबंधित सेवायुक्त की मृत्यु के समय जिस कार्यालय से उसका अन्तिम वेतन, मानदेय, पारिश्रमिक का आहरण किया गया हो उसी कार्यालय के आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा योजना अंतर्गत सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर कोषालय से राशि आहरण की जायेगी। राशि का आहरण उसी बजट शीर्ष से किया जायेगा, जिससे मृतक सेवायुक्त का अंतिम वेतन, मानदेय, पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। आऊटसोर्स के माध्यम से सेवा प्रदान कर रहे सेवायुक्तों के लिये योजनांतर्गत राशि का भुगतान उनकी सेवायें प्रदान करने वाली एजेंसी के स्थान पर संबंधित दावेदार के खाते में किया जायेगा।
दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया - मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना में दावेदार को आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित परिशिष्ट-1 अनुसार दावा प्रपत्र भरकर उस कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा, जहाँ संबंधित शासकीय सेवक, सेवायुक्त मृत्यु के पूर्व कार्यरत था। संबंधित कार्यालय प्रमुख दावे का प्रसंस्करण करेगा एवं निर्धारित परिशिष्ट-2 अनुसार सक्षम स्वीकृति जारी करने करने के लिये सक्षम प्राधिकारी को दावा प्राप्त होने के तीन कार्य दिवस में अनिवार्यतः प्रेषित करेगा। सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर आहरण संवितरण अधिकारी देयक तैयार करेगा और अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिये कोषालय में देयक जमा करायेगा। कोषालय के द्वारा संबंधित दावेदार के खाते में राशि जारी की जायेगी। अनुग्रह राशि के लिये दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 अथवा योजना की अवधि की समाप्ति के 3 माह पश्चात की दिनांक होगी। अपरिहार्य स्थिति में विलंब के कारणों से संतुष्ट होने पर सक्षम प्राधिकारी अधिकतम छः माह तक का विलंब माफ कर सकेंगे। अनुग्रह राशि के लिये दावा प्रस्तुत करने की पात्रता के क्रम में पति/पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) प्रथम हकदार होंगे। इनके न रहने की स्थिति में विधिक सन्तानों (एक से अधिक होने पर बराबर राशि) तथा विधिक सन्तान न होने पर माता, पिता को दावा प्रस्तुत करने का अधिकार होगा। राज्य शासन के निगम, मण्डल, संस्थाओं, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय उनकी स्थापना में कार्यरत नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से योजना का संचालन कर सकते हैं। शासी निकाय द्वारा योजनांतर्गत प्रकरणों की स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी का नामांकन किया जायेगा। नगरीय निकायों एव पंचायती राज संस्थाओं की स्वीकृत स्थापना में कार्यरत नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके प्रशासकीय विभाग द्वारा निर्णय लिया जाकर योजना को लागू किया जा सकता है। ऐसे प्रकरणों में योजनांतर्गत स्वीकृति देने के लिये सक्षम प्राधिकारी जिला कलेक्टर होंगे। राज्य शासन के निगम, मण्डल, संस्थाओं, प्राधिकरण, विश्वविद्यालयों तथा नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत योजना संचालन की स्थिति में उनकी स्वयं की निधि से योजनांतर्गत अनुग्रह राशि का भुगतान किया जायेगा। उपरोक्त किसी संस्था को योजना अंतर्गत स्वीकृत अनुग्रह राशि भुगतान हेतु वित्तीय व्यवस्था में कठिनाई परिलक्षित होती है तो समुचित कारण सहित राशि की मांग का प्रस्ताव अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को प्रेषित किया जायेगा। अनुग्रह राशि के भुगतान संबंधी उक्त उपबंधों का निर्वचन तथा कठिनाईयों के निराकरण के लिये प्रकरण वित्त विभाग को प्रेषित किये जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के आदेश जारी, कलेक्टर ने पात्र बच्चों की जानकारी एकत्रित कर आवश्यक कार्यवाही के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, जिनके माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है। कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अथवा अभिभावक की कोविड से मृत्यु हुई हो, ऐसे पात्र सभी बच्चों की जानकारी एकत्रित कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। योजना में परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक, बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में, 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक इनमें से जो भी कम हो और जिनके माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। "कोविड-19 से मृत्यु" का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
योजना का लाभ लेने की पात्रता - प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो। परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो। बाल हितग्राही के मृतक माता-पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों, जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन पाने की पात्रता हो। ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही, जिनके माता-पिता, अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु होने से अनाथ हो गये हैं, को पाँच हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। बाल हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक और बच्चे के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद उनके व्यक्तिगत खाते में राशि दी जाएगी।
