श्रीनगर, 16 जून, कभी ‘पूरब के वेनिस’ कहे जाने वाले श्रीनगर शहर में मानव लालच और अधिकारियों की उपेक्षा के चलते आपस में जुड़े कई जलाशय पिछले 30 वर्षों में करीब करीब मृत प्राय हो गये थे लेकिन स्वयंसेवकों एवं स्थानीय लोगों की मदद से एक गैर सरकारी संगठन उनमें चार झीलों का पुनरूद्धार करने में कामयाब हुआ है । नागिन लेक कंजर्वेशन ओर्गनाइजेशन (एनएलसीओ) के अध्यक्ष मंजूर अहमद वांगनू ने बताया कि तब वह 20 सेंकेंडे का वह वीडियो देखकर हैरान रह गये जिसमें खुशलसार झील करीब करीब लैंडफिल स्थल के रूप में तब्दील नजर आ रहा है और उस पर कुत्ते घूमते दिख रहे हैं। वांगनू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह करीब साढे तीन महीने पहले की बात है। मैंने उस जगह जाने का फैसला किया और (देखा तो) वह वाकई बुरी स्थिति में था। कोई भी व्यक्ति दो मिनट से अधिक देर तक खड़ा नहीं रह सकता था। मैंने झील के आसपास रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत की और उसका पुनरूद्धार करने में उनका सहयोग मांगा।’’ (एनएलसीओ) के अध्यक्ष ने कहा कि जब उन्होंने अपना विचार लोगों के सामने रखा तब वे उनपर हंसे। उन्होंने कहा, ‘‘ पहले के अधूरे मन से किये गये प्रयासों के चलते उन्हें शक था। लेकिन जब हमने काम शुरू किया तब स्थानीय लोग भी प्रयास में जुट गये। ’’ पोखरीबाल, गिलसार और नल्लाह आमिर खान जलाशयों का भी पुनरूद्धार किया गया है। स्थानीय लोंगो का कहना है कि झीलों के ऊपर तो साफ-सफाई हो गयी है लेकिन ये प्रयास तभी सार्थक होंगे जब इन जलाशयों से तलछट हटाया जाएगा। नल्लाह आमीर खान मोहल्ला समिति के अध्यक्ष अब्दुल रहमान ने कहा, ‘‘ तीनदशक के तलछट है जिसे हटाने की जरूरत है। आप इस बात से समस्या की गंभीरता का आकलन कर सकते हैं कि हमने जलाशय से 1500 ट्रकलोड अवशेष निकाला है। अब भी छह ट्रक उस निकालने में लगे हैं।’’ उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की कि इस बात की जांच करायी जाए कि झीलों की साफ-सफाई का पैसा कहां गया।
बुधवार, 16 जून 2021
एनजीओ ने श्रीनगर में चार झीलों की की सफाई
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