मधुबनी, 22 जुलाई, आज दिनांक-22.07.2021 को जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री अमित कुमार के अध्यक्षता में दिनांक-17.07.2021 को खुटौना प्रखण्ड के सभी ग्राम पंचायतों में क्रियान्वित कि जा रही मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया गया था। जाँचोपरांत वरीय पदाधिकारी एवं उनके साथ संबंद्ध सभी विभागों के सहायक अभियंता अपने जांच प्रतिवेदन को समर्पित करने एवम् उसकी समीक्षा हेतु जिला समाहरणालय, मधुबनी में बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान अपर समाहर्त्ता, मधुबनी, उप विकास आयुक्त, मधुबनी, विशेष कार्य पदाधिकारी (जिला गोपनीय शाखा), मधुबनी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, मधुबनी, अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बेनीपट्टी, नजारत उप समाहर्त्ता, मधुबनी एवं अन्य वरीय उप समाहर्त्ता व सहायक अभियंता उपस्थित थे।
समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा खुटौना प्रखण्ड अंतर्गत सभी 18 पंचायतों के जाँच पदाधिकारी से उनके द्वारा जाँच की गई मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना से संबंधित कार्यों के पूर्ण/अपूर्णता की जानकारी लेते हुए कहा वैसे सभी पंचायतों/ वार्डो की सूची तैयार की जाय जिनमें प्रकालन के अनुरूप राशि की पूर्ण निकासी कर ली गई है लेकिन कार्य अपूर्ण है अथवा पूर्ण होते हुए भी जल की आपूर्ति नहीं हो रही है ।इन सभी पंचायतों/ वार्डो के मुखिया ,पंचायत सचिव ,तकनीकी सहायक एवम् wimc के विरुद्ध विधि सम्मत एवम् नियामनुकुल कारवाई की जाएगी। सभी जांच पदाधिकारी द्वारा अपने प्रतिवेदन में योजना के भौतिक निरीक्षण का उल्लेख किया परन्तु अभिलेख पूर्ण एवम् संधारित नहीं होने के कारण अभिलेखीय जांच नहीं होना संसुचिट क़िया।जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी/प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ,खुटौना को सभी ग्राम पंचायतों के लेखापाल -सह- आई०टी० सहायक, तकनीकि सहायक एवम् पंचायत सचिव के सहयोग से 03(तीन) दिनों के अंदर अभिलेख पंजी, मापी पुस्तिका, योजना कार्य संबंधी सभी प्रतिवेदन को प्रखण्ड के टी.सी.पी. भवन में तैयार कराने का निर्देश दिया है।
जिला पदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन दिनों के उपरांत उन सभी पंचायतों के वार्डो के पुन स्थल एवम् अभिलेखीय जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराए। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि माननीय मुख्य मंत्री के इस महत्वकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही एवम् राशि गबन किया है उनको बख्शा नहीं जायेगा । उनपर पंचायती राज अधिनियम 2006 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।जिन वार्डो में कार्य पूर्ण होने के वावजूद एमबी पूर्ण नहीं है साथ ही नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही है, वांहा तकनीकी सहायक को दोषी मानते हुए उनपर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए संविदा रद्द की जाएगी।क्योंकि जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश है कि तकनीकी सहायक प्रतिदिन पांच वार्डो का निरीक्षण करेंगे एवम् वार्ड की सहायता से निरंतर जलापूर्ति सुनिश्चित करेंगे एवम् एमबी तैयार करेंगे।
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