विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 22 मई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 मई 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 22 मई

मुख्यमंत्री जी द्वारा कोरोना नियंत्रण की समीक्षा 


vidisha news
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार की प्रातः वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कोरोना नियंत्रण की रणनीति तहत सम्पादित किए जाने वाले कार्यो की समीक्षा की है।  एनआईसी के व्हीसी कक्ष में कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण हेतु किए गए प्रबंधो की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार भी मौजूद थे। 


आपदा प्रबंधन, पूर्व तैयारियों की बैठक सम्पन्न 


vidisha news
वर्षाकाल के दौरान जिले में किसी भी प्रकार की क्षति ना हो इसके लिए किए जाने वाले प्रबंधो पर आज कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने विभिन्न विभागो के अधिकारियों के साथ-साथ अनुविभागो के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद कर वर्षाकाल के पूर्व किए जाने वाले प्रबंधो पर गहन प्रकाश डाला है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने निकाय क्षेत्रों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि वर्षारूपी जल का भराव वार्डो में ना हो इसके लिए नालो की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ का पानी पहली बार नालो की सफाई ना करें के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित हो। खासकर पिछले अनुभवों को शेयर करते हुए कहा कि जैसे ही बारिश होती है वैसे ही नालो मे बहाव चालू होता है तो कचरा बहता हुआ नजर आता है ऐसी स्थिति किसी भी वार्डो में कदापि नजर ना आए।  कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि हर वर्ष बाढ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन किया जाता है। उन क्षेत्रों में वर्षारूपी जल का भराव ना हो के लिए अभी से हर विभाग अपनी-अपनी कार्ययोजना को तैयार कर संयुक्त रूप से मूर्तरूप देना सुनिश्चित करें। खासकर निकाय क्षेत्रों निचली बस्तियों में वर्षारूपी जल का भराव ना हो के अलावा उन्होंने नवीन सडको के निर्माण कार्य होने से सडको को क्रास करने वाले नालो में पाइप बगैरा की जांच पडताल अभी से कर लें। इसी प्रकार की तैयारियां ग्रामीण क्षेत्रो में भी करने के निर्देश उन्होंने दिए है।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कहा कि प्रत्येक पंचायत, वार्ड स्तर पर भी क्राइसेस मैनेजमेंट समितियों का गठन किया गया है उक्त समितियों के सदस्यों को बाढ नियंत्रण संबंधी बैठको में आमंत्रित कर आवश्यक प्रबंधो से अवगत कराएं साथ ही उनके आवश्यक सुझावों पर अमल करना सुनिश्चित करें।  कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है इसके अलावा मौसमी आपदाओं के नियंत्रण प्रबंधो का क्रियान्वयन भी सतत किया जाएगा। कलेक्टर डॉ जैन ने व्हीसी संभाग के दौरान समस्त एसडीएमों को निर्देश दिए है कि जहां जहां चेक पोस्टो पर जांच कार्य किया जा रहा है उन क्षेत्रों में चालानी कार्यवाही के साथ-साथ आरटीपीसीआर की टीम भी उपस्थित रहें ताकि संदिग्ध व्यक्तियों का कोरोना सेम्पल मौके पर लिया जा सकेंं।  कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि होम कोरोन्टाइन में रहने वालो पर सतत नजर अब राजस्व पुलिस एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त अमले द्वारा रखी जाएगी।  पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने कहा कि प्रत्येक विभाग के नोड्ल अधिकारी वर्षाकाल अवधि में सतत सम्पर्क में बने रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर अमले सहित बचाव राहत स्थल पर अविलम्ब पहुंचेगे। उन्होंने ऊर्जा विभाग और नगरपालिका की एक-एक टीम पुलिस थानों में समुचित उपकरणों सहित मौजूद रहेगी। पुलिस अधीक्षक श्री वर्मा ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को हम सब मिलकर 31 मई तक पूर्ण निरंक करेंगे ताकि आगामी माह से तमाम व्यवस्थाएं पूर्वानुसार सुचारू रूप से संचालित हो सकें। उन्होंने स्थानीय अमले को समन्वय बनाकर सशक्त रहकर कार्य करने के निर्देश दिए है।  