व्यापारियों पर लगे धारा 188 के प्रकरण वापिस लिये जाय : कैट
सीहोर काॅन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन एवं सीहोर जिला अध्यक्ष अम्बर जैन ने बताया कि कोरोना कर्फयू के दौरान सीहोर जिले के व्यापारियों पर जो धारा 188 के केस लगाये गये हैं उन्हें वापिस लिया जाना चाहिये। इस संबंध में गत दिवस कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने प्रदेश के गृहमंत्री डाॅ.नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर व्यापारियों के मुकदमे वापिस लिये जाने का मांग कि और कहा कि कैट पदाधिकारियों ने कहा है कि जिला सीहोर शहर के ऐसे व्यापारी जिन पर इस दौरान मुकदमे लगे हैं कृपया वे इसकी जानकारी कैट पदाधिकारियों को भेजें ताकि हम राज्य शासन से मुख्यमंत्री से गृहमंत्री से उन्हें वापिस लेने हेतु मांग कर सकेें। सीहोर जिले के व्यापारी जिन पर धारा 188 के प्रकरण बने हैं बोसी और जिला अध्यक्ष अंबर जैन से संपर्क कर सकते हैं
बागेर के किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र ने बेचा हरियाणा, महाराष्ट्र की कंपनियों का महंगे दामों पर बीज
कर्मचारियों के द्वारा नहीं दिया गया है बीज बेचने का बिल, अवैधानिक गतिविधियों की जांच कराने की जिला प्रशासन से मांग
सीहोर। कृषि विज्ञान केंद्र ने बागैर ग्राम पंचायत के सैकड़ों किसानों को अवैधानिक रूप से हरियाणा और महाराष्ट्र की निजी कंपनियों के द्वारा निर्मित महंगे दामों पर मक्का का बीज बेच दिया। किसानों को सेवानियां कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों ने पक्का बिल भी नहीं दिया। इधर किसानों को मिलने वाली बीज पर सब्सीडी भी उपलब्ध नहीं कराई गई। अब किसानों को फसल का उत्पादन प्रभावित होने का डर सता रहा है। बागेर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच मदन सिंह ने कहा की किसानों को अब फसल का उत्पादन प्रभावित होने का डर सता रहा है तो वहीं किसान निजी कंपनियों की बिल के अभाव में शिकायत भी नहीं कर सकते है। जिस से अब किसान अपने आप को कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा ठगा महसूस कर रहे है। किसानों का कहना है की कृषि की नवीन तकनीक सीखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे थे कृषि की तकनीक तो नहीं सिखाई गई बल्की दूसरे राज्यों की निजी कंपनियों के बीज खरीदने के लिए दबाव जरूर बना दिया गया। किसानों ने बताया की दस हजार रूपये प्रति क्वंटल के महंगे दामों के बीज थमा दिए गए है। जिन का पुख्ता बिल भी नहीं दिया गया है। सेवानियां कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा मध्य प्रदेश के किसानों के द्वारा उत्पादित बीजों का विक्रय अपने यह से नहीं कर रहा है। जिस से प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं किसानों को भी घटिया रूतर का बीज जबरन बेचा जा रहा है। बावजूद इस के कृषि विभाग कृषि विज्ञान केंंंद्र पर कोई एक् शन नहीं ले रहा है । जिससे किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्षेत्र के किसान योगेंद्र सिंह, सुनील सरपंच, विरेंद्र सिंह, जतन सिंह, नरेंद्र सिंह, राम सिंह, गजराज सिंह, इंदर सिंह कमल सिंह, मुकेश सिंह, उदय सिंह आदि किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र में चल रही अवैधानिक गतिविधियों की जांच कराने की मांग जिला प्रशासन से की है।
कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राज्य के विभिन्न जिलों में कोविड-19 संक्रमण की दर में कमी को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना कर्फ्यू के प्रतिबंधों के सम्बन्ध में जारी पूर्व आदेशों को अधिक्रमित करते हुए नवीन दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जो तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होंगे। जारी निर्देश अनुसार सभी सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले आदि जिनमें जनसमूह एकत्र होता है, प्रतिबंधित रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। ऑनलाइन क्लासेस चल सकेंगी। सभी धार्मिक, पूजा स्थल खुल सकेंगे किन्तु एक समय में 06 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रह सकेंगे तथा उपस्थित जनों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बंधनकारी होगा । समस्त शासकीय अर्द्धशासकीय, निगम मण्डल के कार्यालय 100% अधिकारियों एवं 100% कर्मचारियों की उपस्थिति में खुलेंगें। समस्त प्रकार की दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा निजी कार्यालय प्रातः 09 बजे से रात्रि 08 बजे तक खुल सकेंगे शॉपिंग मॉल, जिम भी उक्त समय में खुल सकेंगे। तथापि सभी सिनेमा घर थिएटर, स्वीमिंग पूल बंद रहेंगे। समस्त वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियां सतत चल सकेंगीं। जिम एवं फिटनेस सेंटर्स रात 08.00 बजे तक 50% कैपेसिटी पर कोविड प्रोटोकॉल की शर्त का पालन करते हुए खुल सकेंगें। समस्त खेलकूद के स्टेडियम खुल सकेंगे किन्तु खेल आयोजनों में दर्शक शामिल नहीं हो सकेंगे। समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 50% कैपेसिटी से रात्रि 10 बजे तक खुल सकेंगें। समस्त होटल एवं लॉज पूर्ण क्षमता अनुसार खुल सकेंगें। विवाह आयोजनों में दोनों पक्षों के मिलाकर अधिकतम 50 लोगों की उपस्थिति की ही अनुमति दी जा सकेगी। इस प्रयोजन के लिए आयोजक को जिला प्रशासन को अतिथियों के नाम की सूची आयोजन से पूर्व प्रदाय करना आवश्यक होगा। अधिकतम 10 लोगों के साथ ही अंतिम संस्कार की अनुमति दी जा सकेगी। रूल ऑफ सिक्स- अनुमत्य गतिविधियों के अलावा किसी भी स्थान पर 6 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। अन्तराज्यीय तथा राज्यांतरिक माल एवं सर्विसेज का आवागमन निर्बाध रहेगा। जिन ग्रामों में कोविड-19 के पॉजिटिव केस पांच या पांच से अधिक है, उन्हें रेड ग्राम के रूप में चिन्हांकित किया गया है। रेड ग्रामों में तथा नगरीय क्षेत्रों के माईक्रो कंटेनमेंट जोन एवं कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 संक्रमण के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही गतिविधियां संचालित हो सकेंगीं। पूरे प्रदेश के समस्त नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक रविवार जनता कर्फ्यू रहेगा, जो शनिवार रात्रि 10 बजे से सोमवार प्रातः 06 बजे तक प्रभावी रहेगा। पूरे प्रदेश के समस्त नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 06:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन समस्त जन करें, इसके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान सतत् चलाया जाए। यह दिशा-निर्देश 30 जून 2021 तक प्रभावशील रहेंगें। दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
जिले में अब तक 110.7 मिमी औसत वर्षा
जिले में आज 16 जून की प्रातः 08 बजे तक पिछले चौबीस घंटों में 4.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले में 110.7 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 116.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। अधीक्षक, भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घन्टों में आष्टा में 03 जावर में 26, इछावर में 02, नसरुल्लागंज में 07 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जबकि सीहोर, श्यामपुर, बुधनी एवं रेहटी में वर्षा की स्थिति शून्य रही। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 143.2, श्यामपुर में 89, आष्टा में 58, जावर में 38, इछावर में 112, नसरुल्लागंज में 151, बुदनी में 183 एवं रेहटी में 111.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गत वर्ष इस अवधि में सीहोर में 61.3, श्यामपुर में 54, आष्टा में 178, जावर में 108, इछावर में 91, नसरुल्लागंज में 178, बुधनी में 135, रेहटी में 127.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।