खाद्यान्न सुरक्षा - प्रत्येक बाल हितग्राही तथा नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत निःशुल्क मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा। ऐसे परिवारों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला-बाल विकास विभाग द्वारा पात्रता पर्ची जारी किये जाने के लिये जिला खाद्य अधिकारी को उपलब्ध करवायी जाएगी।
शिक्षा सहायता - शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। जो बाल हितग्राही निजी स्कूलों में आरटीई (शिक्षा का अधिकार) प्रावधान अंतर्गत अध्ययनरत हो या आगे होंगे, का शुल्क संबंधित स्कूल को प्रदाय किया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही, जो RTE कोटे से पृथक निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं या होंगे, को आरटीई प्रतिपूर्ति सीमा तक राशि दी जाएगी। शासकीय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। निजी स्कूल में अध्ययनरत बाल हितग्राही को 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष की सहायता दी जाएगी। यह वित्तीय सहायता, बाल हितग्राही को सामान्य शासकीय योजना में पात्रतानुसार प्राप्त होने वाली छात्रवृत्ति एवं अन्य लाभ के अतिरिक्त होगी।
उच्च शिक्षा - केंद्रीय विश्व विद्यालय तथा प्रदेश में स्थित समस्त विश्वविद्यालय एवं महा विद्यालयों में स्नातक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत बाल हितग्राही को भी सहायता दी जाएगी। शासकीय अथवा केंद्र, राज्य शासन से अनुदानित विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों में हितग्राहियों को प्रवेश शुल्क और परीक्षा शुल्क सहित अन्य समस्त वार्षिक वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क सहित) का लाभ देय होगा। साथ ही कॉशनमनी जमा कराने से छूट रहेगी। बाल हितग्राहियों का प्रवेश निःशुल्क होगा। समस्त शुल्क की संबन्धित संस्था को प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाएगी। ऐसे निजी विश्वविद्यालय और अशासकीय महाविद्यालयों में, जहां शुल्क का निर्धारण मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा नियत किया जाता है, में अध्ययनरत होने पर समस्त वार्षिक वास्तविक शुल्क या 15 हजार रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति बाल हितग्राही के आधार लिंक्ड बैंक खाते में की जाएगी।
तकनीकी शिक्षा - तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत स्नातक, पोलीटेकनिक डिप्लोमा, आईटीआई और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये भी योजना के हितग्राही को सहायता दी जाएगी। बाल हितग्राही जो शासकीय, अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करता है तो उसके द्वारा देय शुल्क शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल हितग्राही, जो निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में जेईई मेन्स परीक्षा या पृथक प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेशित होता है तो उसका अधिकतम डेढ़ लाख रूपये प्रतिवर्ष या वास्तविक देय शुल्क जो भी कम हो, राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल हितग्राही, जो मध्यप्रदेश के उन निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में जहाँ स्नातक में प्रवेश 12वीं कक्षा की परीक्षा के आधार पर होता है, उनका वास्तविक शुल्क या 75 हजार रूपये वार्षिक जो भी कम हो राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष - जिन बाल हितग्राहियों ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के आधार पर केन्द्र या राज्य शासन एवं निजी मेडिकल कॉलेज, डेन्टल कॉलेज के एबीबीएस, बीडीएस आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी (बी.ए.एम.एस/ बी.यू.एम.एस/ बी.एच.एम.एस) पाठ्यक्रम एवं मध्यप्रदेश में स्थित प्रायवेट मेडिकल, आयुष महाविद्यालय के एमबीबीएस, बी.ए.एम.एस, बी.यू.एम.एस, बी.एच.एम.एस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया हो, उनके द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। भारत शासन के ऐसे संस्थान, जो स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर प्रवेश देते हैं, को भी योजना में सम्मिलित मान्य किया जाएगा। शासकीय मेडिकल कॉलेज में शिक्षित डॉक्टर 2 वर्ष तक राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने का अनुबंध करेंगे और इस आशय के लिए 10 लाख रूपये के बांड के रूप में निष्पादित करेंगे। प्रायवेट कॉलेज में यह अवधि 5 वर्ष तथा बांड की राशि 25 लाख रूपये होगी।