पुलिस अधीक्षक  श्री वर्मा ने वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान समस्त अनुविभागो क्षेत्रो के पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि सशक्त होकर कार्यवाही करें परन्तु किसी के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार कदापि ना करें। उन्होंने टीम वर्क की भावना से कार्य करने पर बल दिया।  नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बाढ़ आपदा प्रबंधन पर आधारित महत्वपूर्ण जानकारियां एवं पूर्व तैयारियों और राहत बचाव के कार्यो को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपनी-अपनी कार्ययोजना तैयार कर इसकी प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश पूर्व में प्रसारित किए गए है जिसमें मुख्य रूप से नोड्ल अधिकारी एवं उसके सहायक का नाम एवं सम्पर्क नम्बर, बाढ़ आपदा प्रबंधन के संबंध में बचाव स्त्रोतों की जानकारी दी जानी है। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की बैठक समस्त एसडीएम अपने स्तर पर आहूत कर स्थानीय स्तर पर किए जाने वाली प्रबंधनों की सूची संधारित करें। इस दौरान बाढ़ के प्रकार, बाढ़ से खतरा, बाढ़ के प्रभाव, बाढ़ के दुष्परिणामों को बढाने वाले कारक तैयार योजना, पूर्व चेतावनी तंत्र, निर्धारित स्थलों की तैयारियां, बाढ़ के पहले की तैयारी, आपातकालीन वस्तुएं, बाढ़ के दौरान त्वरित किए जाने वाले कार्य, प्रभावितों को राहत शिविरों में ठहराने के प्रबंध, बाढ़ संबंधी चेतावनी देने, चेतावनी के उपरांत किए जाने वाले कार्य, पानी में डूबे व्यक्ति की सहायता, बाढ़ के बाद सामान्य जनजीवन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। अपर कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिले में जो भी जलाश्य, नदियां है जिनके माध्यम से वर्षारूपी जल बस्तियों, शहर में भरता है का चिन्हांकन पूर्व में किया जा चुका है। इसके अलावा और नए क्षेत्रों में जलभराव की संभावना हो तो उसकी सूची तैयार की जाए।  वर्षाकाल के दौरान स्थानीय एसडीएम, तहसीलदार सतर्क रहें और जिला कार्यालय, राज्य के बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम से सतत सम्पर्क बनाए रखें। बांधो का पानी छोड़ने से पूर्व संबंधित क्षेत्रों के रहवासियों को चेतावनी दी जाए। बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार से जनहानि ना हो के प्रबंध पूर्व में सुनिश्चित किए जाए। इसी प्रकार पशु हानि भी ना हो पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराए जाने पर उन्होंने बल दिया।  अपर कलेक्टर श्री सिंह ने  कहा कि जिन विभागों की सड़कों पर पुल-पुलिया है कि सूची तैयार की जाए और बाढ़ से प्रभावित होने वाली पुल-पुलियों पर बेरीकेट् लगाने और चौकीदार तैनात करने की जबावदेंही संबंधित विभाग की होगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम का गठन किया जाता है ठीक वैसे ही तहसील स्तरों पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने तहसीलों पर स्थापित वर्षामापी यंत्रो की जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावितों को जिन राहत शिविरों में रखा जाएगा की सूची पूर्व में तैयार करने और राहत शिविरों में तमाम बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति कराए जाने के निर्देश दिए।  अपर कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि अन्य जिलो के जलाश्य, तालाबों से छोडा जाने वाला पानी जिले की नदियों के माध्यम से प्रवाहित होता है। इसलिए कंट्रोल रूम के नम्बरों से सतत सम्पर्क बनाए रखें। कि कब-कब पानी छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अफवाहों पर ध्यान ना दें। क्षेत्र के कोटवारों सहित अन्य शासकीय अमले को प्रशिक्षित किया जाए और उनके सम्पर्क नम्बरों की सूची तैयार की जाए।