पौधों की पूर्ण सुरक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण और सार्थक पौधारोपण करें - संभागायुक्त श्री कियावत
- पौधारोपण को बनाए जन जन का अभियान
हर गांव और नगर के पर्यावरण सुधार के लिए होने वाले पौधारोपण को जन-जन का अभियान बनाया जाए। प्रत्येक नागरिक की सहभागिता से ही पर्यावरण सुधार के इस प्रयास में सफलता मिलेगी। यह बात संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने पौधारोपण की तैयारी संबंधी समीक्षा बैठक में कही। श्री कियावत ने वीसी के माध्यम से संभाग के सभी नगर पालिकाओं और जनपद पंचायतों की पौध रोपण की तैयारी की विस्तृत समीक्षा की। श्री कियावत ने कहा कि पूर्ण सुरक्षा के साथ सार्थक पौधारोपण कराएं। गांव और शहरों को पूर्णतः वृक्षों से आच्छादित करने के लिए गंभीरता पूर्वक सार्थक प्रयास करें। प्राकृतिक संतुलन और स्वस्थ जीवन के लिए 33 प्रतिशत भूमि पर वृक्ष होना आवश्यक है पौधे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि वृक्ष शुद्ध वातावरण और परिस्थिति की संतुलन सहित भारतीय संस्कृति और धर्म का अभिन्न अंग हैं। बच्चों को प्राथमिक एवं व्यवहारिक शिक्षा की प्रकृति से ही मिलती है इन्हीं बातों का महत्व समझाते हुए नागरिकों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करें। सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ अपने घरों में भी पौधारोपण के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक संगठनों, प्रतिनिधियों, ग्राम प्रस्फुटन समितियों, कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट समिति, स्व सहायता समूह सहित सभी शासकीय एजेंसियों के माध्यम से पौधारोपण को वृहद स्तर पर अभियान के रूप में चलाएं और पौधे को वृक्ष बनने तक पूर्ण सुरक्षा का संकल्प दिलाएं। प्रत्येक ग्राम में 20 जून को वृक्षाच्छादित चौपाल विकसित करने वृहद स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा। भविष्य में यह क्षेत्र वृक्षाच्छादित होकर सामाजिक समरसता, सामूहिक आयोजनों, आपसी सद्भाव, सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण स्थल बनेगा। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में 1 जुलाई को पार्कों, औद्योगिक क्षेत्रों, शासकीय संस्थानों, झील और तालाब के किनारे, शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के दोनों तरफ, शहर की सड़कों की मीडियन एवं एवेन्यू में, शहरों में स्थित पहाड़ियों पर, स्कूल – महाविद्यालय, तकनीकी संस्थानों, रहवासी कालोनियों, माइनिंग की बंद खदानों के आसपास, धार्मिक स्थलों, मुक्ति धामों में पौधारोपण किया जाएगा। इस पौधरोपण में नगर पालिका निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत, राजधानी परियोजना प्रशासन, औद्योगिक प्रतिष्ठान, स्कूल– महाविद्यालय प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाओं, रहवासी समितियां एवं संगठन, भोपाल विकास प्राधिकरण, निर्माण विभाग एवं नगर वासी अमूल्य योगदान देंगे।
रसीद पर लाइसेंस और पंजीयन नम्बर जरूरी
