पटना। आखिरकार आमजन के अखबार सोशल मीडिया से केंद्र की सरकार डरने लगी है।जबकि सत्ता में आने से पहले इसी सोशल मीडिया की सबसे बड़े पैरवीकार के रूप में मुखर रहती थी। ये बातें बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कही। उन्होंने कहा कि जिस सोशल मीडिया के लिए अलग से आईटी सेल बनाकर गलत कंटेंट डालने के सबसे ज्यादा कुत्सित कार्य जिस पार्टी ने किया, आज वहीं दल सोशल मीडिया के ताकत से भयभीत नजर आ रही है। ताजा टूलकिट के मामले में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बदनाम करने के लिए फर्जी कागजात को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया जिसे ट्विटर ने गलत पाया और मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया। इसके बाद ट्विटर को धमकाने के लिए दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किया गया।मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि विभिन्न फर्जी न्यूज पोर्टल बनाकर और उनपर फर्जी तरीके से गलत न्यूज डालकर आम भारतीय जनता को गुमराह करने वाली भाजपा आज जब जनता के सामने सच्चाई आने लगी तो घबड़ा गयी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आम जनता की अखबार है और ये सिटीजन जर्नलिज्म का बेहतरीन उदाहरण है। इसलिए फेसबुक और ट्विटर पर जब आम जनता अपना दर्द बयान कर रही है तो उसपर सरकारी नियंत्रण थोपकर सरकार अपनी छवि बचाने में जुटी है। कोरोना के त्रासदी से आम लोगों का ध्यान भटकाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाकर अब भाजपा आम लोगों को बरगलाने का काम कर रही है। जबकि इस सरकार के प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री तक सोशल मीडिया पर ही अपने छवि बचाने और चमकाने के लिए दिन रात मैनेजमेंट का काम करते हैं।
शनिवार, 12 जून 2021
बिहार : सोशल मीडिया से आखिर डरती क्यों है केंद्र सरकार : राजेश राठौड़
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