पुलिस राज संबंधित सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने बिहार सरकार की पोल खोली : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 12 जुलाई 2021

पुलिस राज संबंधित सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने बिहार सरकार की पोल खोली : माले

  • रेलवे का किराया तो बढ़ रहा लेकिन सुरक्षा घट रही,  माले विधायक दल के नेता महबूब आलम का डेढ़ लाख रुपया व जरूरी कागजात ट्रेन से गायब.

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पटना 12 जुलाई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी ने भाजपा-जदयू शासन में पुलिस राज में बिहार के लगातार बदलते जाने की हमारी समझदारी को पुष्ट किया है. विगत विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को अपमानित व बुरी तरह से पिटवाई करवाके जिस तरह से ड्रैकोनियन पुलिस ऐक्ट सरकार ने पास किया था, उसके बाद पुलिस का मनोबल सातवें आसमान पर है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक टैंकर ड्राइवर को अवैध रूप से 35 दिनों तक हिरासत में रखने संबंधी याचिका पर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि लगता है बिहार में कानून का नहीं बल्कि पुलिस का राज है. विदित हो कि टैंकर ड्राइवर को बिना कानूनी प्रक्रिया के 35 दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखने की सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने सरकार को 5 लाख का मुआवजा देने का फैसला सुनाया था. इस 5 लाख के मुआवजे के आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे फटकार लगाई. माले राज्य सचिव ने कहा कि सरकार अवलिंब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे जिसने अवैध रूप से टैंकर ड्राइवर को 35 दिनों तक हिरासत में रखा. यह भी कहा कि सरकार इस बात की गारंटी करे कि प्रशासन व पुलिस अपने पद का नाजायज फायदा उठाते हुए किसी भी व्यक्ति को परेशान न करे. यदि ऐसा होता है, तो सरकार कड़ी कार्रवाई करे और लोगों के मानव अधिकारों की रक्षा के प्रति चिंता करे. माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि आज बिहार में अपराध की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जो बेहद चिंताजनक है. केंद्र सरकार कोविड के नाम पर रेलवे के किराये में तो लगातार बढ़ोतरी कर रही है, लेकिन यात्रियों को किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं रह गई है. विगत 10 जुलाई की रात जब कैपिटल एक्सप्रेस से माले विधायक दल के नेता महबूब आलम पटना से बारसोई जा रहे थे, तो रास्ते में ही उनका बैग गायब कर दिया गया, जिसमें तकरीबन डेढ़ लाख कैश व उनके बेहद महत्वपूर्ण कागजात व अन्य सामान थे. विदित हो कि उन्होंने उसी दिन बिहार विधानसभा से अपने दो महीने के वेतन की राशि निकाली थी और अपने वेतन-भत्ते की राशि का एक हिस्सा पार्टी मुख्यालय में जमा करने के बाद शेष राशि के साथ अपने इलाके लौट रहे थे. महबूब आलम ने बारसोई स्टेशन पर उतरने के बाद इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज की है. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे इतना असुरक्षित हो चुका है कि उसमें चलना मुश्किल हो गया है.

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