- विधायकों के साथ मारपीट पर चाहते थे विशेष चर्चा
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को लेकर कहा कि वे सरकार की कठपुतली बनकर रह गए हैं। सरकार के इशारे पर उन्होंने सदन में चर्चा नहीं होने दी, इशारे पर उन्होंने हमारे प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष किसी भी जनहित के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग सदन को जागीर समझ बैठे हैं। इसलिए वहां जाने का कोई मतलब ही नहीं है। हां, अगर प्रस्ताव पर चर्चा होगी तब महागठबंधन के सदस्य सत्र में हिस्सा लेंगे, अन्यथा नहीं। नेता प्रतिपक्ष ने सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां अफसरशाही हावी है। उन्होंने कहा कि 16 वर्षों से सत्ता पर क़ाबिज़ नीतीश-बीजेपी सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के मामले में बिहार सबसे फिसड्डी है। नीति आयोग की रिपोर्ट भी यही कहती है लेकिन फिर भी नीतीश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
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