विधि शिक्षा - कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) अथवा स्वयं के द्वारा अयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद एडमिशन वाले कोर्स के बाल हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। भारत सरकार, राज्य सरकार के समस्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स (जिसमें मास्टर डिग्री के साथ बैचलर डिग्री भी सम्मिलित है) के बाल हितग्राहियों द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य शासन के समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संचालित समस्त स्नातक तथा राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पोलीटेकनिक महाविद्यालयों में संचालित समस्त डिप्लोमा पाठ्यक्रमों एवं आईटीआई (ग्लोबल स्किल पार्क को सम्मिलित मानते हुए) को योजना में शामिल किया जाएगा। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा उसके अधीन संचालित पैरामेडिकल साइंस के डिप्लोमा, डिग्री एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने वाले बाल हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिये विभिन्न संस्थाओं को देय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क सहित) जो शुल्क विनियामक समिति अथवा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार या राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है. का ही भुगतान किया जाएगा तथा कॉशन मनी जमा करने से भी छूट प्राप्त होगी। योजना में पात्र विद्यार्थी जो पूर्व से किसी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं, उन्हें भी योजना लागू वर्ष से लाभ प्रदान किया जा सकेगा। बाल हितग्राही को उच्च शिक्षा के लिये किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने पर उस पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित वर्षों के लिए ही शिक्षा प्राप्ति संबंधी लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संस्थानिक सहायता - 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बाल हितग्राही, जिनका कोई घर या निश्चित निवास स्थान नहीं है और जिनके जीवन निर्वाह के लिए कोई दृश्यमान साधन नहीं है अथवा कोई भी संरक्षक उनकी देख-रेख करने का इच्छुक नहीं है, को संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा सहायता एवं पुनर्वास हेतु बाल कल्याण समिति द्वारा देख-रेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक घोषित किया जाकर प्रदेश में संचालित बाल देख-रेख संस्था में प्रवेश सुनिश्चित करवाया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही को योजना के तहत प्रदाय मासिक आर्थिक एवं मासिक राशन की पात्रता नहीं होगी, किंतु बाल देखरेख संस्थाओं में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर निर्मुक्त होने वाले बच्चों को वे समस्त सहायता दी जाएगी, जिसका योजना में प्रावधान है।
आवेदन की प्रक्रिया - मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में सभी आवेदन दस्तावेजों सहित योजना के लिए निर्मित पोर्टल covidbalkalyan.mp.gov.in पर ही प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला-बाल विकास का यह दायित्व होगा कि वह ऐसे परिवारों की पहचान करें, जिन्हें योजना का लाभ दिया जा सकता है। ऐसे परिवारों से संपर्क कर पोर्टल पर आवेदन भरवाएं। समस्त लाभ पोर्टल के माध्यम से दिये जाएंगे। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही जिला कलेक्टर के लॉगिन से होगी। प्रकरणों की स्वीकृति और अनुमोदन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप संचालक सामाजिक न्याय और जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास, समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति के अनुमोदन के पश्चात सहायता प्रदान करने के आदेश समिति के सदस्य सचिव द्वारा जारी किये जाएंगे। मबावि नोडल विभाग होगा मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ, बाल हितग्राहियों को शासन की अन्य योजनाओं के अंतर्गत देय लाभ के अतिरिक्त होगा, किन्तु बाल हितग्राही को शिक्षा शुल्क आदि का दोहरा भुगतान किसी अन्य योजना से नहीं होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिये नोडल विभाग महिला-बाल विकास विभाग होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि का प्रावधान महिला-बाल विकास विभाग के बजट में किया जाएगा। निगरानी एवं मूल्यांकन महिला-बाल विकास विभाग द्वारा की जाएगी।
निजी चिकित्सालयो में कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित करने नवीन दिशा-निर्देश
कोविड-19 टीकाकरण अभियान को गति प्रदान करने के लिए केन्द्र शासन द्वारा निजी चिकित्सालयों को वैकसीन निर्माता कपंनियों से सीधे वैक्सीन खरीदी उपरांत टीकाकरण सत्र आयोजित करने की अनुमति प्रदान की है। निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक ने निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जारी निर्देशों के तहत निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण के दौरान वैक्सीन रख-रखाव के लिए पर्याप्त कोल्ड चेन स्पेस एवं कोल्ड चेन उपकरणों की उपलब्धता, टीकाकरण के लिए आने वाले नागरिकों के लिए टीकाकरण कक्ष, प्रतीक्षा कक्ष तथा निगरानी कक्ष उपलब्ध हो, प्रशिक्षित टीकाकर्म एवं सत्यापनकर्ता की उपलब्धता, केन्द्र शासन एईएफआई गाईड लाईन अनुसार प्रबंधन की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। केन्द्र शासन द्वार प्रदत्त चेकलिस्ट अनुसान जिला स्वास्थ्य समिति निरीक्षण उपरांत सत्यापन कर योग्य पाए गए निजी चिकित्सालयों को जिला स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष द्वारा चयनित किया जाएगा। कोविड-19 टीकाकरण केन्द्र चयन उपरांत निजी चिकित्सालयों को कोविन पोर्टल में रजिस्ट्रर्ड कर जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा लॉगइन आईडी एवं पासवर्ड प्रदान किए जाएंगे। समस्त पंजीकृत निजी कोविड-19 टीकाकरण केन्द्रों को वैक्सीन निमार्ता कंपनियों से वैक्सीन प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर कोविन पोर्टल पर जानकारी दर्ज करना अनिवार्य होगा। वैक्सीन प्राप्ति के 1 से 2 दिवस के भीतर कोविन पोर्टल पर टीकाकरण स्लॉट पब्लिश करना अनिवार्य होगा जिससे टीकाकरण के लिए आने वाले नागरिक अपना ऑनलाईन स्लॉट बुक कर सकें। नागरिकों के टीकाकरण पश्चात उनकी जानकारी कोविन पोर्टल पर दर्ज कर नागरिकों को सर्टिफिकेट उपलब्ध करना अनिवार्य होगा। टीकारण संबंधी सभी गतिविधियां कोविन पोर्टल के माध्यम से संचालित होंगी। टीकाकरण केन्द्रों पर कोविड-19 अनुकुल व्यवहारों का पालन सख्ती से कराया जाना अनिवार्य होगा। निजी चिकित्सालय कोविड-19 वैक्सीन का क्रय, निर्माता कंपनी से स्वयं करेंगे।
