वाशिंगटन, 23 जून, अधिकार समूह ग्लोबल विटनेस की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक सैन्य दुष्प्रचार और अन्य सामग्री को बढ़ावा देती है जो म्यांमा में फरवरी में सेना द्वारा तख्तापलट करने के बाद कंपनी की अपनी ही नीतियों का उल्लंघन है। मंगलवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमा में सेना के सत्ता पर कब्जा जमाने और निर्वाचित नेताओं को कैद करने के एक महीने बाद भी फेसबुक एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को सैन्य समर्थक पेजों के साथ ही उन पोस्ट्स को देखने और ‘‘लाइक’’ करने के लिए बढ़ावा दे रहा था जो हिंसा को भड़काते हैं, भ्रामक सूचना देते हैं, सेना की प्रशंसा करते हैं और उसके अत्याचारों का महिमामंडन करते हैं। फेसबुक एल्गोरिदम पोस्ट के क्रम और प्रस्तुति को नियंत्रित करता है ताकि उपयोगकर्ता यह देख सकें कि उनके लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक क्या है। फेसबुक ने तख्तापलट के बाद यह घोषणा की थी कि वह अपनी साइट और अपने मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम से म्यांमा सेना और सेना द्वारा नियंत्रित पेजों को हटाएगी। इसके बावजूद ऐसा नहीं किया गया। उसने मंगलवार को कहा कि उनकी टीम ‘‘म्यांमा में स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और हमारे नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी पोस्ट, पेज या समूह पर कार्रवाई करती है।’’ पूर्व फेसबुक डेटा वैज्ञानिक सोफी झांग ने कहा, ‘‘एक बार फिर फेसबुक ने दिखाया कि वह भारी भरकम घोषणाएं करने में अच्छा और उन्हें असल में लागू करने के मामले में खराब है। उनके पास म्यांमा में अपने काम में सुधार लाने के लिए कई साल थे लेकिन एक बार फिर वे नाकाम हो रहे हैं।’’ म्यांमा में जनवरी 2020 में 2.23 करोड़ से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ता थे जो उसकी आबादी के 40 प्रतिशत से अधिक संख्या है।
गुरुवार, 24 जून 2021
म्यांमा सेना के दुष्प्रचार को बढ़ावा देती है फेसबुक
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