- *30 जून को मंहगाई के खिलाफ में भाकपा (माले,), सीपीआई, सीपीएम के संयुक्त तत्वावधान में जिला समाहरणालय एवं सभी अनुमंडल मुख्यालय पर होगा प्रदर्शन।
- *कोरोना महामारी व लाकडाउन जैसे अवसर का फायदा उठाकर मोदी सरकार ने पूंजीपतियों को तीजोड़ी भरने और जनता को कंगाल बनाने का काम किया है
मधुबनी। 25 जून, मंहगाई के खिलाफ में पांच बाम दलों द्वारा 30 जून को अखिल भारतीय स्तर पर मंहगाई के खिलाफ प्रस्तावित प्रदर्शन को मधुबनी जिला में भी सफल बनाने के लिए भाकपा-माले, सीपीआई व सीपीएम की संयुक्त बैठक कर्मचारी महासंघ कार्यालय में हुआ। बैठक में सीपीएम के जिला सचिव भोगेंद्र यादव, भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण एवं सीपीआई के जिला सचिव मंडल सदस्य मोतीलाल शर्मा ने भाग लिया। बैठक में 30 जून को जिला समाहरणालय एवं जिला के सभी अनुमंडल मुख्यालय पर मंहगाई के खिलाफ संयुक्त प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए बाम दलों के नेताओं ने कहा कि कोवीड महामारी व लाकडाउन का फायदा उठाकर मोदी सरकार ने पूंजीपतियों और अमीरों को तीजीरी भरने का काम किया है। दूसरी तरफ जनता को कंगाल बनाने का काम किया है। यही कारण है कि मंहगाई आसमान छू रही है, पेट्रोल और डीजल का दाम सौ रुपए के पार पहुंच गया है। खाद्य पदार्थों का दाम में भी भारी इजाफा हुआ है। सरसों तेल की कीमत दौ सौ रुपए के पार पहुंच गया है। बेरोजगारी चरम पर चला गया है। परंतु अडानी अंबानी जैसे कारपोरेट पूंजीपतियों और अमीरों के संम्पत्ती में कई गुणा की बृद्धी हूई है। इस तरह मोदी सरकार ने आपदा को पूंजीवादी लूट के अवसर में बदल दिया है। स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा में बरती गई भारी लापरवाही के चलते लाखों भारतीयों को को मौत के मुंह में धकेल दिया गया है। दर्जनों सार्वजनिक व सरकारी संस्थाओं को पूंजीपतियों के हाथों बेच दिया है। इस तरह मोदी सरकार ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है। इस देश बेचू और आदमखोर सरकार के खिलाफ जनता को भी 30 जून के प्रस्तावित प्रदर्शन में भाग लेने की अपील बाम दलों के नेताओं ने किया।
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