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत एक अक्टूबर 2021 से सभी खाद्य कारोबारकर्ता के लिए उपभोक्ता को विक्रय किये जाने वाले खाद्य पदार्थ की रसीद, इंवाइस, केश मेमो, बिल आदि पर एफएसएसएआई के तहत जारी किये जाने वाले लायसेंस, रजिस्ट्रेशन नम्बर को अंकित करना अनिवार्य किया गया है। सभी खाद्य कारोबारकर्ता रसीद, इंवाइस, केश मेमो, बिल आदि पर एक अक्टूबर 2021 के पहले ही लायसेंस, रजिस्ट्रेशन नम्बर दर्ज करा लें, यह नम्बर नहीं पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए खाद्य पदार्थ कारोबारकर्ता स्वयं जवाबदार होंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से की मलेरिया से सतर्क रहने की अपील
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ मच्छर जनित रोग मलेरिया की भी संभावनाएँ होने लगी हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। मलेरिया परजीवी का संक्रमण संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर रुके हुए साफ पानी में पैदा होता है, अतरू घर के आस-पास कहीं भी खुले स्थान पर पानी एकत्रित न होने दें। प्रदेशवासियों से कहा गया है कि हर सप्ताह कूलर, पानी की टंकी आदि को खाली कर सफाई करें। ऐसे स्थान जहाँ पानी की निकासी संभव न हो और अनावश्यक जल भराव हो वहाँ केरोसिन या जला हुआ तेल डालें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। खिडकियों और दरवाजों पर मच्छरों को रोकने के लिये जाली लगायें। पूरी बाँह के कपड़े पहनें। मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगकर तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार उतर जाना, रुक-रुक कर बुखार आना, सिर दर्द और उल्टी होना तथा बैचेनी, कमजोरी, सुस्ती महसूस होना शामिल है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल शासकीय स्वास्थ्य संस्था अथवा आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर खून की जांच करायें।
कलेक्टर ने मूंग खरीदी केन्द्रों का किया निरीक्षण
जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द की खरीदी का कार्य शुरू हो गया है। कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने जिले के अनेक मूंग उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने किसानों के पंजीयन, खरीदी केन्द्र की व्यवस्थाओं एवं भंडारण की जानकारी लेते हुए उपार्जन केन्द्र पर बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपज लेकर आने वाले किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। कलेक्टर श्री ठाकुर ने रेहटी तहसील के ग्राम कोसमी, मोगरा तथा अन्य उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया। यह खरीदी केन्द्र वेयर हाउस में बनाये गये हैं। कलेक्टर श्री ठाकुर ने इन केन्द्रों पर चल रहे उपार्जन की गतिविधियों का निरीक्षण करने के साथ ही समिति प्रबंधक एवं वेयर हाउस संचालकों से जानकारी ली। श्री ठाकुर ने कहा कि उपार्जन के लिए आने वाले किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि खरीदी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- कलेक्टर ने खरीदी केन्द्रों में बेहतर इंतजाम के अधिकारियों को दिए निर्देश, किसानों की उपर्जान से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निराकरण के कलेक्टर ने दिए निर्देश
किसानों की उपार्जन से जुड़ी समस्याओं का करें तत्काल निराकरण
श्री ठाकुर ने निर्देश दिए कि उपज लेकर केन्द्र पर आने वाले किसानों की समस्याओं एवं शिकायतों का तत्काल निराकरण किया जाए। यदि स्थानीय स्तर पर निराकरण न हो सके तो वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचित करें। उन्होंने उपार्जन के लिए किसानों को एसएमएस नियमानुसार ही प्रेषित किए जाएं तथा किसानों के आने पर समय पर खरीदी सुनिश्चित की जाए। श्री ठाकुर ने किसानों के लिये बैठने एवं पेयजल की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