टीम गठन

आपदा प्रबंधन के तहत जिला मुख्यालय, तहसील, ग्राम पंचायत और ग्राम स्तर पर टीम गठित करने के निर्देश अपर कलेक्टर द्वारा दिए गए। प्रत्येक टीम में पांच-पांच सदस्यों के अलावा स्थानीय गणमान्य नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा। 


राहत शिविर

अपर कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बाढ़ आपदा के दौरान प्रभावितों को जिन स्थलों, स्कूलों में रूकवाने की व्यवस्था की जाती है वहां पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं पूर्व में ही ईजाद की जाए ताकि आवश्यकता पडने पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्थाओं का सामना मौके पर ना करना पडें। 


उपकरणों का परीक्षण

अपर कलेक्टर श्री सिंह ने डिस्ट्रिक्ट होमगार्ड कमाण्डेट के अलावा अन्य विभागो वर्षाकाल के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू आपरेशन हेतु जो भी दल नियत स्थलों पर पहुंचता है तो उसके पास आवश्यक उपकरण अनिवार्य रूप से होना चाहिए।


मानसून में विद्युत सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण सलाह’


मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से बारिश (मानसून) में विद्युत सुरक्षा की ओर ध्यान देने की अपील की है। कंपनी ने उपभोक्ताओं से कुछ जानकारी साझा की है।


’बिजली सुरक्षा के कुछ सूत्र’

किसी घरध्कारखाने की सारी वायरिंग किसी लाइसेंसधारी ठेकेदार द्वारा ही करवाई जानी चाहिए, प्लग को इसका तार खींचकर किसी पावर प्वाइंट से अलग मत कीजिए, इसके बजाये प्लग को खींचिये, जिन साकेटों तक छोटे बच्चों की पहुंच हो सकती है, वहां साकेट कवर का इस्तेमाल कीजिये, एडेप्टर के प्रयोग से बचें और एडेप्टरों में एडेप्टर न लगाएं, बिजली के जो उपकरण लगातार प्रयोग में न हों, उनके स्विच बंद कर दीजिये और सुनिश्चित कीजिये कि जब आप घर पर न हों तो बिजली के उपकरणों के प्लग निकले रहें और वे बंद रहें ताकि आग के खतरे और ऊर्जा की बर्बादी से बचा जा सके, आईएसआई निशान वाले बिजली के उपकरणों का प्रयोग सुनिश्चित करें, उदाहरण के लिए खासतौर पर स्नानघर, शावर और गीजर में, यह सुनिश्चित करें कि जब आप एक प्लग को निकाल रहे हों या लगा रहे हों तो आपके हाथ गीले न हों, क्षतिग्रस्त तारों वाले बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें, क्षतिग्रस्त दिखने वाले तारों को बदल दें, प्रयोग में लाए जा रहे बिजली के सभी उपकरणों की नियमित रूप से जांच करें क्षतिग्रस्त सॉकेटों, एडेप्टरों और स्विच का प्रयोग न करें, वे जैसे ही खराब हों, उन्हें तुरंत बदल दें, अगर बिजली संबंधी कोई मरम्मत कराई जा रही हो तो मेन स्विच को हमेशा बंद रखें, स्वयं मरम्मत का कार्य तभी करें जब आप इसके बारे मे जानते हों।बरसात के दौरान, खुले स्थान में बिजली के उपकरण न चलाएं। उपयुक्त रेटिंग वाले सर्किट ब्रेकरों और फ्यूजों का प्रयोग करें।


’बिजली का झटका लगने से निपटना’

बिजली के झटके से मामूली कष्ट से लेकर बुरी तरह जलना और हृदयगति रूकने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इसके शिकार के समक्ष जलने, नाड़ी धीमी पड़ने, सांस लेने में तकलीफ होने और बेहोश होने तक की भी स्थिति आ सकती है। बिजली का झटका निम्नलिखित कारणों से लग सकता है। खराब उपकरण, क्षतिग्रस्त तार या एक्सटेंशन लीड,पानी के संपर्क में आया हुआ बिजली का उपकरण,घर की दोषपूर्ण वायरिंग। 


’बिजली का झटका लगने पर बचाव के उपाय’

घर की मुख्य पावर सप्लाई को तुरंत बंद कर दें। चूंकि मानव शरीर बिजली का अच्छा संवाहक है। इसलिए करंट लगे व्यक्ति को पावर बंद होने तक दूसरे व्यक्तियों द्वारा नहीं छुआ जाना चाहिए ताकि वे स्वयं करंट से बचे रहें। तुरंत आपातकालीन सेवा की सहायता लें और उन्हें विद्युत दुर्घटना के बारे में बताएं। पावर सप्लाई बंद करने के बाद करंट लगे व्यक्ति की सांस और नाड़ी की जांच की जा सकती है। और उसे आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा दी जा सकती है। यदि आवश्यक हो तो इसके शिकार व्यक्ति को कृत्रिम श्वांस दें। इससे व्यक्ति के बचने के अवसर बढ़ सकते हैं। यदि इस कार्यावधि के बारे में सुनिश्चित नहीं है तो कृपया फोन निर्देशों के लिए एम्बुलेंस कार्मिकों से पूछताछ करें। अगर रोगी सांस ले रहा है, एम्बुलेंस आने तक उससे बातचीत करते रहें। पीड़ित को देखने के लिए उसे हिलाएध्डुलाएं नहीं। घावों और जले हुए स्थानों को ऐसी पट्टियों से ढकें जो उस पर न चिपकें लेकिन जले स्थानों पर कभी भी किसी मरहम या तेल का प्रयोग न करें।

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