मधुबनी : बिहार का मिथिलांचल अपनी विविध संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। मिथिलांचल क्षेत्र के मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड के सौराठ गांव में मैथिल ब्राह्मण की परम्परागत “सौराठ सभा” का आयोजन शुरु हो गया। इस अवसर पर वर पक्ष एवं कन्या पक्ष के लोगों ने उपस्थित होकर पंजीकारों के बीच सिद्धांत लिखवाया।सौराठ सभा मैथिल ब्राह्मणों का विवाह निर्णय स्थली है। जहां पर वर पक्ष एवं कन्या पक्ष उपस्थित होकर गोत्र मूल पांजि की जांच पंजी प्रबंध शास्त्र से करवाते हैं। सभा स्थल परिसर में वर पक्ष व कन्या पक्ष को भी शादी की तय- तमन्ना यहां होती है। विवाह उत्सव घर पर मनाया जाता है। वर व कन्या पक्ष के लोग यहां उपस्थित होकर अपने यथास्थिति अनुसार कन्या और वर का विवाह तय करते हैं। शादी की बातचीत तय होने के बाद यहां से घर वालों के बीच पहले संबंध का निराकरण होता है। पंजीकरण की व्यवस्था के अंतर्गत संबंध की जांच यहां उपस्थित पंजिकार करते हैं। एक-दूसरे पक्ष के बीच रक्त संबंध नहीं रहने पर ‘सिद्धांत’ होता है।कन्या व वर पक्ष के अभिभावक सिद्धांत लिखवाते हैं। सौराठ सभा के सचिव डॉ शेखर चंद्र मिश्र ने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार सौराठ सभा का आयोजन तिथि 27 जून रविवार सन्निहित है। दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के मुताबिक सभा की शुरूआत रविवार को की गई है।जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक सभा स्थल पर सभैती की जुटान होगी।इस वर्ष करीब एक सप्ताह सभा चलेगी।सभा स्थल पर कोविड सुरक्षार्थ मास्क व सेनिटाईजर की व्यवस्था की गई है।यहां पर कन्या पक्ष एवं वर पक्ष के लोग जुटेंगे तथा संबंधों के निराकरण के बाद शादी तय की जाती है। विवाह उत्सव घर पर मनाया जाता है । यह अनूठी सभा मैथिल ब्राह्मणों का एक विरासत के रूप में यहां पर है।दूसरे जगह कहीं भीऐसे सभा की आयोजन दिखाई नहीं देता है।सौराठ सभा के अवसर पर यहां के प्रबुद्ध मैथिली गण उपस्थित होकर देर दोपहर कार्यक्रम की आगाज किया। सभा प्रारम्भ होने के बाद 12 परिवार कन्या पक्ष व वर पक्ष के लोगों नेे रविवार को पंंजिकारों से व्यवहारिक निर्णायक ‘सिद्धांत’ लिखवाया है।
मंगलवार, 29 जून 2021
मधुबनी : परम्परागत “सौराठ सभा” का आयोजन शुरु
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