एसएमएस मिलने पर ही उपज लेकर आएं
कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने कहा कि किसान भाई एसएमएस मिलने पर ही अपनी उपज लेकर निर्धारित केन्द्र पर पहुंचे ताकि उपार्जन का कार्य सुगमता से किया जा सके एवं किसानों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
कलेक्टर ने किया रिज एंड फरो सिस्टम से सोयाबीन बुआई का निरीक्षण, उन्नत बीज और नवीनतम पद्धतियों के उपयोग की दी सलाह
रिज एंड फरो पद्धति से होगी बोवनी तो बढ़ेगा तीस फीसदी उत्पादन
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक सोयाबीन की बोवनी के लिए यह नई पद्धति है, जिसे मेढ़ नाली पद्धति भी कहा जाता है। इस पद्धति से बोवनी करने पर उत्पादकता में 25 से 30 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी होती है। इसकी बोवनी के लिए सीड ड्रिल में मामूली परिवर्तन कर सोयाबीन बोई जाती है। बोवनी करते वक्त बीज नाली में न रह कर मेढ़ पर आ जाता है और नाली खाली रहती है। इसमें बीज की मात्रा 13.14 किलोग्राम प्रति बीघा लगती है, साथ ही बोवनी के तुरंत बाद भी लगातार वर्षा होने पर भी अंकुरण शत-प्रतिशत रहता है। यही नहीं अति वर्षा होने पर पानी नालियों से बाहर निकल जाता है और पौधा मेढ़ पर सुरक्षित रहता है, वहीं कम वर्षा होने पर नालियों में पानी भरा रहता है और मेढ़ पर लगे पौधे को दोनों ओर से नमी मिलती रहती है। इस पद्धति में सोयाबीन के पौधे पर्याप्त दूरी पर रहते हैं जिससे पौधों का विकास अच्छा होता है।
सलकनपुर में दुकानदारों ने कलेक्टर से की भेंट, कलेक्टर ने मास्क लगाने, दो गज की दूरी और टीकाकरण की अपील की
उपार्जन केन्द्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के सलकनपुर पहुंचने दुकानदारों ने भेंट की। इस दौरान कलेक्टर श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के समाप्त होने के बाद दुकानें खुल गई हैं। लेकिन सावधानी हमेशा बरतनी होगी। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। कलेक्टर ने सभी से कोविड का टीका लगवाने की अपील की। श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है इसलिए हमेशा मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने एवं लोगों को भी कोविड गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार कोविड का टीका अनिवार्य रूप से लगवाएं एवं दुकानों पर आने वाले लोगों को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है।
जिला पंचायत सीईओ ने किया आष्टा के निर्माणाधीन ऑक्सीजन, प्लांट और सिटी स्कैन सेंटर का निरीक्षण
29 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक 17 जून को
कृषि विज्ञान केंद्र सेवनिया की 29 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक 17 जून को दोपहर 12 बजे से ऑनलाइन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। समिति के समस्त सदस्यों से आनलाईन बैठक में http://meet.google.com/xda-qxxn-dze लिंक के माध्यम से सहभागिता करने की अपेक्षा की गई है।
उत्साह उमंग से परिपूर्ण होकर नागरिक लगवा रहे वैक्सीन का प्रथम डोज
शिक्षा सत्र 2021-22 में नवीन प्रवेश के साथ शासन ने बच्चों के लिए, शिक्षकों को 15 जून से 15 अगस्त की गतिविधियाँ दी
