- * आसनसोल धर्मप्रांत के संत जोंस चर्च से कैंडल लाइट मार्च निकला
- * 50 से अधिक लोग हाथ में कैंडल पकड़ कर चल रहे थे
- * कैंडल मार्च संत (मदर) तेरेसा के ग्रोटों के पास पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया
- * कैंडल लाइट मार्च का नेतृत्व करने वाले फादर डोल्फी मथियस ने कहा कि फादर बेल की मांग करते-करते शहीद हो गये
आसनसोल. आसनसोल धर्मप्रांत के संत जोंस चर्च से कैंडल लाइट मार्च निकला. कैंडल लाइट मार्च का नेतृत्व करने वाले फादर डोल्फी मथियस ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी बेल की मांग करते-करते शहीद हो गये.उन्होंने कहा कि फादर के साथ 16 सोशल एक्टिविस्टों पर यूएपीए लगा है.इसमें जमानत नहीं दी जाती है.एनआईए जांच एजेंसी जमानत की विरोध करती है.जबतक मसला की समीक्षा नहीं कर ली जाती है.तबतक जमानत नहीं मिलती.बहुत पापड़ बेलने के बाद वरवरा राव को हेल्थ को लेकर 6 माह के लिए जमानत दी गयी है. उन्होंने कहा कि 3 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई थी,जिसे बढ़ाकर 5 जुलाई कर दी गयी.इस बीच 3 जुलाई को फादर बैचेनी महसूस करने लगे.बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल में इलाज करने वाले चिकित्सकों ने फादर को 4 जुलाई को वेंटिलेटर पर रख दिये.5 जुलाई को डेढ़ बजे दम तोड़ दिये.चिकित्सकों का कहना है कि हार्ट अटैक हो गया.इस तरह फादर की संस्थागत हत्या हिरासत में कर दी गयी. उपनगरीय बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल के निदेशक डॉ इयान डिसूजा ने उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ को बताया कि 84 वर्षीय स्वामी की सोमवार अपराह्न डेढ़ बजे मृत्यु हो गई. डिसूजा ने अदालत को बताया कि रविवार तड़के स्वामी को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. अधिकारी ने अदालत को बताया, ‘‘उनकी (स्वामी) हालत ठीक नहीं हो पायी और आज दोपहर उनका निधन हो गया.’’उन्होंने बताया कि फेफड़े में संक्रमण, पार्किंसंस रोग और कोविड-19 की जटिलताओं के कारण स्वामी की मौत हो गयी. इस अवसर पर बंटी थोमस,विनॉय डि'क्रुस,प्रतीक राय,ऑड्रिक्स माइकल,रूबी टोप्पो आदि उपस्थित थे.
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