संवाददाता ,लाइव आर्यावर्त, जमशेदपुर, 22 जुलाई, ऐसा लगता है जैसे जमशेदपुर के बिष्टुपुर और सर्किट हाउस इलाके को छोड़कर शेष इलाके से स्वच्छता की विदाई हो गयी है शहर के मुख्य क्षेत्रों में भी गन्दगी का अम्बार देखा जा सकता है। बाराद्वारी दुर्गा पूजा मैदान के सामने ,कुम्हारपाड़ा शनि मंदिर के ठीक सामने, साकची सब्जी मंडी ,आम बगान , कालीमाटी रोड और शहर के अन्य इलाकों में भी कचड़ों का ढ़ेर लगा रहता है ,जिससे संक्रमण फैल सकता है और आस पास रहने वाले वाशिंदों के साथ अन्य लोग भी संक्रमण से बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
प्रतिदिन सुबह शहरी इलाकों में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ( जे एन ए सी ) की गाड़ी कचड़ा उठाने के लिए गाना बजाते हुए आती है - " देख देख देख तू यहाँ वहां न फेंक ,पहले ही था बीमारियों से सबका बुरा हाल , तो क्या करें भैया ......गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल ....." पर लोग हैं कि मानते ही नहीं। स्वच्छता सभी के लिए जरूरी है ,अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफाई को दरकिनार नहीं किया जा सकता और ये जिम्मेदारी सभी की है। कंपनी या सरकार अगर सुविधाएं देते हैं तो नागरिकों का भी कर्तव्य है कि उन सुविधाओं का कृतज्ञता से लाभ उठायें। जिम्मेदार नागरिक , जिम्मेदार शहर में गन्दगी का अम्बार जिम्मेदारी पर धब्बा है। जरुरत लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने की भी है। वैसे पहले यहाँ कचड़ा फेंकने के लिए लोहे की बड़ी सी कचड़ा पेटी हुआ करती थी पर स्वच्छता अभियान सर्वेक्षण के बाद से ही पेटी गायब हो गयी है और लोग इधर उधर कचड़ा फेंकने को मजबूर हैं। सर्वेक्षण के पूर्व नीले हरे रंग की कचड़ा पेटियां भी लगायी गयी थी पर सर्वेक्षण समाप्त होते ही पेटियां अप्रत्याशित रूप से गायब हो गयीं।
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