कोविड संक्रमण के कारण इस वर्ष शिक्षा सत्र दो माह पिछड़ चुका है। यह शिक्षण सत्र हर वर्ष अप्रैल में शुरू होता है, लेकिन इस बार 15 जून से विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो रही है जो 30 जून तक की जाएगी। इसमें कक्षा 1 एवं कक्षा 6 वीं के विद्यार्थियों के पालकों को बुलावाकर बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक कक्षा प्रवेश के लिए पालकों के साथ विद्यार्थी भी स्कूल आ सकेंगे। इस प्रवेश प्रक्रिया में शिक्षकों के द्वारा गृह संपर्क अभियान का कार्य 15 जून से 30 जून 2021 तक पूर्ण किया जाएगा। बीआरसीसी श्री ओपी शर्मा ने जानकारी दी है कि प्रवेश प्रक्रिया के लिए निर्देश स्कूलों को दिए जा चुके है। इसमें खासकर कोविड गाइड लाइन का पालन करने को कहा गया है। स्कूलों को सैनिटाइज, मास्क लगाना अनिवार्य, शाला के गेट पर पानी, साबुन अथवा सैनिटाइजर उपलब्ध हों, दो गज की दूरी का पालन करना होगा, जिसकी तैयारी स्कूलों में हो चुकी है। कक्षा प्रथम प्रवेश के लिए प्रबंध पोर्टल से ग्रामवार सूची दी गई है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बच्चों की जानकारी ली जाएगी। शिक्षक गांव में भ्रमण कर जानकारी एकत्रित करेंगे और पालकों से संपर्क कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। कई स्कूलों में प्रवेश के लिए सूचना चस्पा की गई है। स्कूलों में प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज में समग्र आईडी जाति प्रमाण पत्र, आधार व राशन कार्ड अन्य दस्तावेज की फोटोकॉपी ली जाएगी। स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क सायकल, गणवेश, पुस्तके, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाता है।
हमारा घर हमारा विद्यालय के तहत 15 अगस्त तक की जाने वाली गतिविधियाँ
15 जून से 15 जुलाई तक "आओ सीखें" गतिविधियाँ - बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों के भावनात्मक विकास और शैक्षणिक समझ की दृष्टि से छोटे-छोटे ऑडियो गत सत्र अनुसार भेजे जाएंगे। सुनिश्चित हो कि बच्चों को इनका लाभ प्राप्त हो। 16 जुलाई से 15 अगस्त "हमारा घर हमारा विद्यालय प्रयास अभ्यास पुस्तिका गतिविधियाँ- इस अवधि हेतु समस्त शासकीय शालाओं के बच्चों को उनकी कक्षा समूह अनुसार 48 पृष्ठीय एक अभ्यास पुस्तिका "प्रयास" उपलब्ध कराई जाएगी जिनकी वर्कशीट्स बच्चे घर पर ही व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग करते हुए शिक्षकों एवं मेंटर्स की निगरानी में पूर्ण करेंगे। अन्य कक्षावार गतिविधियों में- वर्तमान परिस्थिति में सत्र के प्रारंभ में बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विभिन्न भावनात्मक विकास की दृष्टि से व शैक्षणिक समझ की दृष्टि से छोटे-छोटे ऑडियो, विडियो पूर्व सत्र के अनुसार जैसे कक्षा 1 व 2 में मिट्टी के खिलौने, मनपसंद रंगीन और कलात्मक पत्थर, टुकड़े एकत्रित करना, पैर्टन, आकृतियां बनाना, रंगना एवं कक्षा 3 से 5 में उक्त गतिविधियों के साथ पक्षियों के नाम की सूची बनाना व फोटो एकत्रित करना, गणितीय व शब्द वर्ग पहलियों के हल खोजना, कविताओं, गीतो, कहानियों का संग्रह करना, इंडोर गेम्स खेलना। इसी तरह कक्षा 6 से 8 में लॉकडाउन में किए गए कार्य की दैनिक डायरी लिखना। लोककथाओं, लोकगीतों, लोक कलाओं का एवं पेंटिंग, मिट्टी आदि के सामान तैयार करना प्रमुख गतिविधियाँ है। बीआरसीसी श्री शर्मा जी ने ऑनलाइन मीटिंग कर नवीन शिक्षा सत्र 2021-22 में जन शिक्षकों के साथ बीजीसी श्रीमती अमिता आहुजा, बीएसी श्रीमती हेमलता सेंगर, श्री सुरेन्द्र यादव, श्री अभिषेक भार्गव, श्री शंकरलाल शर्मा, श्री दिनेश शर्मा को शाला में नवीन प्रवेश एवं हमारा घर हमारा विद्यालय की गतिविधियों की सतत मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है।
आज 9780 व्यक्तियों को लगा कोरोना का प्रथम एवं द्वितय टीका
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