- *कोराना महामारी के दौरान मौत के शिकार हुए लोगों का आंकड़ा छुपाने की साजिश बंद हो
- *चिकित्सा सिस्टम को अविलंब मजबूत करने के लिए भाकपा-माले का प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर,22 जून। कोराना महामारी सहित अन्य बीमारियों से निबटने व स्थानीय स्तर पर बेहतर इलाज के लिए गांव-पंचायतों तक सुविधा संपन्न स्वास्थ्य केन्द्रों की गारंटी करने के लिए भाकपा-माले के राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत मुजफ्फरपुर में भी शहर से गांव तक प्रदर्शन का आयोजन किया गया। शहर में हरिसभा चौक स्थित माले जिला कार्यालय में पोस्टर व झंडे-बैनर के साथ प्रदर्शन करते हुए पटना-दिल्ली की सरकार से मांग की गई कि गांव-पंचायतों तक सुविधासंपन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को चालू किया जाए। इन स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थायी डॉक्टर, नर्सिंग व इमर्जेंसी व्यवस्था, दवा, एंबुलेंस तथा सभी जरूरी साधनों की अविलंब व्यवस्था की जाए। यह भी मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी स्वास्थ्य उपकेंद्र है वह जर्जर और बदहाल स्थिति में है, समय रहते सभी स्वास्थ्य भवनों का पुनर्निर्माण किया जाए। प्रदर्शन के दौरान माले नेताओं-कार्यकर्ताओं ने सरकार से यह भी मांग की कि कोराना महामारी के दौरान मौत के शिकार लोगों के आंकड़ों को छुपाने की साजिश बंद की जाए। हर एक मौत को गिना जाए तथा मृतकों के परिजनों को कम से कम चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की गारंटी की जाए। प्रदर्शन में माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, प्रो. अरविंद कुमार डे, फहद जमां, जफर आजम, राजू सहनी, मुफ्ती इरफान कासमी, आबिद हुसैन, रेयाज खान, अकबर आजम, संतलाल पासवान, मो.एजाज, विजय गुप्ता, शफीकुर रहमान, गुलजार, धनंजय कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। प्रदर्शन के दौरान माले नगर सचिव ने कहा कि लोगों की जान कोराना महामारी से ज्यादा लचर व बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के कारण हुई है। यदि गांव-पंचायत तथा प्रखंड व जिला स्तर पर तुरंत समुचित इलाज, दवा, ऑक्सीजन और एंबुलेंस आदि की व्यवस्था रहती तो लोगों की जान बच सकती थी। हर एक मौत के लिए पटना-दिल्ली की सरकार जिम्मवार है। लेकिन मोदी सरकार परिजनों को जीवन यापन हेतु मुआवजा देने से भी भाग रही है जो अमानवीय है। इस अवसर पर प्रो. अरविंद कुमार डे ने कहा कि कोराना की तीसरी लहर का खतरा मौजूद है जो दूसरी लहर से भी खतरनाक हो सकता है। अतः समय रहते सरकार को हरएक को वैक्सीन देने की गारंटी करने के साथ प्राथमिक स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य केन्द्रों को बहाल करना चाहिए ताकि जानमाल की रक्षा की जा सके।
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