पोस्ट कोविड-टेलीमेडिसिन एवं सलाह के लिए 1075 पर कॉल करें
वे पेशेंट जो कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं वे अपने स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या एवं परामर्श के लिए 1075 नंबर पर कॉल कर सकते हैं जहां से डॉक्टर्स द्वारा उन्हें उचित परामर्श एवं उपचार सलाह दी जाएगी। इस नंबर पर वे व्यक्ति भी कॉल कर सकते हैं जो बीमार नहीं है परंतु अपनी शंकाओं का समाधान चाहते हैं। कोविड-के अलावा अन्य बीमारियों से संबंधित सलाह भी उक्त नंबर पर कॉल करने से मिलेगी।
कोरोना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन, शत-प्रतिशत टीकाकरण तथा प्रत्येक घर का सर्वे जरुरी - कलेक्टर श्री ठाकुर
कोरोना संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन, किल कोरोना अभियान के तहत सभी व्यक्तियों का सर्वे तथा शत्-प्रतिशत टीकाकरण आवश्यक है। सभी अधिकारी इसे अभियान के रूप में चलाएं और इसकी प्रत्येक स्तर पर सतत् मॉनीटरिंग करें। यह बात नवागत कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कही। श्री ठाकुर ने जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं कोविड मरीजों के उपचार संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बैठक के आरंभ में सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। बैठक में कलेक्टर श्री ठाकुर ने किल कोरोना अभियान के तहत जिले में सर्वे की जानकारी लेते हुए आगामी दो-तीन दिनों में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड-19 के तहत की जा रही सेंपलिंग एवं टेस्टिंग अधिक से अधिक करने के निर्देश दिए। श्री ठाकुर ने कहा कि किल कोरोना अभियान को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कोरोना की चैन ब्रेक करना जरुरी है और इसके लिए कोरोना कर्फ्यू का पूरे जिले में कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। श्री ठाकुर ने जिले में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों तथा अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री हर्ष सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती गुंचा सनोबर, समस्त डिप्टी कलेक्टर, समस्त एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ, सीएमएचओ, बीएमओ, सीएमओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- सभी एसडीएम को अपने अनुविभाग की संपूर्ण जानकारी रहे - कलेक्टर श्री ठाकुर
कोरोना की तीसरी लहर के लिए आवश्यक तैयारी
कलेक्टर श्री ठाकुर ने महामारी विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना का उल्लेख करते हुए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड के मरीजों के बिस्तर एवं चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय पूर्व सारी तैयारियां पूरी होंगी तो प्रभावितों के इलाज में किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं आएगी।
आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का नि:शुल्क उपचार
कलेक्टर श्री ठाकुर ने जिले के सभी निजी अस्पतालों में जहां कोविड का इलाज किया जा रहा है उनमें आयुष्मान कार्डधारी हितग्राहियों का नि:शुल्क उपचार कराया जाना नोडल अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्डधारी हितग्राहियों द्वारा निजी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उसे तुरंत संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना का लाभ
कलेक्टर श्री ठाकुर ने सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के हितग्राहियों को लाभांवित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस योजना के तहत ऐसे बालक-बालिका जिनके माता-पिता अथवा अभिभावक की कोविड से मृत्यु हुई हो, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत प्राप्त प्रकरणों के अनुमोदन एवं स्वीकृति की कार्यवाही जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को आर्थिक सहायता, खाद्यन्न सुरक्षा, शिक्षा सहायता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल हितग्राही को संरक्षण, भरण-पोषण एवं अन्य सहायताएं दी जाएंगी।
एसडीएम को हो अपने अनुविभाग की पूरी जानकारी
बैठक में कलेक्टर श्री ठाकुर ने सभी एसडीएम से कहा कि उन्हें अपने अनुविभाग की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन, संचालन से लेकर सभी शासकीय कार्यक्रमों, गतिविधियों की जानकारी के साथ ही कानून व्यवस्था से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियों से अपडेट रहें।
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