नयी दिल्ली, 30 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने धनबाद में एक न्यायाधीश की एक वाहन से कथित तौर पर कुचलने की ‘‘वीभत्स घटना में दुखद मौत’’ पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और इसकी जांच की प्रगति के बारे में झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि न्यायिक अधिकारी की मौत की जांच पर निगरानी के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही जारी रहेगी। पीठ ने कहा कि वह मामले पर इसलिए स्वत: संज्ञान ले रहा है क्योंकि न्यायिक अधिकारियों और विधि समुदाय पर हमले की घटनाएं देशभर में हो रही हैं। पीठ ने कहा कि देशभर में न्यायिक अधिकारियों और विधि समुदाय पर हमलों की घटनाओं पर गौर करते हुए उसने मामले पर स्वत: संज्ञान लेना ‘‘उचित’’ समझा क्योंकि इस मुद्दे की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की दुखद मौत पर जांच की स्थिति पर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश देते हैं।’’ पीठ ने कहा कि वह ‘‘न्यायिक अधिकारियों की अदालत परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए कदमों और घटना की प्रकृति’’ जैसे वृहद मुद्दों को लेकर चिंतित है। न्यायालय ने मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई के वक्त झारखंड के महाधिवक्ता को उपस्थिति रहने के निर्देश दिए और कहा कि वह फिर दूसरे राज्यों को नोटिस जारी करने के मुद्दे पर विचार करेगा। शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारी की कथित हत्या से संबंधित मामले पर पहले ही संज्ञान लिया है। वरिष्ठ वकील और एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने मामले को रखा था और कहा था कि यह न्यायपालिका की आजादी पर ‘‘हमला’’ है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखायी दिया कि धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद बुधवार सुबह रणधीर वर्मा चौक पर अच्छी-खासी चौड़ी सड़क के एक ओर सैर कर रहे थे तभी एक ऑटो रिक्शा उनकी तरह आया, उन्हें पीछे से टक्कर मारी और मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोग उन्हें नजदीक के अस्पताल में लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथ ही न्यायालय ने न्यायाधीश की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया और कहा है कि जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करेगा। उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का बुधवार को आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगा और उसने एसआईटी से समय-समय पर जानकारी देते रहने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर किसी भी वक्त अदालत को यह लगा कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है तो मामले को सीबीआई को सौंपा जाएगा। झारखंड पुलिस ने बृहस्पतिवार को ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहायक राहुल वर्मा को मामले के संबंध में गिरफ्तार किया। धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया था कि घटना में शामिल ऑटो बरामद करने के बाद ये गिरफ्तारियां हुई। वाहन को गिरडीह से बरामद किया गया जो एक महिला के नाम पर पंजीकृत है।
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